48वें अंतरराष्ट्रीय एमी अवॉर्ड्स में दिल्ली क्राइम वेब सीरीज को बेस्ट ड्रामा सीरीज का अवार्ड मिला है. इस मौके पर आज तक संवाददाता पूनम शर्मा ने निर्भया की मां आशा देवी से खास बातचीत की. निर्भया की मां ने बताया कि उन्हें इस वेब सीरीज की जीत से कैसा महसूस हो रहा है. साथ ही उन्होंने आज के समाज के लड़कियों के साथ होने वाले दुष्कर्म को कम करने को लेकर भी अपने विचार रखे.
सवाल: आपकी बेटी पर बनी वेब सीरीज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा पुरस्कार मिला है आपकी क्या प्रतिक्रिया है इस पर?
जवाब: निर्भया के साथ जो कुछ भी हुआ और उसके बाद मेरा सात-आठ सालों का जो संघर्ष रहा, उसके बाद दिल्ली क्राइम वेब सीरीज बनाने वाले मेकर्स ने बहुत संघर्ष और मेहनत करके उसे लोगों तक पहुंचाया. मैं उन लोगों का धन्यवाद देती हूं. वेब सीरीज बनाने वाले लोगों ने इस अवार्ड को मेरी बेटी और मुझे समर्पित किया है मैं तहे दिल से उनका शुक्रिया करती हूं.
सवाल: आपको कैसे पता चला कि दिल्ली क्राइम को एमी अवॉर्ड मिला है और जब पता चला तो आपकी क्या प्रतिक्रिया थी?
जवाब: जब आपने फोन किया तभी इस बात की जानकारी मिली. खबरों में भी थोड़ा सा देखा था, लेकिन ज्यादा समझ में नहीं आया था तब. आज जब आपसे पूरी बातचीत हुई तब इस बात की जानकारी मिली. अच्छा लगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस सीरीज को पुरस्कार मिला है. लेकिन इस बात का भी दुख है कि 2012 के बाद से अब तक किसी तरह का कोई परिवर्तन समाज में नहीं आया है. आज भी लड़कियों को गलत ही करार दिया जाता है. हमारे सामने लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिनमें लड़कियों का बलात्कार किया गया या उनको जलाकर मार दिया गया. हाथरस जैसी घटनाएं हमारे सामने हैं.
सवाल: एक तरफ भारत की बेटी पर बनी वेब सीरीज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है तो दूसरी तरफ बेटी के साथ जो बलात्कार जैसी घटना हुई थी उसने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया था. इन दोनों चीजों को आप एक साथ कैसे दिखते हैं. क्या इस तरह की वेब सीरीज बनने से समाज में कोई परिवर्तन आएगा?
जवाब: देखिए निर्भया के साथ जो कुछ हुआ वह बेहद दुखद था. वेब सीरीज बन रही है या इन चीजों पर चर्चा होती है वह अपनी जगह है. लेकिन असली जरूरत समाज को बदलने की है, उसके नजरिए को बदलने की है, महिलाओं को समाज में इज्जत देने की है. जब तक महिलाओं को समाज में इज्जत नहीं मिलेगी तब तक आप कितनी भी वेब सीरीज का बना लीजिए समाज में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है.
सवाल: आप मान रही है कि महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं नहीं रुकती है यानी हम वहीं खड़े हैं जहां 2012 में थे तो यह स्थिति कैसे बदलेगी?
जवाब: हमने न्यायिक व्यवस्था में लगातार 7 साल से ज्यादा संघर्ष किया कितने दिनों के बाद बलात्कार के किसी मामले में 4 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई. फिर भी सभी आरोपियों में से एक जुवेनाइल कुछ कम उम्र होने के चलते बच निकला. आज भी जब हमें पूरी घटना और संघर्ष को याद करते हैं तो मन विचलित हो जाती हूं. न्यायिक व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था, पुलिसिया तंत्र सब में छुपी कमियों को दूर करने की जरूरत है तभी इस तरह की घटनाएं रुक सकती हैं.