कभी-कभी अपनी फिल्मों को बचाने के लिए एक्टर्स को आगे आना पड़ता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी फिल्म में काम करने का एक्टर्स का जूनून ऐसा हो कि वह किसी भी कीमत पर उसका हिस्सा होना चाहते हैं. भले ही इसका मतलब है फीस ना लेना, उसे घटा देना या फिर टोकन के रूप में चंद रुपए लेना.
अपनी फिल्म जर्सी को थिएटर में रिलीज करवाने के लिए शाहिद कपूर ने अपनी फीस घटा दी है. उनके इस मूव की काफी तारीफ हो रही है. लेकिन ऐसा भी पहले कई बार हुआ है कि एक्टर्स ने किसी फिल्म का हिस्सा बनने के लिए ही अपनी फीस को कम कर दिया हो या ना ली हो. आइए आपको इसके बारे में बताएं.
सोनम कपूर ने फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में बीरो का रोल निभाने के लिए महज 11 रुपए लिए थे. डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी The Stranger in the Mirror में इस बारे में बताया है.
फराह खान की बनाई फिल्म 'ओम शांति ओम' से दीपिका पादुकोण पहचान बनाई थी. इस फिल्म को दीपिका ने फ्री में किया था.
सलमान खान सुपरस्टार हैं और इसलिए फिल्मों में उनकी स्पेशल अपीयरेंस को खास माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि फिल्म 'तीस मार खान', 'अजब प्रेम की गजब कहानी', 'ओम शांति ओम' और 'सन ऑफ सरदार' में सलमान ने कैमियो के कोई पैसे नहीं लिए थे.
राजकुमार राव ने फिल्म 'ट्रैप्ड' को फ्री में किया था. राजकुमार ने अरबाज खान के चैट शो में इस बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि कुछ फिल्में पैसों से बड़ी होती हैं.
इरफान ने अपनी जिंदगी और करियर में यह साबित किया था कि उनसे बढ़िया इंसान और एक्टर शायद ही कोई है. शॉर्ट फिल्म 'रोड टू लदाख' को करने के लिए इरफान ने कई मुश्किलों का सामना किया था. डायरेक्टर आश्विन ने इसके बारे में बताया था. आश्विन के मुताबिक, उनके पास इरफान को देने के लिए पैसे नहीं थे. फिर भी इरफान फिल्म को सपोर्ट करने के लिए तैयार हुए. फिल्म के शूट से पहले इरफान के हाथ में चोट लग गई थी. शूटिंग पर जाने पर उन्हें पता चला कि इरफान को ऊंची जगहों पर दिक्कत होती है. उस समय लदाख का मौसम भी खतरनाक था. लेकिन फिर भी इरफान ने ना नहीं की और तमाम परेशानियों का सामना कर फिल्म में काम किया.
विशाल भारद्वाज की फिल्म 'हैदर' के प्रोडक्शन का खर्च कवर करने के लिए शाहिद कपूर ने इस फिल्म को फ्री में किया था. यह शाहिद की बेस्ट फिल्मों में से एक है.
मीना कुमारी ने अपनी आखिरी फिल्म 'पाकीजा' को करने के लिए कोई पैसा नहीं लिया था. मीना की यह फिल्म सुपरहिट रही थी. इसके चर्चे आज भी सिनेमा की दुनिया में होते हैं.
फिल्म 'मंटो' के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक रुपया लिया था. इस फिल्म में नवाज उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो के किरदार में नजर आए थे.