
Ameen Sayani Kishor Kumar Interview: 'भाईयो और बहनो...' रेडियो पर जब ये आवाज गूंजती तो सब ध्यान से सुनने लगते थे. लेकिन अब ये आवाज सदा के लिए थम गई है. रोडियो किंग अमीन सयानी अब नहीं रहे. उन्होंने 91 की उम्र में अंतिम सांस ली. अमीन को अगर ब्रॉकास्टिंग इंडस्ट्री का महानायक कहा जाए तो गलत नहीं होगा. लेकिन इस इंडस्ट्री पर राज करने से पहले अमीन ने मन में सिंगर बनने की इच्छा थी.
अमीन ने अपनी इस विश का खुलासा इंडस्ट्री के महान कलाकार रहे किशोर कुमार से भी किया था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि किशोर से सालों उनकी बातचीत नहीं हुई. अमीन जब भी किशोर का नाम सुनते उनके मन में गुस्से का गुबार फूट पड़ता. अमीन ने फिल्म फेयर को दिए इंटरव्यू में इस पूरे वाकये का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि क्यों कभी किशोर के साथ हैंगआउट करने वाले और साथ बैठकर ड्रिंक वाली दोस्ती पर ग्रहण लग गया था.
गीतमाला की शुरुआत
वो दौर जब मनोरंजन के ज्यादा माध्यम नहीं हुआ करते थे, लोग मन बहलाने के लिए रेडियो के ही भरोसे रहा करते थे. और उनके एंटरटेनमेंट का जिम्मा रेडियो के किंग, आवाज के जादूगर अमीन सयानी के सिर हुआ करता था. 50 से 80 के दशक का सबसे हिट रेडियो प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला' उनकी आवाज के बिना कैसा होता, कोई सोच भी नहीं सकता. अमीन ने अपने इस प्रोग्राम की ब्रॉकास्टिंग के दौरान कई दिग्गज कलाकारों के इंटरव्यू लिए. उनकी फिल्मों और गानों को प्रमोट किया. लेकिन अपने ही जिगरी दोस्त किशोर कुमार का इंटरव्यू लेने में उन्हें सालों लग गए. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने किशोर की किसी फिल्म और गाने तक को प्रमोट नहीं किया.
किशोर से हुई दोस्ती
अमीन ने बताया कि कैसे उनकी दोस्ती हुई थी. वो बोले- मेरी एक कॉलेज फ्रेंड थी जिसने मुझे किशोर दा से मिलवाया था. वो उनकी पहली पत्नी रूमा गुहा की फर्स्ट कजिन थी. ये 50 के दशक से भी पहले की बात है. मैं सिंगर बनना चाहता था. मेरी और किशोर की दोस्ती हुई. हम दोनों खूब पार्टीज में जाते थे, साथ पिकनिक करते थे. वो हमें अपनी खटारा यानी पुरानी गाड़ी में घुमाता था. मैं उससे कहता कि मेरा फेवरेट गाना जगमग करता निकला गाने को कहता. इसके जवाब में वो मजाक करते हुए कहता तुम्हे किशोर कुमार को बिना पैसे दिए सुनना है?
दोस्ती में पड़ी दरार
फिर मैं ब्रॉकास्टर बन गया और 1952 में गीतमाला की शुरुआत हुई. मैंने अपने शो के लिए म्यूजिक बड़े-बड़े कलाकारों- मोहम्मद रफी, आशा भोसले, लता मंगेश्कर से बाइट्स ली. लेकिन किशोर दा ने मुझे हमेशा 'बाद में' कहकर टहलाया. मैं उनसे सही में तंग आ गया था. शो शुरू होने में सिर्फ 10 दिन बचे थे, मुझे सीलोन को रिकॉर्डेड टेप्स भेजने थे और मुझे ये इन्पुट्स किसी भी हाल में चाहिए थे. मेरे बार बार कहने पर किशोर ने एक दिन मुझे अपने स्टूडियो में बुलाया, जो कि शहर से काफी दूर था.
अमीन ने बनाई दूरी
अमीन आगे बोले- मैं वहां अपनी बड़ी सी रिकॉर्डिंग मशीन को लेकर पहुंचा. लेकिन प्रोड्यूसर ने मुझे गेट पर ही रोक दिया. उन्होंने बहुत ही हिचकते हुए मुझे बताया कि ''किशोर ने मुझे कॉल कर के कहा कि वो मेरी फिल्म की शूटिंग के लिए स्टूडियो पर तभी आएंगे जब मैं आकर चला जाऊंगा.'' मुझे इतना गुस्सा आया कि खून सवार हो गया था. मैं इतना दुखी था, टूटा हुआ महसूस कर रहा था. फिर मैंने तय कर लिया कि मैं उनसे कभी इंटरव्यू के लिए नहीं कहूंगा. मैंने उनसे मिलना बंद कर दिया. इस बात को 8 साल बीत गए थे.
सालों बाद मिले किशोर-अमीन
सालों बाद किशोर दा ने मुझसे उनकी फिल्म दूर गगन की छांव में, दूर का राही, और बाकी फिल्मों की पब्लिसिटी करने के लिए कहा. लेकिन मैंने फिर भी उनसे इंटरव्यू के लिए नहीं कहा. फिर मैंने विविध भारती पर एक दूसरा शो शुरू किया सैरिडॉन के साथी. 1974 में इस शो पर किशोर दा अपनी फिल्म बढ़ती का नाम दाढ़ी प्रमोट करने आए. मैंने उनसे बड़े सीरियस लहजे में कहा- आप वो बाहर खड़े दो पहलवान देख रहे हैं? वो आपको मारेंगे अगर आपने इंटरव्यू नहीं दिया तो. वो हैरान हो गए और जवाब दिया- तुम बदला ले रहे हो. मैंने कहा- हां. इसके बाद वो बोले- तुम लोगों को बोर करते हो. जाओ और कोने में बैठो और मुझे ये इंटरव्यू करने दो.
अमीन ने बताया- फिर क्या था...वो खुद अपना कोर्ट मार्शल कराने गए, एक बच्चे की तरह, एक यूथ की तरह और फिर एक व्यस्क की तरह. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान खुद पर कई आरोप लगाए और खुद ही अपने बचाव में उनका जवाब भी दिया. वो खुद ही वेटरन तिवारी की आवाज में जज भी बन गए थे. वो मेरी जिंदगी का बेस्ट इंटरव्यू बन गया था.
रिकॉर्ड होल्डर अमीन
अमीन सयानी ने नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने करीब 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज दी है, इसके लिए अमीन का नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. वो रेडियो सीलोन, विविध भारती से लेकर ऑल इंडिया रेडियो तक के लिए प्रोग्राम कर चुके हैं. अमीन की शुरुआत अंग्रेजी प्रेजेंटर से हुई थी, लेकिन फिर बाद में उन्होंने हिंदी में दक्षता हासिल की और खूब नाम कमाया.