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Nanda Death Anniversary: जिस एक्ट्रेस ने शश‍ि कपूर को बनाया स्टार, उनके प्यार में पागल थे कई सेलेब्स, फिर भी नहीं की शादी

Nanda Death Anniversary: नंदा ने ना सिर्फ अपने को-एक्टर का करियर संवारा बल्कि प्यार में ऐसा बलिदान दिया कि आजीवन अकेली रहीं और विधवाओं की तरह पूरी जिंदगी गुजार दी. नंदा का जन्म 8 जनवरी 1939 को हुआ था और 25 मार्च 2014 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था. 

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नंदा, शशि कपूर
नंदा, शशि कपूर

हर इंसान को प्यार की चाहत होती है, लेकिन कोई हमेशा के लिए खुद को किसी के साथ से दूर रखे, ऐसा बमुश्किल ही कोई कर पाता है. वहीं ऐसा इंसान जो किसी का करियर संवारने के लिए अपने सिर फ्लॉप फिल्मों का ठप्पा ले ले, शायद देखने को मिले. लेकिन एक ऐसी शख्सियत थी, जिन्होंने वो सब कुछ किया जो किसी की नजरों में महान बनने के लिए काफी होता है.

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एक ऐसी एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने सब कुछ किया, बिना किसी शक और सवाल के. वो थीं 1950 से 1980 के दशक में हिंदी सिनेमा पर राज करने वाली नंदा कर्नाटकी. नंदा ने ना सिर्फ अपने को-एक्टर का करियर संवारा बल्कि प्यार में ऐसा बलिदान दिया कि आजीवन अकेली रहीं और विधवाओं की तरह पूरी जिंदगी गुजार दी. नंदा का जन्म 8 जनवरी 1939 को हुआ था और 25 मार्च 2014 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था. 

कपूर खानदान के इस चिराग का संवारा करियर
नंदा उन एक्ट्रेसेज में से थीं, जो कमिटमेंट की पक्की थीं और अपने फैसले से कभी पीछे नहीं हटती थीं. नंदा ने पिता की मौत के बाद, 7 साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं था, इस वजह से स्कूल नहीं जा पाई और घर से ही पढ़ाई की. 1948 में मंदिर फिल्म से चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर करियर शुरू करने वाली नंदा 1956 में तूफान और दिया फिल्म से एक सुपरहिट एक्ट्रेस बन चुकी थीं. 

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शशि कपूर के साथ नंदा

लेकिन नंदा कभी न्यू-कमर्स के साथ काम करने से पीछे नहीं हटीं. उन्होंने हमेशा किसी का हौसला ही बढ़ाया. नंदा ने शशि कपूर के साथ उस वक्त लगातार 8 फिल्में साइन कीं, जब उन्हें कोई नहीं जानता था. शशि एक हिट फिल्म को तरस रहे थे. शशि की सोलो लीड एक्टर के तौर पर लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं. लेकिन फिर नंदा के साथ 1965 में जब जब फूल खिले फिल्म आई. फिल्म के साथ-साथ इसका गाना ये समा...समा है ये प्यार का जबरदस्त हिट हुआ और शशि रातों रात सुपरस्टार बन गए. शशि ने नंदा को अपनी फेवरेट हीरोइन ऐलान कर दिया था. शशि अक्सर अपने बेटे को भी एक्ट्रेस के पैर छूकर आशीर्वाद लेने के लिए कहते थे. नंदा ने अपने करियर में लगभग सभी बड़े हीरो के साथ काम किया. नंदा उन एक्ट्रेसेज में से थीं, जो अपनी फिल्म में डायरेक्टर्स को हीरो के नाम सजेस्ट करती थीं. बताया जाता है कि, द ट्रेन फिल्म के लिए राजेश खन्ना का नाम भी उन्होंने ही सुझाया था.   

आजीवन कुवांरी रही एक्ट्रेस
नंदा को फिल्मों और फैंस से भले ही बेहद प्यार मिला, लेकिन निजी जीवन में वो अकेली ही रहीं. ये जिदंगी उन्होंने खुद अपने लिए चुनी थी. नंदा पर कई बड़े सेलेब्स जान छिड़कते थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी को अपने नजदीक नहीं आने दिया. डायरेक्टर सूरज प्रकाश ने एक बार एक किस्सा बताया था. 'जब जब फूल खिले' की शूटिंग के वक्त महाराष्ट्रियन लेफ्टीनेंट कर्नल नंदा की खूबसूरती पर मर मिटे थे. कर्नल ने डायरेक्टर से गुजारिश की थी कि वो नंदा की मां तक उनका शादी का प्रपोजल पहुंचाए. लेकिन एक्ट्रेस ने मना कर दिया. नंदा के भाई ने भी उनके लिए कई रिश्ते भेजे पर एक्ट्रेस ने किसी की नहीं सुनी. उन्होंने सबके लिए मना कर दिया. 

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मनमोहन देसाई के साथ नंदा

नंदा के बारे में ये किस्सा बेहद फेमस है कि डायरेक्टर मनमोहन देसाई उनसे बेहद प्यार करते थे. लेकिन वो अपने शर्मीले स्वभाव के कारण कभी उनसे अपने दिल की बात ना कह पाए. मनमोहन ने जिस जीवनप्रभा से शादी की थी, उसका कारण भी यही था कि वो नंदा जैसी दिखती थीं. लेकिन जीवनप्रभा का कुछ समय बाद ही देहांत हो गया. इसके कुछ समय बाद किस्मत से उनकी लकीरें नंदा से जा मिली. नंदा के दिल को भी मनमोहन का प्यार छू गया. 52 की उम्र में नंदा और मनमोहन की सगाई हुई. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 

सगाई के दो साल बाद मनमोहन की घर की छत से गिरकर मौत हो गई. एक्ट्रेस इस दुख से उबर भी ना पाई थी कि कुछ समय बाद ही नंदा की मां की कैंसर से मौत हो गई. नंदा ताउम्र कुंवारी ही रहीं. फिर कभी उन्होंने शादी के बारे में नहीं सोचा. उन्होंने अपने आपको घर में ही कैद कर लिया. कभी अगर पब्लिकली दिखीं भी तो सफेद लिबास में ही नजर आईं. 

 

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