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आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म 'महाराज' जब अनाउंस हुई, तभी से जनता इसका इंतजार कर रही थी. नेटफ्लिक्स ने फरवरी में हुए इवेंट में जब अपने नए इंडियन प्रोजेक्ट्स की झलकियां शेयर कीं, तो 'महाराज' भी उसमें शामिल थी.
मई में अनाउंस हुआ कि ये 14 जून को रिलीज होगी. मगर इस अनाउंसमेंट के बाद फिल्म से जुनैद और जयदीप अहलावत के फर्स्ट लुक के अलावा, कोई टीजर-ट्रेलर- प्रोमो नहीं शेयर किया गया. रिपोर्ट्स आईं कि मेकर्स ने नया मार्केटिंग प्लान बनाया है और रिलीज के बाद जब कहानी के दम पर फिल्म की चर्चा होगी, तभी प्रमोशन किया जाएगा.
लेकिन 'महाराज' की रिलीज से ठीक एक दिन पहले, गुरुवार को खबर आई कि ये फिल्म अब कानूनी पंगे में उलझ गई है और अब टलने वाली है. और इसकी वजह है 'महाराज' की कहानी को लेकर शुरू हुआ विवाद.
क्या है 'महाराज' का विवाद?
जुनैद खान की डेब्यू फिल्म 1862 के 'महाराज लाइबल केस' पर बेस्ड है. मामला ये था कि जर्नलिस्ट और समाज सुधारक करसनदास मूलजी ने, वल्लभ संप्रदाय की धारणाओं और धर्मगुरु (जिन्हें महाराज की पदवी दी जाती है) के आचरण पर सवाल उठाते हुए एक आर्टिकल लिखा.
इसमें उन्होंने महाराज पर पर यौन दुराचार का आरोप भी लगाया. महाराज ने इस आर्टिकल के लिए करसनदास पर मानहानि का मुकदमा ठोंक दिया. करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद, कोर्ट ने करसनदास के पक्ष में फैसला दिया था.
150 साल से ज्यादा पुरानी कहानी लेकर आ रही 'महाराज' में जुनैद ने जर्नलिस्ट करसनदास मूलजी का किरदार निभाया है. फिल्म में जुनैद के सामने जयदीप विलेन के रोल में हैं. 'महाराज' की रिलीज डेट पास आई तो सोशल मीडिया पर फिल्म को बैन करने और नेटफ्लिक्स का बॉयकॉट की डिमांड वाले हैशटैग ट्रेंड करने लगे.
लोग आरोप लगा रहे हैं कि ये फिल्म और नेटफ्लिक्स 'एंटी हिंदू' कंटेंट प्रमोट कर रही है. विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सनातन धर्म का अपमान नहीं सहा जाएगा. 'महाराज' फिल्म को बैन किया जाए.
#BoycottNetflix.'
कोर्ट ने फिल्म पर लगाया स्टे
'महाराज' को बैन करने की मांग के साथ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका भी डाली गई. भगवान कृष्ण और वल्लभाचार्य के भक्तों की तरफ से दायर इस याचिका में कहा गया है कि फिल्म 'महाराज लाइबल केस 1862' पर आधारित है और ये 'पब्लिक ऑर्डर पर खराब असर डालने के साथ-साथ संप्रदाय और हिंदू धर्म के अनुयायियों के विरुद्ध हिंसा भड़का सकती है.' इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 'महाराज' की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है. इस मामले में अगली सुनवाई 18 जून को होगी, जिसमें फिल्म का भविष्य तय होने की उम्मीद है. फिलहाल, 'महाराज' की रिलीज टल गई है.
ओटीटी पर भी बना 'बैन' और 'बॉयकॉट' का प्रेशर
पिछले कुछ सालों में, खासकर लॉकडाउन से पहले तक अधिकतर उन्हीं फिल्मों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखने को मिलता था, जो थिएटर्स में रिलीज होती थीं. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर आने वाला कंटेंट लंबे समय तक 'बैन' के खतरे से सुरक्षित ही चलते रहे. नेटफ्लिक्स की पहली इंडियन ऑरिजिनल वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' (2018) की पॉलिटिक्स को लेकर भी सोशल मीडिया पर थोड़ा शोर हुआ. लेकिन ये शो न सिर्फ बिना किसी बदलाव के नेटफ्लिक्स पर मौजूद रहा, बल्कि एक साल बाद इसका दूसरा सीजन भी आया. मगर 2020 में आई अमेजन प्राइम की वेब सीरीज 'तांडव' के बाद से ये माहौल बदलने लगा.
सैफ अली खान, जीशान अयूब और सुनील ग्रोवर स्टारर 'तांडव' पर भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा. इस शो के खिलाफ बैन और बॉयकॉट का कैम्पेन चलने लगा. देश की बड़ी पॉलिटिकल पार्टी की तरफ से बैन की मांग को समर्थन मिलने के बाद, मामला गर्म हो गया और मेकर्स से लेकर प्राइम के ऑफिशियलस तक में खलबली मच गई. इस दबाव का असर ये हुआ कि 'तांडव' के डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने पब्लिकली माफी मांगी और शो से विवादित पोर्शन एडिट करने का वादा किया. नए एडिट के साथ, 'तांडव' को अपडेट किया गया और ये विवादित हिस्सों के बिना अमेजन प्राइम पर अवेलेबल है.
