scorecardresearch
 

शाहिद कपूर के सबसे बड़े क्र‍िट‍िक हैं मीरा-ईशान, बताया कैसा लगता है इंडस्ट्री में 20 साल पूरा करना

शाहिद कपूर को बॉलीवुड में लगभग बीस साल हो गए हैं. बीस साल की इस लंबी पारी में शाहिद ने एक एक्टर के तौर पर क्रिटिसिज्म को कितनी तवज्जों दी है. इसके साथ ही वे किसे अपना सबसे बड़ा क्रिटिक मानते हैं. शेयर कर रहे हैं.

Advertisement
X
शाहिद कपूर
शाहिद कपूर

शाहिद कपूर उन एक्टर्स में से हैं, जिन्होंने सक्सेस की ऊंचाईयों को छुआ है, तो वहीं एक महीने में तीन-तीन बड़ी फिल्मों का फ्लॉप भी झेला है. हालांकि शाहिद ने कभी अपने अंदर किसी तरह की कड़वाहट नहीं आने दी है. एक्टिंग करियर के इसी अप्स एंड डाउन पर शाहिद ने हमसे बातचीत की है. शाहिद ने जर्सी के फ्लॉप होने का कारण भी बताया है. 

Advertisement

क्यों नहीं चली जर्सी?
शाहिद बताते हैं, जर्सी मेरे दिल के करीब फिल्म है. मैंने कबीर सिंह से कुछ नहीं सीखा लेकिन जर्सी से मैंने बहुत कुछ समझा है. यह बहुत ही खूबसूरत फिल्म थी लेकिन उसका वक्त गलत था. इतनी बार टाली गई, तो इसका असर उसकी रिलीज पर पड़ा. मैंने इसके फेल्यॉर पर काफी परेशान हुआ था. मैंने हर तरीके से इसके बारे में सोचा था. 

क्या एक्टर क्रिटिसिज्म को लेकर ओपन होते हैं?
क्रिटिसिज्म को कैसे एक्सेप्ट करते हैं. इसके जवाब में शाहिद कहते हैं, मैं मानता हूं कि एक्टर ओपन हो या नहीं हो लेकिन उन्हें क्रिटिसिज्म से बचाया नहीं जा सकता है. हम क्रिटिसिज्म को लेकर आदी हो चुके हैं. खासकर आज जिस तरह सोशल मीडिया पर लोग अपने ओपिनियन रखते हैं, उससे तो आप खुद को बचा नहीं सकते हो. पहले ऐसा नहीं था, पहले आप तक चीजें नहीं पहुंचती थी. लेकिन आज तो हर कोई ओपिनियन देता है. मैं क्रिटिसिज्म को लेकर ओपन रहा हूं. मुझे कई दोस्त आकर बोलते रहते हैं. पहले क्रिटिसिज्म अच्छा नहीं लगता था लेकिन जैसे-जैसे आप इस फील्ड में कंफर्टेबल और कॉन्फिडेंट होते जाते हो, तो चीजों को स्वीकार करने लगते हो. 

Advertisement

 

 

कौन है शाहिद का सबसे बड़ा क्रिटिक?
शाहिद आगे कहते हैं, मैं बीस साल से इतने लोगों के इतने वर्जन सुन चुका हूं कि अब मैं खुशी-खुशी लोगों के पॉइंट ऑफ व्यू को सुन लेता हूं. सुनने की आदत हो चुकी है.. अब तो शादी के बाद और ज्यादा प्रो हो गया हूं. मैं पर्सनल लाइफ में कबीर से बहुत ही ऑपोजिट हूं. मैं और मीरा एक दोस्त की तरह हैं. मेरे जिंदगी के दो सबसे बड़े क्रिटिक्स मीरा और ईशान हैं. क्योंकि वो यंग जनरेशन से हैं, मैं उन्हें डांटता रहता हूं लेकिन जब मेरी कोई फिल्म आती है, तो वो मौका बिलकुल भी नहीं छोड़ते हैं. 

एक एक्टर के तौर पर कितना जिम्मेदार महसूस करते हैं? 
करियर की लंबी पारी पर शाहिद कहते हैं, बीस साल इंडस्ट्री में काम करने के बाद आप यह नहीं कर सकते हैं कि अरे बहुत काम कर लिया. आप अपने काम को लेकर हताश नहीं हो सकते हैं. यहां हर दिन का बहुत महत्व है. मेरे काम के साथ जो मेरा रिलेशनशिप है, वो मेरी पत्नी और बच्चों से भी कहीं ज्यादा बढ़कर है. आपने सबकुछ यहां झोंक दिया है, तो आपको अपने काम को लेकर हर रोज पैशनेट होना होगा. अगर बीस साल किसी चीज को निभाया है, तो उसे छोड़ थोड़े न सकते हैं. उसे तबतक लेकर जाना चाहेंगे, जबतक सांसे हैं. आप इसी जर्नी में खुद को और बेहतर बनाते जाते हैं. यह एक ऐसा जॉब है कि एक वक्त आता है, जब आपको धारा के अगेंस्ट स्विम करते हैं. यह यंग प्रोफेशन है. जब आप 30 साल की उम्र क्रॉस करते हो, तो उस वक्त उस ऐज ब्रैकेट से हट जाते हो, जिसे ऑडियंस देख रही होती है. आप यंग दिख सकते हैं लेकिन आपके जो एक्स्पीरियंस रहे हैं, उसे बैलेंस करना जरूरी है. दिल और दिमाग से भी यंग रहना जरूरी है. अपने एक्स्पीरियंस को ऐसे इस्तेमाल करो, जो सामने लोगों के लिए प्रेशर न बन जाए. 

Advertisement

क्या है शाहिद का ड्राइविंग फोर्स ?

शाहिद आगे कहते हैं, खुद को रेलिवेंट बनाने में मैं लियोनार्डो डी कैप्रियो के एक इंटरव्यू को बहुत फॉलो करता हूं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जब कोई स्क्रिप्ट आए और आप उस कैरेक्टर के ग्राफ को बखूबी समझ जाओ, तो उसे फिल्म को वहीं रिजेक्ट कर दो. आप ऐसे किरदार या कहानी को चुनो, जो आपको डराए कि क्या आप इसे कर पाएंगे. आप इसे चैलेंज की तरह लेंगे और फिर रिजल्ट चाहे अच्छा हो या बुरा लेकिन कुछ नया सीखते हैं. एक कंफर्टजोन में बैठकर आप कहानी में कैसे फ्रेशनेस लेकर आते हैं. आप सक्सेस को रिपीट करते रहते हैं, जो फॉर्म्यूला बनकर रह जाती है. 

 

 

 

Advertisement
Advertisement