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Fearless Nadia: बॉम्बे में सेल्स-गर्ल बनने आई ऑस्ट्रेलियन लड़की, जो बन गई इंडियन फिल्मों की 'हंटरवाली'

ऑस्ट्रेलिया में जन्मीं नाडिया, ब्रिटिश आर्मी में एक वालंटियर की बेटी थीं. नाडिया के पिता की मौत का नतीजा ये हुआ कि उन्हें अब काम करना था. एक सेल्समैन के तौर पर काम करने वालीं नाडिया ने इंडियन फिल्मों में वो किया, जो आज भी अगर कोई एक्ट्रेस स्क्रीन पर करती है, तो खूब चर्चा होती है.

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नाडिया (क्रेडिट: ट्विटर)
नाडिया (क्रेडिट: ट्विटर)

शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' कुछ ही दिन बाद रिलीज होने वाली है. फिल्म की एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण हैं और हाल ही में उनके बर्थडे पर 'पठान' की टीम ने उनका पोस्टर शेयर किया. इस पोस्टर में दीपिका एक्शन-पैक अवतार में नजर आ रही हैं. 'पठान' के टीजर में भी उनके स्टंट की एक झलक देखने को मिली थी. जबसे फिल्म में दीपिका की कास्टिंग कन्फर्म हुई है तभी से इस बात की खूब चर्चा है कि उनका एक्शन अवतार कितना पावरफुल होने वाला है और वो स्क्रीन पर स्टंट करती नजर आने वाली हैं. 

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फिल्मों में एक्ट्रेसेज अगर अपने स्टंट खुद परफॉर्म कर रही हों तो आज भी इस बात की खूब सुर्खियां बनती हैं. लेकिन इंडियन सिनेमा में एक एक्ट्रेस ऐसी भी हुई जो फिल्मों में ऊंचाइयों से कूदती, झूमर से झूलती, ट्रेन के ऊपर मर्दों से लड़ती और शेरों से लड़ती नजर आई. और ये बात आज की नहीं, 1930-40 के दौर की है. इस एक्ट्रेस ने अपने ये सारे स्टंट खुद किए. वो भी तब, जब फिल्मों में ना सेफ्टी गाइडलाइन के नाम पर कुछ था ना इंश्योरेंस और हार्नेस वगैरह तो बहुत दूर की बात थीं. इस एक्ट्रेस का नाम था नाडिया, जिन्हें फियरलेस नाडिया के नाम से जाना जाता है. 

फियरलेस नाडिया (क्रेडिट: ट्विटर)

ऑस्ट्रेलिया में जन्मीं, ब्रिटिश आर्मी से कनेक्शन 
इंडियन फिल्मों में अपने स्टंट्स से लोगों को हैरान कर देने वालीं नाडिया का असली नाम मैरी एन इवांस था. 8 जनवरी 1908 को पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में जन्मीं मैरी के पिता स्कॉटिश थे और ब्रिटिश आर्मी में वालंटियर थे. जबकि उनकी मां ग्रीक थीं. एक साल की मैरी तब पहली बार इंडिया आईं, जब उनके पिता की रेजिमेंट का ट्रांसफर मुंबई (तब बॉम्बे) में हो गया. पहले वर्ल्ड वॉर में उनके पिता की मौत हो गई और उनका परिवार पेशावर चला गया.

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नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (जो अब पाकिस्तान का खैबर पख्तूनवा है) में रहने के दौरान उन्होंने घुड़सवारी, शिकार करना, मछली पकड़ना और शूटिंग करना सीखा. शरीर मजबूत बनाने वाली अलग-अलग चीजें सीख रहीं मैरी को उस समय शायद ही ये आईडिया रहा हो कि ये सब आगे चलकर उनके कितना काम आने वाला है. मैरी के परिवार को एक बार फिर ठिकाना बदलना पड़ा और वो फिर से मुंबई आ गए. बचपन में सिंगर बनने की तमन्ना रखने वालीं मैरी की तकदीर ऐसी पलटी कि कुछ काम करना अब जरूरी था, तो उन्होंने रशियन डांसर मैडम अस्त्रोवा का ग्रुप जॉइन कर लिया. इससे पहले उन्होंने बॉम्बे के आर्मी एंड नेवी स्टोर में सेल्सगर्ल की नौकरी भी की. 

