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पहले टीवी फिर फिल्मों में जमाई धाक, रिजेक्शन्स पर बोलीं विद्या बालन- किसी के बाप की इंडस्ट्री नहीं है...

'नेपोटिज्म है या नहीं है, मैं यहां हूं. किसी के बाप की इंडस्ट्री नहीं है, नहीं तो हर बाप का बेटा और हर बाप की बेटी सक्सेसफुल होती. मैंने तो आजतक फिल्म इंडस्ट्री में किसी भी तरह की बायसनेस नहीं देखी है.'

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विद्या बालन
विद्या बालन

हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाना किसी के लिए भी आसान नहीं रहा. विद्या बालन के लिए भी ये सफर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा. हाल ही में विद्या ने एक शो में रिजेक्शन्स, नेपोटिज्म और आने वाली फिल्म 'दो और दो प्यार' पर खुलकर बात की. एक्ट्रेस ने डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की पोल खोली. 

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विद्या ने कही ये बात
विद्या बोलीं- 'नेपोटिज्म है या नहीं है, मैं यहां हूं. किसी के बाप की इंडस्ट्री नहीं है, नहीं तो हर बाप का बेटा और हर बाप की बेटी सक्सेसफुल होती. मैंने तो आजतक फिल्म इंडस्ट्री में किसी भी तरह की बायस्डनेस नहीं देखी है.'

विद्या बालन के को-स्टार प्रतीक गांधी ने भी काफी स्ट्रगल किया है. एक समय एक्टर की लाइफ में ऐसा भी आया था, जब उन्हें हर जगह से सिर्फ और सिर्फ रिजेक्शन ही मिल रहे थे. यहां तक कि टीवी के ऑडिशन्स तक में उन्हें रिजेक्ट किया जा रहा था. मुंबई में आकर जो प्रतीक ने स्ट्रगल किया, उसको लेकर उन्होंने कहा- टीवी ने मुझे पहली नजर में देखते ही रिजेक्ट कर दिया था. हर ऑडिशन में मुझे मना किया जाता था. टीवी शो के लिए एक एक्टर को वो अलग ही तरह से देखते थे. उनके लिए मैं जिस तरह दिखता था, वो एक टीवी एक्टर में वो नहीं देखते थे. एक एक अलग तरह की फिजीक, स्किन कलर और लुक वाला एक्टर तलाश रहे थे. मैं उनकी कैटेगरी में खरा नहीं उतर रहा था. 

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वहीं, विद्या बालन ने बताया कि करियर के शुरुआती दिन उनके लिए बहुत खराब थे. वो किसी के साथ रिश्ते में थीं और उनका ब्रेकअप हो गया था. 3 साल तक वो इससे बाहर नहीं निकल पाईं. विद्या ने कहा कि रिजेक्शन की फीलिंग इतनी स्ट्रॉन्ग होती है कि वो आपको तोड़ देती है. मैं टूट गई थी. पर जो मेरे अंदर का जुनून था उसने मुझे कायम रखा. 

बता दें कि विद्या बालन और प्रतीक गांधी अपनी आने वाली फिल्म 'दो और दो प्यार' के प्रमोशन्स में बिजी चल रहे हैं. 

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