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Afghanistan Taliban Crisis अफगानी फिल्ममेकर ने लगाई लोगों से अन्याय के खिलाफ चुप्पी तोड़ने की गुहार, अनुराग कश्यप आए सपोर्ट में

अफगान में रहने वाली कई सारी नामी हस्तियां इस बुरे वक्त का साक्षी बनी हैं और वे दुनियाभर से लोगों से मदद की गुहार लगा रही हैं. अब अफगानी फिल्ममेकर सारा करीमी ने एक ओपन लेटर दुनिया के नाम लिखा है और वहां के हालात बताने के साथ ही मदद भी मांगी है. भारतीय फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने ये पोस्ट शेयर किया है जिसमें सारा का दर्द छलक रहा है.

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अनुराग कश्यप, सारा करीमी
अनुराग कश्यप, सारा करीमी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान में हालात बेकाबू
  • फिल्ममेकर ने शेयर किया दर्द
  • अनुराग कश्यप आए सपोर्ट में

अफगानिस्तान में मौजूदा समय में हालात बेकाबू हैं और तालीबान का आतंक अपने चरम पर पहुंच गया है. वहां की सरकार बेबस हो चुकी है और लोग खौफ में हैं. तालिबानी संगठन द्वारा अफगानियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और पूरी दुनिया किसी मूक दर्शक की तरह तमाशा देख रही है. वहीं दूसरी तरफ अफगान में रहने वाली कई सारी नामी हस्तियां इस बुरे वक्त का साक्षी बनी हैं और वे दुनियाभर से लोगों से मदद की गुहार लगा रही हैं. अब अफगानी फिल्ममेकर सारा करीमी ने एक ओपन लेटर दुनिया के नाम लिखा है और वहां के हालात बताने के साथ ही मदद भी मांगी है. भारतीय फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने ये पोस्ट शेयर किया है जिसमें सारा का दर्द छलक रहा है. 

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अनुराग कश्यप की फैंस से अपील

अनुराग कश्यप ने 16 अगस्त के दिन इंस्टाग्राम पर फिल्म मेकर और अफगान फिल्म ऑर्गेनाइजेशन की पहली फिमेल चेयरपर्सन सारा करीमी का पोस्ट शेयर किया है. इसमें सारा ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी चुप्पी तोड़ें और इस हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करें. अनुराग कश्यप ने सारा का ये पोस्ट शेयर करने के साथ ही लोगों से इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की है. 

 

सारा का छलका दर्द

सारा ने पोस्ट में लिखा है कि किस तरह से तालीबानी लोग अफगानी महिलाओं के साथ अत्याचार कर रहे हैं. जवान अफगानी लड़कियों को उठा कर ले जा रहे हैं और उनके साथ जबरदस्ती कर रहे हैं. जो महिलाएं तालिबानियों के मन-मुताबिक कपड़े नहीं पहन रही हैं उनकी आंखें नोच ले रहे हैं. सरकारी नौकरों को मार रहे हैं. मीडिया के लोगों को मार रहे हैं. आर्टिस्ट, इतिहासकारों समेत किसी को भी नहीं बख्श रहे. काबुल में ना जाने कितने ऐसे परिवार हैं जो इस खौफ में रह रहे हैं कि उनकी जान बचेगी या नहीं. उनके बच्चे बिना दूध के बिलख रहे हैं. 

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फिल्ममेकर ने कहा कि सभी को पता है कि ये सब गलत हो रहा है मगर कोई भी इस अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद नहीं कर रहा. सिर्फ ऊपर-ऊपर की शांति वार्ता ने ही इन तालिबानियों को और हावी होने दिया है. वे बेरहमी से लोगों के साथ पेश आ रहे हैं. अफगानी सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी है. जो पिछले 20 सालों से नई पीढ़ी ने इस देश को फायदा पहुंचाया था वो सब फिर से तबाह होता दिख रहा है. 

सारा को इस बात का है डर

सारा ने ये आशंका भी जताई है कि अगर पूरी तरह से तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर अपना शासन जमा लिया तो वे देश से कला को खत्म कर देंगे. मैं और कुछ अन्य फिल्ममेकर्स उनकी हिट लिस्ट में अगले नंबर पर हैं. वे महिलाओं के सारे राइट्स छीन लेंगे. हमें अंधकार में ढकेल देंगे. हमारी जुबां पर ताला लगा देंगे. सिर्फ कुछ हफ्तों के अंदर ही तालिबान ने हमारे कई सारे स्कूलों को तबाह कर दिया है. करीब दो मिलियन ऐसी लड़कियां हैं जिनका भविष्य खतरे में हैं. उन्हें स्कूल से बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ा है.

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शांति का हवाला देकर तालिबानियों का आतंक

बता दें कि अफगान की मिलेट्री भी पूरी तरह से कोलैप्स कर गई है और बढ़ते वक्त के साथ तालिबानियों की पकड़ अफगानिस्तान पर मजबूत होती जा रही है. बता दें कि पहले तो तालिबानियों द्वारा ये कहा गया था कि वे अफगान की राजधानी काबुल में एंटर नहीं करेंगे और शांति का माहौल बनाए रखेंगे. शांति का ही भरोसा दिला कर तालिबानी आतंकियों ने धोखा दिया और अब अफगानिस्तान के निवासियों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

 

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