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हॉलीवुड से बॉलीवुड तक शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती हैं फिल्में? इस बार सलमान क्यों तोड़ रहे ये ट्रेंड?

सिनेमा का कल्चर ही ऐसा रहा है कि शुक्रवार का मतलब होता है नई फिल्मों की रिलीज. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि फिल्में शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती हैं? इसकी शुरुआत कैसे हुई और ये नियम आज भी क्यों निभाया जाता है? और इस वीकेंड की तरह, वो कौन से मौके हैं जब फिल्ममेकर्स ये नियम तोड़ते हैं?

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शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती हैं फिल्में?
शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती हैं फिल्में?

पक्के वाले सिनेमा फैन्स में ये ट्रेंड रहा है कि वो हर शुक्रवार नई फिल्म देखने थिएटर पहुंच जाते हैं. कोशिश तो ये रहती है कि रिलीज के पहले दिन, नई फिल्म का पहला ही शो देख लिया जाए. पहला शो ना देख पाने पर भी कम से कम पहले दिन नई फिल्म देखने की जिम्मेदारी विशुद्ध फिल्म लवर्स अक्सर पूरी तरह निभाते देखे गए हैं. लेकिन अगर इस बार किसी ने नई फिल्म देखने के लिए शुक्रवार का इंतजार किया होगा, तो उसे शुक्रवार को पता चलेगा कि उसके साथ तो छोटा सा प्रैंक हो गया है! 

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इस वीकेंड वैसे तो दो फिल्में थिएटर्स में पहुंच रही हैं और ये दोनों बड़ी फिल्में हैं. एक तरफ मलयालम इंडस्ट्री की फिल्म 'एम्पुरान' रिलीज हो रही है, तो बॉलीवुड से मोर्चा संभाला है सलमान खान की 'सिकंदर' ने. लेकिन शुक्रवार को नई रिलीज खोज रहे फिल्म लवर के साथ धोखा ये हुआ कि जहां 'एम्पुरान' गुरुवार को ही थिएटर्स में रिलीज हो गई, वहीं 'सिकंदर' दो दिन बाद रविवार को आएगी. है न काफी अलग मामला! 

सिनेमा का कल्चर ही ऐसा रहा है कि शुक्रवार का मतलब होता है नई फिल्मों की रिलीज. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि फिल्में शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती हैं? इसकी शुरुआत कैसे हुई और ये नियम आज भी क्यों निभाया जाता है? और इस वीकेंड की तरह, वो कौन से मौके हैं जब फिल्ममेकर्स ये नियम तोड़ते हैं? चलिए बताते हैं...

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हॉलीवुड से शुरू हुआ 'फिल्मी फ्राइडे'
दुनिया भर के सिनेमा पर हॉलीवुड ने किस तरह असर डाला है ये तो सब जानते ही हैं. इसी तरह भारत में शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने का ट्रेंड भी हॉलीवुड से ही आया. डायरेक्टर विक्टर फ्लेमिंग की आइकॉनिक फिल्म 'गॉन विद द विंड' 15 दिसंबर 1939 को रिलीज हुई थी. उस समय तक ये फिल्म दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म थी. अगर इन्फ्लेशन यानी महंगाई के हिसाब से एडजस्ट किया जाए, तो ये फिल्म आज भी दुनिया के इतिहास में सबसे कमाऊ फिल्म है क्योंकि इस हिसाब से इसकी कमाई 4 बिलियन डॉलर से ज्यादा बनती है. 

फोटो क्रेडिट: IMDB

ये कलेक्शन 3 बिलियन डॉलर से कम कमाने वाली, हमारे दौर की सबसे कमाऊ फिल्म 'अवतार' से भी कहीं ज्यादा है. इस शानदार कमाई के साथ-साथ 'गॉन विद द विंड' को 13 ऑस्कर नॉमिनेशन भी मिले, जिसमें से 10 में इसे जीत भी मिली. यानी हर पैमाने पर ये फिल्म अपने वक्त की सबसे बड़ी फिल्म थी. 

रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस फिल्म को शुक्रवार के दिन रिलीज करने का फैसला इसलिए लिया गया था कि उस दौर में यूएस में हफ्ते की तनख्वाह शुक्रवार को मिला करती थी और शनिवार-रविवार की छुट्टी में लोग अपने परिवार और दोस्तों यारों के साथ घूमने-फिरने, मौज करने निकलते थे. इसलिए शुक्रवार की शाम से ही मौज करने लोगों को थिएटर्स में खींचने का ये बढ़िया तरीका था कि इस दिन नई फिल्म रिलीज की जाए. ये आईडिया हॉलीवुड में शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने का आधार बना और इसी को धीरे-धीरे दूसरे देशों समेत भारत में भी अपनाया जाने लगा. 

