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जब अमजद खान के पास पत्नी-बेटे को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कराने तक के नहीं थे पैसे...

शादाब ने बताया क‍ि जिस दिन उनका जन्म हुआ था तब उनके पिता के पास शादाब की मां को हॉस्प‍िटल से डिस्चार्ज करवाने के लिए पैसे तक नहीं थे. बाद में प्रोड्यूसर चेतन आनंद ने उन्हें 400 रुपये दिए.

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अमजद खान
अमजद खान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प‍िता अमजद के लिए लकी थे बेटे शादाब
  • शोले से पहले कर‍ियर में किए संघर्ष

फिल्म शोले का गब्बर याद है ना. वही गब्बर जिसका खौफ हर बच्चे में होता था. एक्टर अमजद खान ने गब्बर के रोल में बेरहमी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और उनका यही क‍िरदार उन्हें आज भी लोगों के जेहन में जिंदा रखता है. हाल ही में अमजद के बेटे एक्टर शादाब खान ने अपने प‍िता के लिए लकी होने के सवाल पर कुछ राज खोले. जिस दिन शादाब का जन्म हुआ, उसी दिन अमजद को शोले फ‍िल्म मिली थी. 

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टाइम्स ऑफ इंड‍िया को दिए इंटरव्यू में शादाब ने बताया क‍ि जिस दिन उनका जन्म हुआ था तब उनके पिता के पास शादाब की मां को हॉस्प‍िटल से डिस्चार्ज करवाने के लिए पैसे तक नहीं थे. बाद में प्रोड्यूसर चेतन आनंद ने उन्हें 400 रुपये दिए. शादाब हंसते हुए कहते हैं- ' जब मैं पैदा हुआ था तब उनके (अमजद खान) पास पैसे नहीं थे क‍ि वो मां (शहला खान) को हॉस्प‍िटल से डिस्चार्ज करवा सके. वो रोने लगी थीं. मेरे पिता हॉस्प‍िटल नहीं आ रहे थे, उन्हें अपना चेहरा दिखाने में शर्म महसूस हो रही थी. बाद में चेतन आनंद ने जिसकी फिल्म हिंदुस्तान की कसम में मेरे पिता ने काम किया था, उन्होंने मेरे पिता का हाथ थामा. चेतन आनंद साहब ने उन्हें 400 रुपये दिए ताक‍ि वे मेरी मां और मुझे घर ला सके.'

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डर था कि रोल डैनी को ना दे दिया जाए 

शादाब ने शोले का एक और किस्सा बताया. वे कहते हैं- 'जब शोले में गब्बर सिंह का रोल मेरे पिता को मिला, सलीम खान साहब ने डायरेक्टर रमेश सिप्पी को उनका नाम रिकमेंड किया था. बैंगलोर के आउटस्कर्ट्स रामगढ़ में शोले की शूट‍िंग होनी थी, प्लेन उड़ा लेक‍िन उस दिन इतना टरब्यूलेंस था क‍ि प्लेन को सात बार लैंड कराना पड़ा. फिर जब रनवे पर हॉल्ट का समय आया, बहुत से लोग डर के मारे प्लेन से निकल गए पर मेरे पिता नहीं निकले. उन्हें डर था क‍ि अगर वो फिल्म नहीं करेंगे, वे डैनी साहब (डैनी डेंगजोग्पा) के पास चली जाएगी. फिर कुछ मिनट बाद, वे उसी प्लेन में अपने सफर पर न‍िकले.'

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51 साल की उम्र में हुई मौत 

1975 में रिलीज हुई शोले डायरेक्टर रमेश सिप्पी की आइकॉन‍िक फिल्म में से एक है. इसे सलीम-जावेद ने लिखी थी. फिल्म में जय-वीरू के अलावा गब्बर के बेरहम किरदार ने अमजद खान को बेहद मशहूर कर दिया था. जुलाई 1992 में अमजद खान 51 साल की उम्र में हार्ट अटैक से दुन‍िया छोड़ गए. उनके निधन के बाद लोग आज भी उन्हें गब्बर सिंह के रोल के लिए याद रखते हैं.  

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