फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना 'जैविक हथियार' टिप्पणी के मामले में रविवार को कावरत्ती पुलिस के सामने पेश हुईं. उनपर 'जैविक हथियार' टिप्पणी के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. केरल हाई कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते के लिए अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी और रविवार को उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था.
आयशा 20 जून को शाम 4 बजे पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचीं. तीन घंटे पूछताछ के बाद सवा सात बजे वे पुलिस हेडक्वार्टर से निकलीं. सुल्ताना ने एक वीडियो मैसेज जारी कर बताया कि पुलिस को-ओपरेटिव थी. उन्हें फिलहाल 3-4 दिनों के लिए द्वीप से बाहर जाने की अनुमति नहीं है.
मामला क्या है?
बीजेपी लक्षद्वीप के यूनिट प्रेसिडेंट अब्दुल खादर हाजी ने आयशा के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. अब्दुल के मुताबिक, लक्षद्वीप में चल रहे विवादास्पद सुधारों पर 7 जून को एक निजी चैनल पर हो रहे डिबेट का हवाला देते हुए कहा गया था कि आयशा ने उस डिबेट में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. आयशा ने कहा कि केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप के लोगों के खिलाफ 'जैविक हथियारों' (कोरोना के संदर्भ में) का इस्तेमाल किया है.
आयशा के इस बयान पर बीजेपी लक्षद्वीप के यूनिट ने विरोध जताया. बीजेपी लीडर का यह भी कहना है कि आयशा पार्टी के देशभक्ती वाले छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही हैं.
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कौन हैं आयशा?
आयशा सुल्ताना पेशे से मॉडल भी रही हैं और उन्होंने कई मलयालम फिल्मों में काम किया है. आयशा एक लंबे समय से वहां सरकार के खिलाफ अपनी आवाज मुखर करती आ रही हैं. अपने विवादित बयान को सही ठहराते हुए फेसबुक पर पोस्ट भी किया है.