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भारत में कब शुक्रवार को रिलीज होने लगीं फिल्में
बहुत सी जगहों पर आपको पढ़ने को मिलेगा कि 1960 में आई आइकॉनिक फिल्म 'मुगल-ए-आजम' वो पहली बड़ी फिल्म थी जो शुक्रवार को रिलीज हुई, मगर ऐसा नहीं है. इससे 5 साल पहले 1955 में भी 'मिस्टर एंड मिसेज 55', 'आजाद', 'इंसानियत' और 'देवदास' जैसी फिल्में शुक्रवार को रिलीज हुई मिलती हैं. 

बॉलीवुड लेजेंड राज कपूर की कई बड़ी फिल्में जैसे- आवारा (1951), बरसात (1949) और आग (1948) शुक्रवार को रिलीज हुई थीं. जबकि दिलीप कुमार की 1950 में आईं फिल्में 'बाबुल', जोगन' और 'आरजू' शुक्रवार को ही रिलीज हुईं. देव आनंद की भी कई फिल्में शुक्रवार को रिलीज मिलती हैं जिनमें 'अफसर' (1950) भी शामिल है. भारत में बनी पहली कलर फिल्म 'किसान कन्या' भी शुक्रवार को ही रिलीज हुई थी. लेकिन उस दौर में सभी फिल्मों को शुक्रवार के दिन रिलीज करने का ट्रेंड नहीं मिलता. बल्कि फिल्ममेकर्स अपने-अपने हिसाब से मौका चुनकर, उस दिन फिल्म रिलीज करने का फैसला करते हुए लगते हैं. 

फोटो क्रेडिट: IMDB

जैसे- अगर कोई बड़ा त्यौहार है तो बिना शुक्रवार या किसी खास दिन का इंतजार किए फिल्में रिलीज कर दी जाती थीं. भारत की पहली फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' सोमवार के दिन रिलीज हुई थी और पहली आवाज वाली फिल्म 'आलम आरा' शनिवार को. रिलीज के दिनों का पैटर्न देखने पर लगता है कि देश की आजादी के बाद जैसे-जैसे विकास होना शुरू हुआ और विदेशों से सिनेमा का इंस्पिरेशन भी शुरू हुआ, वैसे ही धीरे-धीरे 1950 के दशक में हॉलीवुड की तरह शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने का ट्रेंड भी पॉपुलर होता चला गया. इसलिए 1960s से साल की अधिकतर बड़ी फिल्में शुक्रवार को रिलीज हुई मिलती हैं. 

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इसका सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि शुक्रवार के दिन रिलीज हुई नई फिल्म को, वीकेंड के कारण शनिवार से ही ज्यादा दर्शक मिलने लगे. पहले 3 दिन में फिल्म ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंच गई, तो वर्ड ऑफ माउथ यानी जुबानी प्रचार खूब मिल जाता था. इससे थिएटर्स में फिल्म की लाइफ लंबी हो जाती थी और उसमें पैसे लगाने वालों का भी फायदा होता था. पहले थिएटर्स में पहुंचने वाली नई फिल्मों की संख्या आज के मुकाबले बहुत कम होती थी. 

जैसे-जैसे हर साल फिल्में ज्यादा बनने लगीं, वैसे-वैसे थिएटर्स में कॉम्पिटीशन बढ़ता चला गया. जब 90s का दौर आते-आते बॉलीवुड में हर हफ्ते नई फिल्में आने लगीं तो हर हर नई फिल्म के पास दमदार कमाई करने के लिए समय कम होता चला गया. आखिरकार, 2000s में वो दौर आ गया कि फिल्म अगर पहले वीकेंड यानी पहले तीन दिनों में जमकर कमाई नहीं कर पाई, तो हिट होना मुश्किल हो गया. ऐसे में मेकर्स फिर से पुराने तौर तरीकों की तरफ देखने लगे.

फिल्ममेकर्स कब तोड़ते हैं शुक्रवार को रिलीज का नियम?
किसी भी बड़ी फिल्म को कमाई भी ज्यादा चाहिए. इसका सीधा सा गणित ये है कि नई फिल्म जितने ज्यादा दिन बिना कॉम्पिटीशन थिएटर्स में चलेगी, कमाई उतनी बढ़ेगी. तो बॉलीवुड में एक नया ट्रेंड ये बना कि फिल्म बड़ी है तो किसी ऐसे इवेंट पर रिलीज की जाए जब नेशनल हॉलिडे बीच में पड़ता हो और लोग उस दिन मौज करने के प्लान बनाते हों. रिलीज डेट इस हिसाब से सेट की जाए कि वीकेंड के साथ-साथ त्यौहार की छुट्टी भी बीच में आ जाए तो अगले हफ्ते नई फिल्म के आने से पहले अच्छी खासी कमाई जुटाई जा सकती है. जैसे- शाहरुख खान की कमबैक फिल्म 'पठान' (2023) गणतंत्र दिवस के मौके पर रिलीज हुई थी. उस साल गणतंत्र दिवस गुरुवार को था लेकिन फिल्म बुधवार को ही रिलीज कर दी गई. 

