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हंसल-अनुराग पर एकता ने कसा तंज, बोलीं- आर्ट से मतलब रखो, न कि पैसों से

हंसल मेहता और अनुराग कश्यप पर तंज कसते हुए एकता कपूर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की है. उन्होंने अपनी राय रखी है. साथ ही आर्ट को तवज्जो देते हुए उन्होंने कहा है कि पैसों से ज्यादा अगर आर्ट पर फोकस किया जाए तो हमारा सिनेमा भी किसी हॉलीवुड सीरीज से कम नहीं. 

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एकता कपूर
एकता कपूर

नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज आई है 'एडोलेसेंस'. इसकी चर्चा हर ओर हो रही है. यहां तक कि डायरेक्टर अनुराग कश्यप तक इस सीरीज के मुरीद हुए नजर आए. सोशल मीडिया पर लंबी-चौड़ी पोस्ट में इस सीरीज की जमकर तारीफ की. साथ ही 15 साल के लड़के ओवेन ने जो इसमें किरदार अदा किया, उनकी परफॉर्मेंस के अनुराग कायल हो गए. हंसल मेहता ने भी एक पोस्ट के जरिए लिखा कि बॉलीवुड को रीसेट होने की जरूरत है. 

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अब दोनों पर तंज कसते हुए एकता कपूर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की है. उन्होंने अपनी राय रखी है. साथ ही आर्ट को तवज्जो देते हुए उन्होंने कहा है कि पैसों से ज्यादा अगर आर्ट पर फोकस किया जाए तो हमारा सिनेमा भी किसी हॉलीवुड सीरीज से कम नहीं. 

एकता की पोस्ट वायरल
एकता ने लिखा- जब इंडियन क्रिएटर्स इस बात पर रोते हैं कि हमारे इंडियन कॉन्टेंट में अब दम नहीं रहा है, मुझे ये चीज खराब लगती है. वो लोग इंटरनेशनल टीवी सीरीज और फिल्मों की तारीफ कर रहे हैं. मुझे सोच में पड़ गई हूं कि अगर वो ऐसा कर रहे हैं तो क्या ये उनका ईगो है, गुस्सा है या फिर वो अपने दिमाग में गलत धारणा हमारे सिनेमा को लेकर बनाते जा रहे हैं. जब 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' और मेरे जिगरी दोस्त हंसल मेहता की फिल्म 'बकिंघम पैलेस' थिएटर्स में चल नहीं पाईं तो क्या हम यहां सही चीज को दोष दे सकते हैं? ऑडियन्स की वजह से ये फिल्में नहीं चल पाईं. पर ये भी बात है कि इसमें रियल लोग भी आते हैं जो कॉन्टेंट को पसंद करते हैं, लेकिन जब हम ऑडियन्स को दोष देते हैं तो उसमें वो लोग भी पिस जाते हैं, जिन्हें फिल्म पसंद आई. 

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एकता की पोस्ट
एकता की पोस्ट

"चलो इसको ऐसे कहते हैं कि इंडिया का सबसे बड़ा हिस्सा विकासवादी चरण पर है. जब बात आती है कॉन्टेंट की तो इसे जज करने के लिए मुझे लगता है कि लोग अभी अपने बचपन में ही जी रहे हैं. क्योंकि चीजें बहुत आगे बढ़ चुकी हैं. बदल चुकी हैं. क्रिएटर्स कहते हैं कि सिस्टम से लड़ाई करो. पैसा, भूख, कॉर्पोरेट स्टूडियो और एप्स, हर कोई सिर्फ पैसे बनाने पर ध्यान देता है. मैं भी इसमें शामिल हूं. स्टूडियोज और एप्स, मनोरंजन को इंडस्ट्री के रूप में देखते हैं. फिल्म बनाना और कॉन्टेंट क्रिएट करना, बिजनेस नहीं होता. ये एक आर्ट होती है. औऱ मैं इस आर्ट को सपोर्ट करना चाहती हूं. मैं उन सभी क्रिएटर्स से गुजारिश करती हूं कि वो खुद का पैसा इस्तेमाल करें. परेशानी ही खत्म हो जाएगी."

अनुराग ने की थी 'एडोलेसेंस' एक्टर की तारीफ
अनुराग ने लीड चाइल्ड एक्टर ओवेन कूपर की तारीफ करते हुए बताया कि सीरीज सिंगल टेक में शूट हुई है, और कहा कि 15 साल की उम्र में इतना गहरा परफॉर्मेंस देना, वो भी सिंगल टेक में, ये किसी चमत्कार से कम नहीं. इसके बाद से ही इस सीरीज और एक्टर ओवेन की खूब चर्चा होने लगी है. 

हंसल मेहता ने लिखा था- हिंदी सिनेमा को रीसेट करने की जरूरत है. वो लोग जो ऐसा मानकर चल रहे हैं कि बॉलीवुड खत्म हो चुका है, रुक जाओ. इंडस्ट्री नहीं मर रही है. वो नाकाम होने का इंतजार कर रही है. दिक्कत ये नहीं है कि ऑडियंस अपना इंट्रेस्ट नहीं दिखा रही, बल्कि वो इनवेस्टमेंट है जिसे एक सुरक्षित, रीसाइकल्ड ढांचे में डाला जा रहा है. हिंदी सिनेमा का फ्यूचर रॉ टैलेंट पर दांव लगाकर, बेबाक स्टोरीटेलिंग, और डायरेक्टर्स पर टिका है जो एक स्क्रिप्ट को उठा सकें और सभी को चौंका देने के इरादे से उसे बना सकें. पिछले कुछ सालों में ये बात साबित हुई है कि स्टार्स ऑडियंस को लेकर नहीं आ रहे हैं, फिल्ममेकर का कंविक्शन उन्हें थिएटर्स लेकर आ रहा है. नई पीढ़ी के एक्टर्स, फिल्ममेकर्स और राइटर्स इस गेम को बदलने के लिए तैयार हैं.

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