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बेटी को खोने का दर्द, सीन करने में हुई मुश्किल, तनिष्ठा चटर्जी बोलीं- हावी हो गया था येलो बस का रोल

मुंबई में सिनेमालवर्स के लिए मोस्ट अवेटेड फिल्म फेस्टिवल मामी की शुरुआत हो चुकी है. तमाम फिल्मों की फेरिहस्त में तनिष्ठा चटर्जी और अमित सियाल स्टारर फिल्म 'येलो बस' की जबरदस्त चर्चा है. फिल्म की शूटिंग एक्सपीरियंस पर खुद तनिष्ठा हमसे बातचीत करती हैं.

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तनिष्ठा चटर्जी
तनिष्ठा चटर्जी

तनिष्ठा चटर्जी इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'येलो बस' को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म को मुंबई के प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल मामी में प्रीमियर किया जा रहा है. फिल्म में तनिष्ठा एक ऐसी मां की भूमिका में है, जो स्कूल में हुए एक हादसे में अपनी बेटी को खो देती है. इस मुलाकात में तनिष्ठा बताती हैं कि यह फिल्म करना उनके लिए किसी टॉर्चर से कम नहीं था. 

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येलो बस के लिए हामी भरने पर तनिष्ठा कहती हैं, 'सबसे बड़ी बात जो मुझे अच्छी लगी कि यह फिल्म मदरहुड पर है. गुनीत मोंगा इसकी प्रोड्यूसर हैं, उनके साथ मैंने पहले भी काम किया हुआ है. मैं उनके काम और उनकी चॉइसेस की कद्र करती हूं. जब स्क्रिप्ट पढ़ी, तो बेशक कहानी में बहुत दम तो दिखा था, लेकिन ये मुझे थोड़ा ट्रॉमैटिक भी लग रहा था. एक मां होने के नाते मैं ये भी सोच रही थी कि ऐसी फिल्म का हिस्सा बनना खुद को टॉर्चर करना होगा. इससे इमोशन से कैसे डील किया जाए, साइन करने से पहले मैं इसी सोच में थी.'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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एक एक्टर के तौर पर तनिष्ठा के लिए इस फिल्म से क्या टेकअवे रहा था. इसके जवाब में तनिष्ठा कहती हैं, 'फिल्म में मैं एक ऐसी मां के किरदार में हूं, जो अपनी बेटी को खो देती है.बतौर एक्टर मैं तो इस प्रॉसेस से गुजर रही थी लेकिन शूट करते वक्त अक्सर ये मेरे जेहन में चलता रहता था कि उस मां पर  क्या गुजरती होगी, जिसने वाकई में अपनी संतान खोया है. मैं छ हफ्ते तक उसी दर्द में थी. हालांकि मेरे जेहन में कहीं न कहीं ये बात भी थी कि ये मेरी रील वाली जिंदगी है, मैं तो वापस जरूर चली जाऊंगी. मेरी जिंदगी का यह सच हो नहीं सकता. उन माओं को लेकर मेरा दिल टूट जाता है.

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तनिष्ठा आगे कहती हैं, शूटिंग के दौरान प्रोड्यूसर, डायरेक्टर दोनों ने ही कहा था कि मैं उनकी फिल्म की शूटिंग के वक्त आठ हफ्तों तक अपनी बेटी को भी सेट पर लेकर जा सकती हूं ताकि मुझे इमोशनल सपोर्ट मिल सके. मैंने उनके ऑफर को एक्सेप्ट इसलिए नहीं किया क्योंकि मैं रोजाना शूटिंग का ट्रॉमा झेलने के बाद रूम में आकर अपनी बेटी की शक्ल नहीं देखना चाहती थी. मैं चाहती थी कि उससे थोड़ा डिसकनेक्ट हो जाऊं, क्योंकि अगर वो मेरे सामने होती, तो शायद और भी ज्यादा इमोशनल डैमेज हो जाती. मैं हर रोज अपनी बेटी की शक्ल देखकर जाऊं और सेट पर जाकर बेटी को खोने का सीन करूं, वो मुझसे नहीं होगा.'

बता दें, तनिष्ठा की इस फिल्म में अमित सियाल भी महत्वपूर्ण भूमिका में है. यह कहानी एशिया में हुए एक असल घटना पर आधारित है. फिल्म इससे पहले टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में भी फिल्म का ग्रैंड प्रीमियर किया जा चुका है.

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