मैरी से नाडिया
मैडम अस्त्रोवा का ग्रुप आर्मी कैम्पों में ब्रिटिश सैनिकों, भारत के शाही परिवारों की महफिलों और कई बार छोटे कस्बों वगैरह में परफॉर्म किया करता था. इस ग्रुप में रहते हुए मैरी, एक्रोबेटिक स्टंट्स करने में माहिर हो गयीं. इस ग्रुप में रहते हुए ही मैरी के साथ एक और कमाल की चीज हुई, जिसने उन्हें उनका नया नाम दिया. एक आर्मेनियन ज्योतिष ने उन्हें कहा कि बड़ी कामयाबी उनका इंतजार कर रही है लेकिन इसके लिए उन्हें अंग्रेजी के 'N' लेटर से शुरू होने वाला नाम रखना होगा. तो मैरी ने नाडिया चुना, क्योंकि वो साउंड बहुत कूल कर रहा था और भारतीयों को समझ आने के साथ-साथ, पर्याप्त विदेशी भी लगता था.

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एक्शन सीन करतीं नाडिया (क्रेडिट: ट्विटर)

उस ज्योतिष की बात सच हुई और इस ऑस्ट्रेलियन लड़की के लिए, भारत में एक बड़ी कामयाबी का दरवाजा खुल गया. आगे चलकर फिल्मों में आने के बाद नाडिया के नाम को हिंदी ऑडियंस के लिए 'अजीब' बताने वाले कुछ लोगों ने ये भी सलाह दी थी कि वो अपना नाम 'नंदा देवी' कर लें. लेकिन नाडिया ने साफ मना कर दिया था. 

वाडिया और नाडिया 
जमशेद वाडिया और होमी वाडिया शुरूआती इंडियन सिनेमा के बड़े एक्सपेरिमेंट करने वाले लेजेंड्स में से एक हैं. दोनों ने वाडिया मूवीटोन नाम से अपना एक प्रोडक्शन हाउस शुरू किया और मसाला टाइप एक्शन फिल्में बनाने लगे. लाहौर में एक सिनेमा हॉल के मालिक, एरुच कांगा ने नाडिया को एक परफॉरमेंस में देखा और उनके बारे में वाडिया ब्रदर्स को बताया. अपॉइंटमेंट फिक्स की गई और एक नीली ड्रेस के साथ सूरजमुखी के फूल से सजी हैट पहने नाडिया ने ट्राम ली और वाडिया ब्रदर्स के स्टूडियो चल दीं.

नाडिया बहुत ज्यादा वेस्टर्न दिखती थीं और उन्हें देखकर दोनों भाई हैरान हो गए. बताया जाता है कि जब जमशेद ने नाडिया को कहा कि उन्होंने पहले उनके बारे में कभी नहीं सुना, तो जवाब आया- 'आज से पहले मैंने भी आपके बारे में नहीं सुना था!' शुरुआत में वाडिया ब्रदर्स ने उन्हें छोटे छोटे रोल दिए और फिर उन्हें 60 रुपये प्रति महीने की फीस पर रख लिया. फिल्मों में शुरुआत करने के बाद नाडिया ने हिंदी सीखनी शुरू की और आखिरकार वो फिल्म आई जिसने उन्हें स्टार बना दिया. 

