एक्टर गुरमीत चौधरी ने कई सालों तक टीवी में पहचान बनाने के बाद फिल्मी दुनिया में कदम रखकर अपनी नई पहचान बनाई. साल 2015 में गुरमीत को पहली फिल्म खामोशियां के बाद कई फिल्मों में देखा गया. गुरमीत ने बताया कि फिल्मी इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद उन्होनें कई मुशकिलें झेली.
एक डायरेक्टर ने गुरमीत को धमकी दी थी कि वह अगर उस फिल्म को ठुकराते हैं, तो आगे उन्हें कहीं भी काम करने नहीं दिया जाएगा. हालांकि डायरेक्टर का नाम न लेते हुए उन्होंने बताया कि जिस डायरेक्टर ने उन्हें ये धमकी दी थी वे बड़े जाने-माने डायरेक्टर थे.
रेडियो होस्ट सिद्धार्थ कनन से बात करते हुए गुरमीत ने बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट समझ न आने पर उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया लेकिन सामने से उन्हें धमकी मिली. उन्होंने कहा 'जब मैं फिल्मों में गया तो एक अच्छे और बड़े डायरेक्टर ने मुझे घर पर बुलाया और नरेशन दिया. नई फिल्म थी मेरे समझ नहीं आई. आज के टाईम पर ऐसा होता अगर आपको फिल्म समझ नहीं आती तो आप मना कर सकते हैं.'
'मैंने जब मना किया तो उन्होंने कहा मैं तुझे कोई फिल्म नहीं करने दूंगा. मुझे झटका लगा कि यह क्या है. यह तो होता है न कोई एक्टर स्क्रिप्ट पढ़ता है तो सोचता है यह फिल्म करनी है या नहीं. लेकिन उन्होंने मुझे खड़े होकर बोला कि मैं और कोई फिल्म नहीं करने दूंगा, तूने मेरी फिल्म के लिए कैसे मना किया, तुझे क्या लगता है मेरी फिल्म गंदी है, उन्होंने जब ये कहा तो मुझे यह सुनकर बहुत झटका लगा था.'
हिंदुस्तान टाईम्स से बात करते हुए गुरमीत ने एक फिल्म में हीरो की भूमिका निभाने में अपनी दिलचस्पी जाहिर की थी. उन्होंने कहा, मैं सुपरस्टार बनना चाहता हूं, जो एक अच्छा अभिनेता हो, यह मेरा अगला सपना है. लोगों ने मुझे एक साल से काम करते नहीं देखा है. इस साल बदलने की उम्मीद है.
वर्कफ्रंट की बात करें तो गुरमीत चौधरी को पिछली बार अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरते सरमाद खान द्वारा निर्देशित द वाईफ में देखा गया था.