भगवंत मान इन दिनों चुनावी प्रक्रिया में व्यस्त चल रहे हैं. एक पॉलिटिशियन के साथ-साथ भगवंत मान का बतौर कॉमेडियन बेहतरीन सफर रहा है. भगवंत ने अपनी कॉमेडी की शुरूआत द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से की थी. इस दौरान उनके को-स्टार रहे राजू श्रीवास्तव ने भगवंत मान को लेकर कई दिलचस्प किस्से आजतक से शेयर किए हैं.
आजतक से बात करते हुए राजू कहते हैं- मुझे लगता है कि हंसाने वाला इंसान इंटेलिजेंट हो सकता है, इस तथ्य को लोग मानते नहीं थे. उसको जोकर तक ही समझा जाता है. मैं कहूंगा, जो हंसा सकता है, वो कुछ भी कर सकता है. रूलाना बहुत आसान है, हंसाना मुश्किल होता है. बहुत अच्छा लग रहा है कि हंसाने वालों को भी महत्व मिल रहा है.
किसी भी फंक्शन या पॉलिटिकल पार्टीज की ही बात कर लें, तो तवज्जों उन्हें ही मिला करती थी. उनका ही सत्कार होता था या कह लें पार्टी के टिकट की प्राथमिकता भी उन्हें दी जाती थी. हंसाने वाले तो महज साइड आर्टिस्ट बनकर रह जाते थे. अब वो वक्त आ गया है कि लोग हम कॉमेडियंस को महत्व दे रहे हैं. हमें भी देश संभालने जैसी जिम्मेदारी मिल रही है. भगवंत मान के इस अचीवमेंट से मैं खुश हूं और उन्हें ढेर सारी बधाईयां.
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मैं चाहता हूं कि वो मुख्यमंत्री बने
जहां तक मेरे और भगवंत की दोस्ती की बात है, तो हमने अपने कॉमेडी करियर की शुरूआत लगभग एक साथ ही की थी. द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में हम साथ में थे. वो बहुत ही मस्तीखोर इंसान है. जब हम रिर्हसल कर रहे होते थे, तो ये बीच में आकर शैतानियां किया करता था. मुझे और सुनिल पाल को कई बार डाइवर्ट कर देता था. जब अपने डायलॉग्स तक भूल जाते थे, हमलोग उससे कहते थे कि अरे यार, तुमने बातों में लगा दिया. हम तो भूल गए क्या याद कर रहे थे. वो सॉरी बोलकर चला जाता था फिर घूम कर पांच मिनट में आकर वही हरकतें किया करता था. ये सब वो जानबूझ कर किया करता था. अपना परफॉर्मेंस देने के बाद उसे ये मस्ती सूझती थी. वो बाकी क्रू को कहता था कि देखो, मैंने राजू और सुनील को सबकुछ भूला दिया. वो कभी चाय तो कभी पराठे ऑफर करता और अपनी पंजाब की बातें कर हमें तंग करता था. उस वक्त हम भी अलर्ट हो जाते थे कि ये कितना भी हमें डायवर्ट करने आए, इसकी जाल में आना नहीं है. यह बहुत गर्व की बात है कि भगवंत आज चुनाव लड़ रहे हैं. भले ही मैं किसी भी पार्टी में रहूं, मैं चाहता हूं कि वो आगे बढ़े और बल्कि मैं तो चाहूंगा कि वो मुख्यमंत्री बनें.
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हालांकि एक वीडियो में उसकी खूब खिंचाई की है
भगवंत मान के ऊपर मैंने अभी वीडियो बनाया है. मेरा वो दोस्त है, अब उसमें मैंने कॉमेडी के लिहाज से बहुत खिंचाई की है. तभी वो वीडियो इंट्रेस्टिंग बनी है. मैंने बहुत खिंचाई की है, तो लोग कहते हैं कि आप ऐसा क्यों कर रहे हो. आप जल रहे हो. भई मैं उन्हें कैसे समझाऊं कि मैं बतौर कॉमेडियन अपना काम कर रहा हूं. उन्होंने एक बार पार्लियामेंट में दारू पीकर कुछ कहा था, उस किस्से को लेकर मैंने उसकी खिंचाई की है. ये वीडियो भगवंत मान ने देखी है और वो बहुत हंसा है. इस पर रिएक्ट करते हुए उसने कहा है कि तुमने मेरी अच्छी तरह से बैंड बजा दी है. उसे यह पता है कि राजू अगर वीडियो बना रहा है, तो मस्ती होगी ही. लेकिन पंजाब के वोटर्स व उनके फॉलोअर्स मुझे ट्रोल कर रहे हैं. कह रहे हैं कि आपने अपने साथी का मजाक उड़ाया है. चुनाव के वक्त उसके अगेंस्ट ऐसा क्यों बोल रहे हो. लेकिन भगवंत भी तो यही काम करता था.