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हंटरवाली 
वाडिया ब्रदर्स ने कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल देने के बाद नाडिया को 'हंटरवाली' से एक बड़ा मौका दिया. फिल्म में अपने पिता का बदला ले रही विदेशी दिखने वाली एक्ट्रेस, जिसके चेहरे पर मास्क था और दुश्मनों पर चाबुक से वार कर रही थी. ये एक ऐसी इमेज थी जिसने उस दौर के सिनेमा दर्शकों को हिला कर रख दिया. नाडिया के स्टंट, मर्दों को फाइट सीन में पछाड़ना और घुड़सवारी से लेकर तलवारबाजी तक, सबकुछ इंडियन दर्शकों के लिए बहुत नया था. उनकी निडरता एक ट्रेडमार्क बनी और नाडिया अब 'फियरलेस नाडिया' (निडर नाडिया) बन चुकी थीं, जो उनकी फिल्मों की मार्केटिंग का फॉर्मूला बन गया. 

ट्रेन पर स्टंट करतीं नाडिया (क्रेडिट: ट्विटर)

'डायमंड क्वीन' में नाडिया ढलान से तेजी से लुढ़क रही एक कैरिज में फाइट सीन कर रही थी और भंडारदारा फॉल्स से बह रहे तेज पानी में तैरती दिखीं. बताया जाता है कि पानी की धारा में वो बहते-बहते बची थीं. 'फ्रंटियर मेल' में वो ट्रेन पर एक आदमी को उठाए चल रही थीं और 'बॉम्बेवाली' में उन्होंने गाय का अच्छा-खासा बड़ा बछड़ा उठाया. उनकी सबसे यादगार इमेज में से एक फिल्म 'जंगल प्रिंसेस' में थी, जिसमें वो चार शेरों के बीच थीं. बाद के एक इंटरव्यू में नाडिया ने बताया था कि इस सीन के शूट में सुंदरी नाम की शेरनी उनके ऊपर से कूद पड़ी थी और इसके बाद बाकी शेर भी आक्रामक हो गए थे. उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का सबसे खतरनाक मोमेंट बताया था. 

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नाडिया वाडिया
वाडिया ब्रदर्स ने नाडिया को लेकर दस से ज्यादा जोरदार स्टंट वाली फिल्में बनाईं. इन फिल्मों में उनके स्टंट हाईलाइट तो जरूर थे मगर नाडिया किसी सामाजिक बुराई से लड़ती दिखती थीं. जैसे 'हरिकेन हंसा' में वो एक हरिजन का किरदार निभा रही थीं, तो 'पंजाब मेल' में क्लास सिस्टम से लड़ रही थीं. 'मुकाबला' में तो उन्होंने जो किरदार निभाया, उसे कहानी में 'मां दुर्गा का अवतार' बताया गया था.   

'हंटरवाली' के पोस्टर में नाडिया (क्रेडिट: विकिपीडिया)

1959 में आई 'सर्कस क्वीन' नाडिया की आखिरी फिल्म थी, जिसके बाद उन्होंने डायरेक्टर होमी वाडिया से शादी कर ली. शादी के बाद वो सिर्फ होमी की ही एक फिल्म 'खिलाड़ी' में एक रोल करती नजर आई थीं. जो असल में इंटरनेशनल फिल्म फ्रैंचाइजी 'जेम्स बॉन्ड' का एक स्पूफ थी. 1996 में, अपने 88वें जन्मदिन के अगले ही दिन यानी 9 जनवरी को उनका निधन हो गया.

नाडिया पर 1993 में एक डाक्यूमेंट्री बनी थी 'फियरलेस नाडिया: द हंटरवाली स्टोरी', जिसे बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में देखने के बाद जर्मन राइटर डोरोथी वेनर ने बॉलीवुड की ऑरिजिनल स्टंट क्वीन पर 'फियरलेस नाडिया' नाम से किताब लिखी. विशाल भारद्वाज की फिल्म 'रंगून' (2017) में कंगना रनौत ने जो किरदार निभाया वो नाडिया से इंस्पायर्ड था. 2018 में नाडिया के जन्मदिन यानी 8 जनवरी को, एक डूडल के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी थी.

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