बॉलीवुड में जबसे बोलती फिल्मों का चलन शुरू हुआ उसके कुछ समय बाद से ही बलराज साहनी सिनेमा में सक्रिय हो गए थे और 70 के दशक में उनका निधन हो गया था. मगर उनके निधन के करीब 50 साल बाद भी ये नाम हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टरों की लिस्ट में लिया जाता है. कई लोग तो उन्हें अपने आप में एक्टिंग की एक इंस्टिट्यूशन मानते हैं. बलराज साहनी बहुत ही नेचुरल एक्टर थे. उनका रोल कैसा भी हो, हमेशा जबरदस्त ही होता था. एक्टर अपनी फिल्मों से अलग पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहते थे. अपनी क्रांतिकारी विचारधारा की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. मगर शायद ही कोई एक्टर ऐसा होगा जो जेल में सजा काटने के साथ ही शूटिंग सेट पर आता हो, जेलर का रोल प्ले करता हो और वापस जेल चला जाता हो. 1 मई, 1913 को जन्में बलराज साहनी की बर्थ एनिवर्सरी पर बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़ा ये किस्सा.
दरअसल बात उस समय की है जब के आसिफ एक्टर दिलीप कुमार के साथ मिलकर हलचल नाम की एक फिल्म बना रहे थे. इसी फिल्म में बलराज साहनी भी जेलर का अहम रोल प्ले कर रहे थे. बलराज की आदत थी कि वे अपने रोल को करने से पहले उसमें भावनात्मक रूप से पूरी तरह से उतरने की कोशिश करते थे. तो जब बलराज साहनी को पता चला कि उन्हें जेलर का रोल प्ले करना है तो वे ऐसे में के आसिफ के साथ जेल भी गए, जेलर से मिले और जेल का माहौल देखने-समझने की कोशिश की.
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अजब इत्तेफाक-
मगर किसे पता था कि कुछ ही समय में बलराज साहनी खुद जेल की हवा खा रहे होंगे. मगर अपनी क्रांतिकारी विचारधारा और लेफ्ट का समर्थक होने के नाते बलराज साहनी को जेल जाना पड़ गया. एक रोज कॉम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस निकल रहा था. बलराज भी अपनी वाइफ के साथ उसमें शामिल हो गए. दंगे के दौरान हिंसा फैल गई और बलराज साहनी को गिरफ्तार कर लिया गया. मगर जब फिल्म के डायरेक्टर के आसिफ को इस बारे में पता चला तो वे चिंतित हुए. मगर वे फिल्म में लेना भी बलराज साहनी को ही चाहते थे.
के आसिफ की सिफारिश से बनी बात -
के आसिफ उस समय के बड़े डायरेक्टर थे और उनकी नामी लोगों से जान-पहचान थी. इत्तेफाक तो ये था कि खुद जिस जेल में बलराज साहनी बंद थे उसके जेलर से भी के आसिफ की जान-पहचान निकली. के आसिफ की सिफारिश पर बलराज साहनी को फिल्म में काम करने का मौका मिल गया.
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जेल से आते काम करते फिर जेल में जाते-
शायद ही दुनिया में किसी एक्टर के साथ ऐसा हुआ हो. बलराज साहनी को जेल से शूटिंग सेट पर लाया जाता था. इसके बाद वे शूटिंग करते थे. फिर उन्हें उसी तरह जेल में वापस डाल दिया जाता था. ये सिलसिला काफी दिनों तक चला. एक इत्तेफाक तो ये भी था वैसे कि फिल्म में बलराज साहब का रोल भी जेलर का ही था. फिल्म में उनके अलावा दिलीप कुमार, नरगिस और जीवन जैसे एक्टर थे.
कई सुपरहिट फिल्मों का रहे हिस्सा-
बलराज साहनी ने अपने करियर के दौरान कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम किया और वो मुकाम हासिल किया जहां तक पहुंच पाना सभी के बस की बात नहीं होती है. वे गरम हवा, दो बीघा जमीन, वक्त, सागर, हलचल, राही, संघर्ष. गरम कोट, छोटी बहन, काबुलीवाला, हमराज, नील कमल, दो रास्ते, हंसते जख्म और अमानत जैसी फिल्मों में काम किया.