कभी नहीं सोचा था कॉमेडियन से पॉलिटिशियन बनेंगे
यह बहुत हैरानी की बात है कि कई कॉमेडियंस अब पॉलिटिकल पार्टीज का हिस्सा बन चुके हैं. हालांकि कभी फ्यूचर में ऐसी प्लानिंग नहीं की थी. मैं अपनी बात करूं, तो उस वक्त बॉलीवुड स्टार्स की मिमिक्री कर बोर हो गया था, तो कुछ नया करने की ताक में मैंने पॉलिटिशियंस को कॉपी करना शुरू कर दिया था. मैं अटल बिहारी, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह जैसे दिग्गजों की नकल करने लगा. लोगों को मेरा यह अंदाज पसंद आने लगा था. इनकी नकल करते-करते मैं उनके बारे में रिसर्च करने लगा, पॉलिटिक्स की जानकारी लेनी शुरू कर दी. धीरे-धीरे पॉलिटिक्स में झुकाव होता चला गया. पॉलिटिकल पार्टीज को भी लगने लगा कि मैं इंट्रेस्टेड हूं, तो पहले सपा, कांग्रेस से सोनिया गांधी का भी कॉल आया कि टिकट ले लो. फिर मैंने पहले सपा जॉइन किया, फिर बीजेपी से ऑफर आया, तो मैंने बीजेपी जॉइन कर लिया. कॉमेडी में तो दर्शकों से प्यार मिला, फिर लगा कि देश को भी सर्व करते हैं, इन्हीं कारणों से कब हम कॉमेडियन से पॉलिटिशियन हो गए, पता नहीं चला.
लोग जज करने लगते हैं
एक कॉमेडियन या कह लें आर्टिस्ट का पॉलिटिक्स जॉइन करने से नुकसान बस यही होता है कि कुछ फैंस नाराज हो जाते हैं. मेरे कई फैंस कांग्रेस, शिवसेना के सपोर्टर हैं, तो वे अपने कमेंट्स में लिखते हैं कि तुम तो बदल गए. बंट गए. मैं तो बस इसे इस तरह लेता हूं कि अगर इंडिया द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किया जाता है, तो उसे मैं खुशी से मनाउंगा. मैं अपनी कॉमेडी में जय-जय करता हूं और इसमें बीजेपी सरकार की तारीफ हो जाती है. ठीक वैसे ही हिंदू होने के नाते राम मंदिर बनने पर मैं खुश होता हूं, तो उसे जाहिर करता हूं. हालांकि इसमें पॉलिटिक्स इनवॉल्व नहीं होता है, इसके बावजूद जज किया जाता है. अब लोग इसे बीजेपी से जोड़ देते हैं. हालांकि मैं यही मान कर चलता हूं कि मैं हर किसी को संतुष्ट तो नहीं कर सकता न. मोदी से भी तो हर कोई खुश नहीं है न, न केजरीवाल या योगी जी सबको खुश कर पाएं हैं. बस यही कोशिश होती है कि अपनी तरफ से किसी को तकलीफ न हो.
मेरे और मान के बीच कोई दूरी नहीं आएगी
हम किसी भी पार्टी में रहे, तो इससे हमारी बॉन्डिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमारे बीच कोई दूरी नहीं आएगी. क्योंकि उसे भी पता है कि आखिरकार यह हमारा प्रोफेशन ही है. तो फिर हमें जोक बनाना है, तो यह नहीं देखेंगे न कि कौन किस पार्टी से है. वो पॉलिटिशन बनने से पहले यही काम किया करता था, कभी मोदी जी तो कभी योगी जी की खिंचाई करता था. वैसे मैं भी मोदी जी पर जोक्स बनाता हूं और मोदी जी को इससे कोई आपत्ती नहीं है. बल्कि उन्होंने मुझसे पूछा भी था कि मेरे पर कभी जोक्स बनाया है या नहीं. तो मुझे हिम्मत मिली और मैं कई मौकों पर बनाता हूं. हम अपने कॉमेडी प्रोफेशन में किसी का फेवर तो नहीं कर सकते हैं, इस स्टेज में तो हमें इक्वल ही रहना होगा. मैं तो राहुल गांधी, मोदी जी, लालू प्रसाद यादव सभी पर जोक्स बनाता हूं.