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'पठान' से शाहरुख का कमबैक तो हो ही रहा था, वो एक नए अवतार में भी नजर आ रहे थे और फिल्म का प्रमोशनल मैटेरियल भी जनता को इम्प्रेस कर चुका था. बुधवार को ही जनता ने 'पठान' पर जमकर प्यार लुटाया और ये बॉलीवुड की सबसे बड़ी ओपनिंग वाली फिल्म बनी. फायदा ये हुआ कि गुरुवार की छुट्टी का प्लान बना रहे लोग तय कर चुके थे कि उन्हें मौज करने कहां जाना है. गुरुवार फिर से बड़ी कमाई वाला दिन बना और इसके बाद अभी वीकेंड के तीन दिन बाकी ही थे. 

बॉक्स ऑफिस पर बिताए अपने पहले वीकेंड में, संडे तक फिल्म जितनी कमाई कर ले, उसे फर्स्ट वीकेंड कलेक्शन कहा जाता है. ये दिन फिल्म की रिलीज से जोड़े जाते हैं. तो 'पठान' ने संडे तक अपने पहले 5 दिनों में, यानी फर्स्ट वीकेंड में 280.75 करोड़ रुपये की कमाई की थी. ये फिल्म की कुल कमाई 543 करोड़ का लगभग 52% हिस्सा था. जबकि फिल्म ने अगले 262 करोड़ करीब 65 दिनों के बॉक्स ऑफिस रन से कमाए. 

फोटो क्रेडिट: IMDB

ईद पर धामाकेदार कमाई का रिकॉर्ड बनाने वाले सुपरस्टार सलमान की 4 ईद रिलीज ने पहले वीकेंड में 100 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन किया, उनमें से 3- एक था टाइगर, सुल्तान और भारत, बुधवार को रिलीज हुई थीं. यानी बॉलीवुड में मेकर्स शुक्रवार की नॉर्मल रिलीज से दाएं-बाएं होना तभी चुनते हैं जब फिल्म को कोई विशेष फायदा हो रहा हो. वरना शुक्रवार बिजनेस के लिहाज से फिल्मों के लिए रिलीज का परफेक्ट दिन बन चुका है. हालांकि अब सलमान खान की ही नई रिलीज 'सिकंदर' से कुछ बहुत अलग करने की कोशिश की जा रही है. 

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'सिकंदर' के लिए मेकर्स ने 30 मार्च यानी संडे का दिन चुना है क्योंकि 31 तारीख की ईद है. शायद मेकर्स का लॉजिक ये है कि संडे की छुट्टी से ही ईद सेलेब्रेशन का मूड बन जाएगा इसलिए फिल्म को भरपूर ऑडियंस मिलेगी और सोमवार को ईद की छुट्टी की वजह से भीड़ जुटेगी. ईद का सेलेब्रेशन असल में 3 दिन तक चलता है और मेकर्स ने जरूर इसी बात को ध्यान में रखते हुए फिल्म संडे को शिड्यूल की होगी कि इस सेलेब्रेशन का फायदा उन्हें बुधवार तक मिलेगा. लेकिन लेकिन मंगलवार से फिर वर्किंग डेज यानी कामकाजी दिन शुरू हो जाएंगे. सेलेब्रेट करने वाले 3 दिन तक ईद तो मनाएंगे मगर टेक्निकली इसका फायदा फिल्म को दोपहर के शोज में बहुत तगड़ा नहीं होगा क्योंकि ये छुट्टी के दिन नहीं हैं. 

अगर 'सिकंदर' बाकी फिल्मों की तरह शुक्रवार को ही रिलीज होती तो इसे पहले वीकेंड के 3 दिन के साथ, सोमवार को ईद का फायदा मिलता. वही ईद सेलेब्रेशन जिसे टारगेट करने के लिए मेकर्स संडे को फिल्म रिलीज कर रहे हैं, शुक्रवार की रिलीज के साथ ज्यादा फायदा पहुंचाता. अब ये तो 30 मार्च को 'सिकंदर' के रिलीज होने पर ही पता लग पाएगा कि संडे रिलीज वाला फॉर्मूला सलमान के कितना काम आता है.  

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