पूरे लॉकडाउन के दौरान टीवी अभिनेता एजाज खान अपने घर में अकेले थे. वह कहते हैं कि कोरोना वायरस के कारण जो महामारी फैली उसने उन्हें मानसिक रूप से शुरू-शुरू में काफी परेशान किया. उन्होंने बताया, "मुझे लगता है कि कई लोग लॉकडाउन के दौरान हुई समस्याओं के कारण मानसिक रूप से परेशान हुए होंगे और उनकी काउंसलिंग होनी चाहिए. मैं खुद पहले महीने में कई बार रोया क्योंकि घर वापस जाते मजदूरों की हालत देखी नहीं जाती थी. मुझे बुरा लगता था कि मेरे पास संसाधन हैं.'
एजाज ने आगे कहा, 'पिछले कुछ दिनों ने मुझे आत्मविश्लेषण का मौका दिया जो मेरे लिए काफी उपयोगी साबित हुआ. मैं कई बार उदास भी हुआ. क्योंकि मैं ज्यादा खुलकर बात नहीं कर पाता, मैं खुद में ही रहने लग गया. मैं काफी घंटों तक खाता नहीं था और पूरे वक्त सोशल मीडिया में व्यस्त रहता था.'
एजाज ने कहा कि इस सबके बाद उन्हें लगा कि एक दिनचर्या का होना आवश्यक है. उन्होंने रोजाना अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बातचीत करनी शुरू की, पड़ोसियों के साथ खाने का आदान-प्रदान शुरू किया और हालांकि वह ज्यादा धार्मिक नहीं हैं उन्होंने दिन में पांच बार प्रार्थना करनी शुरू की. वह कहते हैं, “प्रार्थना करना मेरे लिए ध्यान करने जैसा है. मैंने लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी यह जारी रखा क्योंकि इससे मुझे बहुत सुकून मिलता है.”
लॉकडाउन के दौरान एजाज दो पालतू कुत्तों के फोस्टर पैरेंट भी बने. एक साल में उन्होंने अपने दो पालतू जानवर खोए थे. 'मैं एक फीमेल डॉग को घर लाया और उसका नाम ब्लॉसम रखा. जब वो मुझे मिली उसकी हालत बहुत खराब थी. वो हाईवे पर दो हफ्तों से बंधी हुई थी और उसके पूरे शरीर में मैगेट्स थे. उसे प्यार की बेहद जरूरत थी लेकिन सही मायने में उसने मुझे बचाया. ख्याल रखना उसकी मदद से मुझे पाने में मदद मिली. उसका ख्याल रखते-रखते हर मुश्किल आसान हो गई.'