बॉलीवुड और पॉलिटिक्स का पुराना नाता रहा है. पॉलिटिक्स पर कई सारी फिल्में बनती रही हैं वहीं कई सारे एक्टर्स भी वक्त-वक्त पर पॉलिटिक्स जॉइन करते रहे हैं. मगर एक वक्त ऐसा आया जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि नेतागिरी उनके बस की बात नहीं और उन्होंने पॉलिटिक्स से हाथ जोड़ लिए. बता रहे हैं फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे ही एक्टर्स के बारे में.
लंबे इंतजार के बाद रजनीकांत ने अपने फैन्स को ये खुशखबरी दी थी कि एक्टर अपनी पार्टी लॉन्च करने वाले हैं. ऐसा मुमकिन लग भी रहा था. मगर हाल ही में शूटिंग के दौरान रजनीकांत की तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में उन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ा. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रजनीकांत ने बड़ा ऐलान किया कि वे पॉलिटिक्स जॉइन नहीं करेंगे मगर जनताहित में लगे रहेंगे.
बॉलीवुड सुपरस्टार राजेश खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शानदार एक्टिंग और पर्सनालिटी से पहले सुपरस्टार का तमगा हासिल किया. पॉलिटिक्स में भी उन्होंने हाथ आजमाया और कामयाब भी रहे. साल 1992 में उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को मात दी. वहीं साल 1996 में मेंबर ऑफ लोकसभा रहते अपने पॉलिटिकल करियर पर पूर्णविराम लगा दिया. वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे.
महानायक अमिताभ बच्चन ने भी 80 के दशक में पॉलिटिक्स में दिलचस्पी दिखाई. साल 1984 में अमिताभ बच्चन ने फिल्मों से ब्रेक लिया और इलाहाबाद से लोक सभा का एलेक्शन लड़ा. वे जीते भी. मगर बाद में बोफोर्स घोटालों में जब उनका नाम उछाला गया तो उन्होंने अपना पॉलिटिक्स करियर वहीं खत्म करने का निर्णय लिया.
एक्टर गोविंदा साल 2004 से 2009 तक मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रहे. वे इंडियन नेशनल कांग्रेस के साथ जुड़े रहे. मगर उन्होंने साल 2008 में पॉलिटिक्स छोड़ दी. उन्होंने इसका हवाला ये दिया कि पॉलिटिक्स की वजह से उनका एक्टिंग करियर बर्बाद हो गया.
पिता सुनील दत्त और बहन प्रिया दत्त की तरह संजय दत्त ने भी अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था. वे समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े थे. मगर जब उन्होंने साल 2009 में लोक सभा इलेक्शन के लिए नॉमिनेशन फाइल किया तो कोर्ट द्वारा उसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद वे समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बन गए. साल 2010 में उन्होंने अपनी ये पोजिशन छोड़ दी.