
हाय रे विडंबना... 'एनिमल' से रणबीर कपूर ने खूंखार-खूनी अवतार में बड़े पर्दे पर ऐसा तहलका मचाया कि अब हर अल्ट्रा-प्रो-मैक्स हिंसक व्यक्ति को लोग एनिमल कहने लगे हैं. और दूसरी तरफ रियल एनिमल यानी जानवर हैं जिनके करीब जाकर, उन्हें छूकर-दुलार करके-पुचकारकर लोगों का स्ट्रेस हवा हो जाता है.
बड़े पर्दे पर रणबीर का एनिमल-पना शायद हर व्यक्ति को ना हजम हो, लेकिन रियल लाइफ में जनता काफी एनिमल लवर है और फिल्मों में भी इनकी कहानियां देखना खूब पसंद करती है. बॉलीवुड में तो कितनी ही फिल्में ऐसी रही हैं जिनमें जानवर लीड रोल में रहे हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में जहां हीरोज को एक्शन फिल्मों में 'एनिमल' बनने का क्रेज चढ़ा, वहीं पर्दे पर रियल एनिमल हीरो के रोल में नजर आने बहुत कम हो गए.
10 साल पहले डॉग ने दिया था 'एंटरटेनमेंट'
2014 में आई अक्षय कुमार की फिल्म 'एंटरटेनमेंट' शायद वो आखिरी बॉलीवुड फिल्म थी जिसमें एक जानवर ने लीड रोल किया था. अमीर बनने की आस में घूम रहे अक्षय के किरदार को पता चलता है कि उसका असली पिता एक बहुत अमीर आदमी है और उसकी मौत अभी-अभी हुई है. लेकिन सारी जायदाद का वारिस एक कुत्ता है, जिसका नाम एंटरटेनमेंट है.
अक्षय उसे निपटाने की प्लानिंग करने लगते हैं, मगर कहानी में ट्विस्ट आता है और डॉग उनकी जान बचाता है. इसके बाद की कहानी में जमकर अक्षय कुमार ब्रांड कॉमेडी-ड्रामा था.
पुराना है जानवरों के हीरो बनने का फिल्मी इतिहास
'हाथी मेरे साथी' (1971) में एक जू चलाने वाले राजेश खन्ना को अपने परिवार और अपने प्यारे पालतू हाथी में से किसी एक को चुनना पड़ता है. इस इमोशनल कहानी का हीरो एक हाथी था जिसकी कलाकारियों ने जनता का दिल खूब जीता था. 'गाय और गोरी' में जया बच्चन के किरदार के साथ उसकी गाय का बॉन्ड बहुत इमोशनल था. गाय इस फिल्म के मुख्य किरदारों में से एक थी. 1976 में 'नागिन' में बदले की आग में जलती इच्छाधारी नागिन की कहानी पहली बार बड़े पर्दे पर आई, रीना रॉय की फिल्म ने जनता को ऐसा दीवाना बनाया कि इच्छाधारी सांपों से जुड़े टीवी शोज और फिल्में आज भी बन रहे हैं.
जानवरों के लीड रोल वाली फिल्मों के मामले में जैकी श्रॉफ की 'तेरी मेहरबानियां' (1985) बेहद आइकॉनिक फिल्म है. अपने मालिक की हत्या का बदला लेते एक कुत्ते की कहानी जनता के दिल में उतर गई. इसके बाद कई फिल्मों में जानवरों ने फिल्मों के प्लॉट को इमोशनल ट्विस्ट डिलीवर करने में अपनी भूमिका अदा की. जैसे- 'मैंने प्यार किया' (1989) के कबूतर और 'हम आपके हैं कौन' (1994) के डॉग को जनता कभी नहीं भूल सकती. 'आंखें' (1993) में एक बंदर ने गोविंदा और चंकी पांडे के साथ मिलकर जबरदस्त कॉमेडी की. लेकिन ऐसी फिल्में कम होती चली गईं, जिनमें कहानी का मुख्य किरदार ही कोई जानवर था.
2011 में आई 'चिल्लर पार्टी' की कहानी का लीड किरदार डॉग को कहा जा सकता है. इस कहानी में बच्चे मिलकर एक बेघर बच्चे और उसके पालतू कुत्ते को बचाने के लिए अपनी सोसायटी में आंदोलन कर देते हैं और बाकायदा एक चुनाव लड़ते हैं. 'चिल्लर पार्टी' के बाद जानवरों को कहानी में मुख्य किरदार बनाने वाली फिल्म 'एंटरटेनमेंट' (2014) थी.
सोशल मीडिया और अपने आसपास देखने पर लगता है कि पिछले कुछ सालों में जनता काफी तेजी से एनिमल लवर बनी है. मगर हैरानी की बात ये रही कि जानवरों को लेकर बनी फिल्में कम होती चली गईं. इस मामले में कन्नड़ फिल्ममेकर रक्षित शेट्टी का खास जिक्र बनता है, जिनकी फिल्म '777 चार्ली' में एक प्यारा सा कुत्ता कहानी का हीरो है. ये फिल्म, एक जानवर की कहानी पर बनी इस दौर की सबसे बेहतरीन फिल्म कही जा सकती है.
10 साल बाद आ रही जानवर पर फिल्म
अब लगभग एक दशक बाद बॉलीवुड की एक फिल्म आ रही है जिसका लीडिंग किरदार एक चौपाया जानवर है. नए साल में बॉलीवुड से दो न्यूकमर- अजय देवगन के भांजे आमान देवगन और रवीना टंडन की बेटी राशा थडानी, फिल्म 'आजाद' से डेब्यू करने जा रहे हैं. हालांकि, इस कहानी का हीरो एक घोड़ा है, जो एक परिवार का वफादार है. देखें 'आजाद' का टीजर:
'आजाद' में अजय देवगन भी एक गेस्ट अपीयरेंस कर रहे हैं कुछ ही दिन पहले इस फिल्म का टीजर काफी चर्चा में था. ये फिल्म 17 जनवरी को थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है. अब देखना है कि एक दशक बाद किसी जानवर को कहानी का हीरो दिखाने वाली ये फिल्म क्या कमाल करती है.