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शोबिज छोड़ने वाले थे आमिर खान, परिवार की खातिर बदला फैसला, बोले- पिछले 3 सालों में...

आमिर ने बताया कि कोविड-19 के दौरान उन्हें रियलाइज हुआ कि उन्हें कुछ चीजों को प्रायॉर्टाइज करना चाहिए. जब चीजों को सही करने की कोशिश भी की तो लगा नहीं था कि उन सबका आउटकम कुछ और ही होगा.

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आमिर खान
आमिर खान

पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री जानती है कि आमिर खान मिस्टर पर्फक्शनिस्ट हैं. अपने काम को एकदम परफेक्ट तरह से करना प्रिफर करते हैं. कोई चीज खराब हो या फिर गलत हो, वो सुनिश्चित करते हैं कि कुछ भी मिस न हो. हाल ही में एक इंटरव्यू में आमिर ने बताया कि वो फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना रहे थे. पर उन्होंने अपने इस निर्णय को फिर से सोचा और बदला. 

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आमिर ने कही ये बात
आमिर ने बताया कि कोविड-19 के दौरान उन्हें रियलाइज हुआ कि उन्हें कुछ चीजों को प्रायॉर्टाइज करना चाहिए. जब चीजों को सही करने की कोशिश भी की तो लगा नहीं था कि उन सबका आउटकम कुछ और ही होगा. बीते कई सालों में आमिर ने फिल्म इंडस्ट्री को कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. ये सिलेक्टिव फिल्में करते हैं, लेकिन परफॉर्मेंस ऐसी देते हैं कि किरदार में जान डाल देते हैं. एक्टिंग इंडस्ट्री का हीरा आमिर को कहा जाता है. 

The Hollywood Reporter India संग बातचीत में आमिर ने कहा- मेरे ख्याल से कोविड-19 का समय था, मैं घर पर अकेला बैठा था. मुझे रियलाइज हुआ कि इतने सालों में मैंने परिवार को समय ही नहीं दिया है. जिनसे मैं इतना क्लोज हूं. मैंने उस समय तय किया कि 'लाल सिंह चड्ढा' मेरी आखिरी फिल्म होगी. इसके बाद मैं परिवार के साथ समय बिताऊंगा. मैंने जो उन्हें समय नहीं दिया, वो अब दूंगा, उन्हें मनाऊंगा. 

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आमिर ने बदला मन
आमिर खान ने अपना ये निर्णय फैन्स के साथ शेयर नहीं किया था, क्योंकि वैसे भी दर्शक आमिर से हर साल फिल्म एक्सपेक्ट नहीं करते. धीरे-धीरे लोगों को लगने लगता कि वो रिटायर हो गए हैं. फिर जब 'लाल सिंह चड्ढा' आई तो फैन्स को लगा कि अब आमिर की 2-3 साल कोई फिल्म नहीं आएगी. जब अपकमिंग प्रोजेक्ट्स पर कोई अपडेट नहीं आएगा तो उन्हें यकीन हो जाएगा कि एक्टर फिल्म इंडस्ट्री क्विट कर चुके हैं. पर फिर आमिर ने अपना ये निर्णय परिवार के साथ शेयर किया.

आमिर ने कहा- मैंने ये निर्णय परिवार के लिए लिया था पर वो ये सुनकर कुछ खास खुश नहीं हुए. करीब 6-8 महीने बाद परिवार मुझे घर में बैठे देख मेरे से बोर होने लगा. परिवार के लोगों ने कहा कि तुम बाहर जाओ और काम करो, क्योंकि तुम हमें बहुत टाइम दे चुके हो, हमें इससे ज्यादा तुम्हारे समय की जरूरत नहीं है. फिर बच्चों ने मुझे मिडिल ग्राउंड दिखाया. प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बैलेंस सिखाया. पिछले 3 साल से मैं ये मेनटेन कर रहा हूं. मैं कोशिश करता हूं कि रोज काम से मैं शाम में 6 बजे घर पहुंच जाऊं, जिससे परिवार को भी समय दे सकूं.
 

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