जनवरी 2024 में साउथ की पॉपुलर स्टार नयनतारा की फिल्म 'अन्नपूर्णी' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई. मगर फिल्म के एक सीन पर हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा और बैन की मांग वाले कैम्पेन शुरू हो गए. शिव सेना लीडर रमेश सोलंकी ने पुलिस में इस फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. मामले ने जोर पकड़ा और आखिरकार नेटफ्लिक्स ने फिल्म ही हटा दी.
विवाद के खतरे में रिलीज से पहले रुक गए प्रोजेक्ट
ऐसी भी रिपोर्ट्स आती रही हैं कि फिल्मों और शोज को लेकर होने वाली पॉलिटिक्स और विवादों को बढ़ता देख, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अब अपने प्रोजेक्ट्स पहले ही सेंसर करने लगे हैं. 'सेक्रेड गेम्स' जैसी बेहद पॉपुलर वेब सीरीज बना चुके डायरेक्टर अनुराग कश्यप, एक इंटरव्यू में आरोप लगा चुके हैं कि सेक्रेड गेम्स का सीजन 3 इस दबाव की वजह से कैंसिल कर दिया गया. उन्होंने मैशेबल इंडिया के साथ इंटरव्यू में कहा, 'ओटीटी की आज की डेट में हिम्मत ही नहीं है. 'तांडव' के बाद सब डर गए हैं.'
अनुराग कश्यप ने 'द वाशिंगटन पोस्ट' को बताया कि वो राइटर सुकेतु मेहता की किताब 'मैक्सिमम सिटी' को स्क्रीन पर एडाप्ट करने वाले थे. मगर नेटफ्लिक्स अचानक इस प्रोजेक्ट से बैकआउट कर गया. उन्होंने ये चौंकाने वाला खुलासा भी किया कि शो कैंसिल होने के बाद वो डिप्रेशन में चले गए और इसी फेज में उन्हें दो हार्ट अटैक भी हुए.
हालांकि, नेटफ्लिक्स या किसी दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म से कभी इस तरह की 'सेल्फ सेंसरशिप' को लेकर ऑफिशियली कोई बयान नहीं आया. लेकिन ऐसे कई प्रोजेक्ट्स हैं जिनके अटकने के पीछे पॉलिटिकल विरोध के डर को वजह बताया गया. अनुराग के साथ 'सेक्रेड गेम्स' का हिस्सा रह चुके फिल्ममेकर विक्रमादित्य मोटवाने की, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर डाक्यूमेंट्री से भी नेटफ्लिक्स ने हाथ खींच लिए.
हाल ही में 'खोसला का घोसला' और 'ओये लकी लकी ओये' डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी ने फिल्म कम्पेनियन के इंटरव्यू में कहा था कि उनकी नेटफ्लिक्स फिल्म 'तीस' बनकर तैयार थी, मगर नेटफ्लिक्स ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. रिपोर्ट्स में इसकी वजह भी पॉलिटिकल माहौल को बताया गया था. बंद पड़ी फिल्म को अपना 'बेस्ट काम' बताते हुए दिबाकर ने कहा था कि नेटफ्लिक्स ने उन्हें कहा 'ये इसे रिलीज करने का सही समय नहीं है.' उन्होंने ये भी बताया कि उनके साथ 'लव सेक्स और धोखा 2' प्रोड्यूस करने वालीं एकता कपूर ने 'तीस' देखी है और उन्होंने कहा कि मुझे फिल्म बहुत पसंद आई, मगर मैं इसे रिलीज नहीं करना चाहूंगी.'
थिएट्रिकल फिल्मों से ज्यादा डर में ओटीटी?
पिछले 10 साल को देखें तो थिएटर्स में रिलीज हुई कई फिल्मों को लेकर बैन और बॉयकॉट के कैम्पेन चल चुके हैं. मगर कुछ ही फिल्में हैं जिनपर ऑफिशियली बैन लगा है. जहां 'पद्मावत' को गुजरात, राजस्थान और हरियाणा ने बैन किया था; वहीं 'मोहल्ला अस्सी' को उत्तर प्रदेश ने. 'MSG 2' को झारखण्ड में बैन किया गया और 'द केरला स्टोरी' को पश्चिम बंगाल में. लेकिन 'पद्मावत' और 'द केरला स्टोरी' के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने, राज्यों द्वारा लगाए बैन के फैसले को पलटा भी था.
हालांकि, बैन की खबरों और विवादों ने इन राज्यों में, इन फिल्मों का नुक्सान तो किया ही. फिर भी कोर्ट के फैसले ने रिलीज रोक देने जैसे प्रेशर से तो मुक्ति दिला दी थी. ओटीटी के मामले में ये प्रेशर दूसरी तरह से असर कर रहा है. ये साफ दिख रहा है कि विवाद होने का डर, प्लेटफॉर्म्स को अपना कंटेंट सेंसर करने की तरफ ले जा रहा है.
लेटेस्ट मामले में, 'महाराज' से बिना कोई सीन-कहानी-ट्रेलर सामने आए बिना ही विवाद छिड़ा हुआ है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि आगे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का कंटेंट पॉलिटिक्स से बचने के लिए, पॉलिटिक्स की कितनी कम बात करेगा.