संगीत के अलावा अगर बप्पी लाहिड़ी का कोई और प्रेम मशहूर था तो वो था सोने से उनका प्यार. सोने के गहनों से लदे रहने वाले बप्पी दा, सोने को खुद के लिए लकी मानते थे. उन्होंने इसका कारण भी साझा किया था कि उन्हें जब जब सोना दिया गया, उनके गाने भी उसी तरह हिट होते रहे. अब बप्पी लाहिड़ी के निधन के बाद इतने सारा सोना आखिर किसे दिया जाएगा, आइए जानें.
इंडिया टुडे ने बप्पी लाहिड़ी के करीबी सूत्र के हवाले से बताया कि बप्पी दा के सोने का क्या होगा? सूत्र के मुताबिक बप्पी दा अपने सोने को बहुत सुरक्षित रखते थे. वे इन्हें एक प्रोटेक्टिव केस में रखा करते थे. खुद बप्पी दा इनकी सफाई करते थे और संभालते थे.
बप्पी दा के एक दोस्त ने बताया 'वे सोने के साथ एक गहरा और निजी रिश्ता साझा करते थे. ये उनके लिए सिर्फ गहना नहीं था. उन्हें इसका एहसास था कि सोना ही उनका सिग्नेचर लुक बन चुका है. उन्हें खुशी थी कि उन्होंने सोने से अपने लिए एक आइकॉनिक लुक तैयार किया है.'
'बप्पी दा पश्चिम के हिप-हॉप और R&B म्यूजिक से बहुत प्रभावित थे. और उन्हें ये भी पता था कि रैपर्स को चकाचौंध और हीरे से खास लगाव होता है. वे खुद को हॉलीवुड म्यूजिक कंपोजर्स और लेजेंड्री प्रोड्यूसर्स जैसे Dr Dre और दूसरे हिप-हॉप आर्टिस्ट्स की लीग में शामिल करते थे, जो चमक दमक वाली हीरे की चेन पहनते थे. वे इसे 'ice' कहकर बुलाते थे.'
बप्पी लाहिड़ी का अपना स्पेशल असिस्टेंट और हेल्पर भी था जो उनके गोल्ड की रखवाली करता था. वे इन सभी सोने के गहनों के लिए पर्सनल लिस्ट रखते थे. रिपोर्ट्स की मानें तो बप्पी दा अपनी रॉयल्टी की कमाई से सोना खरीदते थे. सोने के साथ उनका रिश्ता आध्यात्मिक था.
कुछ मौके हुआ करते थे जब सेलेब्स और फैंस बप्पी दा से उनके सोने की चेन के साथ फोटो लेने की इजाजत मांगते थे. और बप्पी दा अपने अनोखे अंदाज में विनम्रता के साथ मना कर देते थे.'
'उन्हें पसंद नहीं था कि कोई उनकी गहनों को छुए. जो लोग उनसे मिलने आते या उनके पैर छूने आते थे, बप्पी दा उनसे दूरी बनाए रखने की कोशिश करते थे.'
बप्पी दा किसी को अपना सोना छूने की इजाजत नहीं देते थे. ऐसे में अब उनके गहनों का क्या होगा. सूत्रों की मानें तो बप्पी दा ने इतने सालों में सोने की चेन, पेंडेंट, अंगूठी, ब्रेसलेट, भगवान गणेश की मूर्ति, हीरा जड़ा चार्म ब्रेसलेट्स, गोल्ड फ्रेम्स और गोल्ड कफलिंक्स इकट्ठा किए हैं. ये सभी गहने ट्रांसपेरेंट केसेज और डिब्बों में रखे हुए हैं. ये सब लॉक्ड क्लोसेट, कबर्ड्स में सहेज कर रखे गए हैं जो अब परिवार की विरासत का हिस्सा बन चुके हैं.
परिवार के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि बप्पी दा का बेटा बप्पा और बेटी रीमा ने अपने पिता के सोनों को संरक्षित रखने का फैसला लिया है. वे अपने पिता की लेगेसी को हमेशा ऐसे ही रखने का प्लान कर चुके हैं.'