संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' को मिसोजिनी और हिंसा ग्लोरिफाई करने के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी. लेकिन अनुराग कश्यप ने उनका डटकर सपोर्ट किया. उन्होंने वांगा को 'सबसे गलत समझा गया, जज किया गया और गरियाया गया' फिल्ममेकर बताते हुए, उनके साथ तस्वीर शेयर करके सबको सरप्राइज कर दिया था. अनुराग ने 'एनिमल' की खूब तारीफ की थी और इसे एक लंबे समय में हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी 'गेम चेंजर' फिल्म कहा था.
वांगा का इतना सपोर्ट करने के लिए अनुराग से कई बार सवाल पूछे गए. खुद उनकी बेटी आलिया कश्यप ने भी अपने पॉडकास्ट में उनसे वांगा के सपोर्ट को लेकर सवाल किया था. अब अनुराग ने बताया है कि किन वजहों से वो वांगा से मिले और उन्हें सपोर्ट किया.
वांगा की कामयाबी से अनुराग कश्यप को मिली तसल्ली
रणबीर कपूर के साथ अपनी फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' का अनुभव याद करते हुए अनुराग ने कहा कि वांगा की कामयाबी को देखकर उन्हें एक संतुष्टि महसूस होती है. जूम से बात करते हुए अनुराग ने कहा, 'मुझे वो आदमी पसंद है. मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है. इंडस्ट्री के बहुत सारे लोग वैसा दिखने की कोशिश करते हैं, जैसे वो हैं नहीं. मगर वो (वांगा) ऐसे नहीं हैं. वो लोग (इंडस्ट्री के लोग) तो और भी ज्यादा टॉक्सिक हैं. लेकिन वांगा ईमानदार आदमी हैं. मुझे ईमानदारी से ज्यादा कुछ पसंद नहीं, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि इस ईमानदारी से बाकी लोगों को क्या समस्याएं हैं. मुझे उनसे बात करना पसंद है.'
'बॉम्बे वेलवेट' के साथ समय अपने अनुभव को लेकर अनुराग ने बताया कि उनपर फिल्म की कमाई का इतना दबाव था कि उन्हें फिल्म अपनी लगनी ही बंद हो गई. अनुराग ने कहा कि जहां 'एनिमल' साढ़े तीन घंटे की 'एडल्ट' सर्टिफाइड फिल्म थी, वहीं 'बॉम्बे वेलवेट' को 'U/A' सर्टिफिकेट दिलाने के लिए सीन्स काटे गए और उसे 2 घंटे 50 मिनट का कर दिया गया. और इस पूरे समय किसी ने उन्हें सपोर्ट नहीं किया.
'मुझे वांगा जैसा होना चाहिए था'
अनुराग ने कहा, 'मुझे संदीप जैसा जिद्दी होना चाहिए था और मेरे वर्जन को बैकअप करने के लिए लड़ना चाहिए था. आप उनके क्रिएटिव विजन पर बहस कर सकते हैं, और वो बहस करने का स्पेस भी देते हैं. लेकिन जनरली हम क्या करते हैं? हम सिर्फ अटैक करते हैं और लोगों को कैंसिल करते हैं. हम डिस्कस या डिबेट नहीं करते.'
अपने साथ हुई चीजों के बारे में बात करते हुए अनुराग ने कहा, ''देव डी' के बाद लोगों ने मुझे कैंसिल कर दिया. 'दैट गर्ल इन येलो बूट्स' के बाद, जब लीड रोल निभाने वालीं कल्कि मेरी पत्नी थीं, एक क्रिटिक ने लिखा- 'किस तरह का हस्बैंड अपनी पत्नी से ऐसे रोल्स करवाता है? भगवान जाने उनकी पर्सनल लाइफ कैसी होगी.' बहुत सारे लोगों की ऐसी सोच है. मैंने ऐसे लोगों से डील किया है.'
अनुराग ने कहा कि उनका कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं था और कुछ लोगों ने उन्हें 'मनहूस' और 'पागल' कहा. उन्हें लगा कि लोग संदीप से बात करने की बजाय, उनपर अटैक कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने उनका सपोर्ट किया. आगे अनुराग बोले 'मैं उन लोगों की दिखावेबाजी को कॉल-आउट करना चाहता हूं जिन्होंने 'एनिमल' की आलोचना की, गाली दी और फिल्म को कैंसिल किया, और फिर जाकर फिल्म देख ली. ये जानने के बावजूद कि फिल्म किस बारे में है, और फिर उसे डबल कैंसिल किया.'
ये कहते हुए कि शायद अब लोग 'ज्यादा ही वोक' हो गए हैं और सिर्फ लोगों पर आरोप लगाते हैं, अनुराग बोले, 'फिल्म का नाम 'एनिमल' था, 'ह्यूमन बीइंग' नहीं.'