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पवन सिंह-खेसारी विवाद पर बोले रवि किशन, भोजपुरी इंडस्ट्री का मजाक बन रहा है, एक्टिंग से नहीं विवादों से पहचान बन रही है

खेसारी लाल यादव और पवन सिंह के बीच चल रहे विवाद पर आखिरकार भोजपुरी एक्टर रवि किशन ने अपनी राय रखी है. इन एक्टर्स को नसीहत देते हुए रवि कहते हैं कि मामले को जातिवाद का मुद्दा न बनाएं और बजाए लड़ने के इंडस्ट्री के ग्रोथ पर फोकस करें.

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खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, रवि किशन
खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, रवि किशन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खेसारी के विवाद पर बोले रवि किशन
  • कहा, ऐसा चलता रहा तो खत्म हो जाएगी भोजपुरी इंडस्ट्री
  • जातिवाद को बीच में न लाने की नसीहत

पिछले कुछ दिनों से भोजपुरी इंडस्ट्री के दो बड़े सुपरस्टार खेसारी लाल यादव और पवन सिंह के बीच की लड़ाई सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बनी हुई है. खेसारी लाल ने बिहार सरकार से मदद की गुहार करते हुए पवन सिंह के फैंस पर आरोप लगाया है कि पवन के फैंस उन्हें और परिवार को लगातार धमकी दे रहे हैं.

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इतना ही नहीं खेसारी ने इस लड़ाई का कारण जातिवाद को भी बताया है और कहा है कि पवन सिंह के फैंस उन्हें अक्सर नीचा दिखाने में लगे रहते हैं. अब इस लड़ाई में रवि किशन ने भी अपनी राय रखी है. रवि ने दोनों स्टार्स को नसीहत देते हुए कहा है कि भोजपुरी इंडस्ट्री के उत्थान पर ध्यान दें. वर्ना आपसी लड़ाई कहीं इस इंडस्ट्री का नाश न कर दे.

जातिवाद का मुद्दा न बनाएं

Aajtak.in से एक्सक्लूसिव बातचीत पर रवि किशन कहते हैं, भोजपुरी का बहुत बड़ा इतिहास रहा है. मैंने खुद भोजपुरी इंडस्ट्री में कुछ साढ़े चार सौ फिल्में की हैं. अब जो ये विवाद देख रहा हूं, यह बहुत ही दुखद है. समस्त भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए पीड़ादायक है. भोजपुरी सिनेमा में करीबन एक लाख से ज्यादा लोगों का रोजगार चलता है. ये लोग भोजपुरी इंडस्ट्री की वजह से ही सरवाइव कर रहे हैं. ऐसे में मैं अपने दोनों जूनियर कलाकार पवन सिंह, खेसारी लाल, इनफैक्ट सरकार से रिक्वेस्ट करूंगा कि आपलोग इस पर सेंसर बोर्ड ले आएं. यूपी की सरकार इस पर पहल कर रही है. यहां जल्द ही सेंसर बोर्ड आ जाएगा.

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भोजपुरी इंडस्ट्री की ग्रोथ पर करें फोकस 

ये लड़ाई व आपसी छिटांकशी से जग हंसाई हो रही है. बाहर लोग इसका माखौल उड़ा रहे हैं. लोग तंज कस रहे हैं कि एक ही इंडस्ट्री होने के बावजूद आपस में इतना विवाद क्यों हो रहा है. जातिवाद का मामला कैसे आ गया. मैं मानता हूं कि कलाकार की कोई बिरादरी नहीं होती है. उसका काम बस अपनी कला का प्रदर्शन करना है और उसी पहचान के साथ मर जाना है. इनको भी यही करना चाहिए, एकता बनाए रखना चाहिए और चुप हो जाना चाहिए. मैं सीनियर होने के नाते बस यही नसीहत देना चाहूंगा कि जितने भी फैंस व ग्रुप हैं, उनको भी इस तरह लड़ाई नहीं करनी चाहिए. देखें, इसका कोई अंत नहीं है. जब बुढ़े हो जाएंगे, तो इन सब चीजों को सोचकर हंसेंगे. यहां लोग अगर जात-पात की लड़ाई से ऊपर उठते हैं, तो ये लोग भी तेलुगु, तमिल की तरह बड़ी इंडस्ट्री की दिशा में जा सकते हैं. अरे इन्हें फोकस करना चाहिए कि कैसे काम कर नैशनल अवॉर्ड जीता जाए. बस मैं ही एक फिल्म के लिए नैशनल अवॉर्ड जीता था, उसके बाद कभी कोई नैशनल अवॉर्ड यहां नहीं आया है. मेरी फिल्म कान्स फिल्म फेस्टिवल पर भी पहुंची थी. तो मेरा कहना है कि लड़ाई को हेल्दी कंपीटिशन में बदलना चाहिए और फोकस करना चाहिए कि कैसे भोजपुरी इंडस्ट्री ग्रो करे.

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बाहर के लोग मजाक बना रहे हैं 

आप सम्मानित लाइफस्टाइल पर फोकस करें. आपकी लड़ाईयां देखकर बच्चे या आज के यूथ क्या सीखेंगे. जब आप सुपरस्टार बन जाते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी भी काफी बढ़ जाती हैं. आप सोचें कि पैसा तो कमा रहे हैं लेकिन समाज को क्या दे रहे हैं. आज से पचास साल बाद वो समाज को क्या देकर जाएंगे, इसके बारे में सोचने की जरूरत है. कंपीटिशन हेल्दी करें, अश्लीलता को न परोसते हुए आप भोजपुरी इंडस्ट्री के सुधार पर काम करें. मैंने लगातार मेहनत कर इस इंडस्ट्री को आगे किया है. आज आए हुए नए लोगों के वायरल वीडियोज देख रहा हूं, विवाद सुन रहा हूं, तो काफी दुख हो रहा है. दुख इस बात का है कि जब मैंने इतनी मेहनत की थी, इस इंडस्ट्री को लेकर सपने देखे थे, तो यह नहीं सोचा था कि दो हीरो आकर इस तरह की लड़ाई करेंगे. लोगों के बीच मजाक बनाएंगे. हर सेट पर इस हरकत को देखकर हंस रहे हैं. लोग तो मजा ही लेंगे.

इंडस्ट्री को बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता 

जातिवाद और इस तरह के पचड़े में पड़ेंगे, तो इंडस्ट्री को सर्वनाश होने से कोई नहीं रोक सकता है. जब नाश होगा, तो फिर ये पछताएंगे कि सबकुछ था लेकिन हमने बर्बाद कर दिया है. आने वाले जनरेशन के लिए इस इंडस्ट्री को अभी सौ से दो सौ साल तक सरवाइव करना है. आपको सिक्यॉर एक्टर की तरह विहेव करना चाहिए. ना कि एक दूसरे को गाली-गलौच कर नीचे गिरना चाहिए. इससे भोजपुरी की संस्कृति पर बहुत बड़ा लाछंन लगता है.इससे बचना चाहिए क्योंकि आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी. वो यही कहेगी आपने हमें दिया क्या है. स्वंय को न बड़ा करते हुए भोजपुरी इंडस्ट्री को बड़ा कीजिए.

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