सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक साल पूरा होने जा रहा है. ऐसे में सुशांत के करीबी और फिल्म डायरेक्टर रूमी जाफरी ने उन्हें याद करते हुआ आजतक से खास बातचीत में कहा काश खुदा कोई ऐसा करिश्मा कर देता तो मैं सुशांत को डांट लगा कर पूछता कि भाई तुमने आखिर ऐसा क्यों किया, क्यों हम सब को छोड़ कर ऐसे ही चले गए.
सुशांत का हमें छोड़ कर चले जाना मेरा पर्सनल लॉस है- रूमी जाफरी
बातचीत के दौरान रूमी कहते हैं कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि सुशांत मेरे भाई दोस्त जैसा था. वो मुझसे जूनियर भले ही था लेकिन कई चीजें वो मुझे भी सीखा गया. इतना अच्छा इंसान, हमेशा हंसते रहना, काम की बात करना, मेरे घरवालों को अपना परिवार जैसा सम्मान देना और साथ ही एक ऐसा कलाकार जो प्रतिभा से भरा हो बहुत कम लोग ऐसे होते हैं. मुझे सुशांत के परिवार के बारे में सोच कर बहुत दुख होता है कि जिनके साथ वो पला बढ़ा इतना वक्त बिताया वो कैसा महसूस कर रहे होंगे. लोग तो कुछ ही दिन से सुशांत को जानते थे पर इतने कम वक्त में ही वो हमसे दिल का रिश्ता जोड़ चुका था. सुशांत का जाना फिल्म इंडस्ट्री का लॉस तो है ही है पर मेरा तो पर्सनल लॉस है मैं उस लड़के को कभी नहीं भूल सकता. ईश्वर उसे जहां भी रखे अच्छा रखे.
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पिछले साल मई के महीने में सुशांत के साथ करने वाले थे शूटिंग
मुझे याद है की पिछले साल लॉकडाउन चल रहा था और अनिर्धारित तरीके से कुछ दिन के लिए बढ़ाया जा रहा था. तभी हमने प्लान किया था कि मई के महीने में हम अपनी फिल्म की शूटिंग करेंगे. गाने के साथ सब जानते थे कि सुशांत एक अच्छे एक्टर होने के साथ एक जबरदस्त डांसर भी है. तभी सुशांत ने मुझसे कहा था कि सर मैं इस गाने में जम कर डांस करूंगा.
उससे पहले सुशांत की जितनी भी फिल्में आई थी उनमें सुशांत ने उतना हार्डकोर डांस नहीं किया था जैसा वो करने का दम रखते थे, लेकिन हमारी फिल्म में सुशांत वो काम भी पूरा करने वाला था. हमने साथ में प्लान किया था कि सरकारी गाइड लाइन के हिसाब से कम लोग यूनिट में रखेंगे, फिल्म के गाने के शूट के दौरान.
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मैं एक इमोशनल आदमी हूं दोबारा कभी नही बनाऊंगा फिल्म
सुशांत की मौत से पहले सुशांत और रिया को लेकर जो फिल्म बनाई जा रही थी उस कहानी को अब बनाना मेरे लिए नामुमकिन है. मैंने पहले ही बताया था कि सुशांत को ध्यान में रख कर ही वो कहानी लिखी गई थी. मैं एक इमोशनल इंसान हूं. सुशांत मेरे भाई जैसा था. अब जब वो ही नहीं रहा, तो उस कहानी का कोई मतलब नहीं. इसलिए ये सवाल फिजूल है. वो लड़का उसका हंसता हुआ खिलखिलाता हुआ चेहरा, मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.