स्टार कॉमेडियन और बॉलीवुड एक्टर सुनील ग्रोवर आज एक जाना-माना नाम हैं. यह किसी परिचय के मोहताज नहीं. सुनील को इस मुकाम तक पहुंचने में बहुत वक्त और मेहनत लगी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे संग बातचीत में एक बार सुनील ने अपनी स्ट्रगल जर्नी के बारे में खुलकर चीजें बताई थीं. उन्होंने अपनी उस कहानी के बारे में बताया जिसे बहुत कम लोग जानते हैं.
सुनील ने कहा, "मैं एक ऐसा इंसान रहा हूं जो मिमिक्री में शुरू से ही अच्छा रहा. एक्टिंग और लोगों को हंसाना मुझे शुरू से पसंद था. मुझे याद है, मैं 12वीं में था, मैंने ड्रामा कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया था. चीफ गेस्ट ने मुझे कहा कि मुझे इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बाकियों के साथ नाइंसाफी हो जाएगी. मैंने थिएटर में अपनी मास्टर्स पूरी की, एक्टिंग के लिए मुंबई शिफ्ट हुआ."
"पहले एक साल तो मैंने कुछ नहीं किया, केवल पार्टी की. एक पॉश इलाके में रहा. अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल किया और घर से भी पैसे लिए. उस समय मैं केवल 500 रुपये महीना कमाता था. मुझे टेंशन कभी कमाई की इसलिए नहीं हुई, क्योंकि मैं सोचता था कि मैं सक्सेसफुल हो जाऊंगा और खूब पैसे कमाऊंगा. लेकिन मुझे यह अहसास होने में वक्त नहीं लगा कि मेरे जैसे और भी कई लोग यहां स्ट्रगल कर रहे हैं."
"अपने शहर के सुपरस्टार रह चुके हैं. तो मेरे पास कुछ पैसे नहीं बचे थे और न ही कोई कमाई हो रही थी. मेरे लिए यह एक रियलिटी चेक की तरह था. मैं बहुत डीमोटिवेट महसूस कर रहा था. मुझे याद है कि जब मेरे पिता बहुत यंग थे, वह रेडियो अनाउंसर की नौकरी करना चाहते थे."
"उनके पास ऑफर लेटर भी आ गया था, लेकिन मेरे दादा जी इस नौकरी के खिलाफ थे तो उन्हें बैंक में नौकरी करनी पड़ी और बाद में पछतावा करने के अलावा उनके पास कुछ नहीं रहा. मैं अपने सपने को नहीं छोड़ना चाहता था. मैंने खुद को संभाला, दोस्तों की मदद ली और काम की खोज में निकल पड़ा. धीरे-धीरे मुझे काम मिलने लगा, लेकिन सड़क थोड़ी पथरीली थी."
"एक बार मैं टीवी शो के लिए सिलेक्ट हो गया. कुछ दिनों तक हमने उसकी शूटिंग भी की, लेकिन एक दिन मुझे सेट पर पहुंचने का वक्त मिलना बंद हो गया. मैंने जब प्रोडक्शन के बंदे से पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे शो से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है और मुझे आज तक किसी ने उसके पीछे की वजह नहीं बताई. इसी वक्त मुझे काफी वॉइसओवर का काम मिलने लगा."
"वहां मैंने अपना नाम बनाया. तो जब भी मैं फिल्म या टीवी शो से रिजेक्ट होता तो मेरे पास बैकएंड में अपने लिए काम होता, जिससे मैं कमा सकता था. मुझे पता है, हर किसी के पास यह प्रिवलेज नहीं होती है, मुझे पता था कि मैं खुशनसीब हूं कि मुझे काम मिल रहा है. इस तरह मैंने हिम्मत बांधी और काम करता रहा. उस दौरान मुझे रेडियो शो ऑफर हुआ."
"मैं दिल्ली में ऑनएयर होता, लेकिन जब शो लाइव गया तो बहुत वायरल हो गया. उन लोगों ने इंडिया में इसे ऑनएयर करने का सोचा, इससे मुझे पूरे देश में पहचाना गया. इसके बाद मुझे रेडियो, टीवी और फिल्म के ऑफर मिलने शुरू हुए. इसके बाद मुझे 'गुत्थी' का रोल मिला. बहुत कम समय में यह घर-घर में पॉपुलर हो गया. मुझे याद है, जब मैंने लाइव शो में एंट्री ली थी तो वहां मौजूद दर्शक मुझे केवल इसी नाम से पुकार रहे थे."
"मैं पीछे मुड़ा और देखा कि कहीं ये लोग किसी और के लिए तो नहीं चिल्ला रहे हैं, लेकिन वह केवल मेरे लिए ही चिल्ला रहे थे. मुझे थोड़ा वक्त लगा यह बात पचाने में. खुद को समेटा और परफॉर्म किया. नहीं पता था कि इस तरह मैं पूरी दुनिया में पॉपुलर हो पाऊंगा. मैं सुनिश्चित करता था कि मेरे आसपास के सभी लोग एंटरटेन रहें और मुस्कुराते रहें. मैंने अपने सपने को कभी खत्म नहीं होने दिया."