scorecardresearch
 

Exclusive: बॉलीवुड वालों के लिए मैं 'घर की मुर्गी' हूं, बोले विद्युत जामवाल

2011 से Vidyut Jammwal ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. इस दस साल के करियर स्पैन में विद्युत ने बॉलीवुड के एक्शन ड्रीवन सिनेमा को एक नया आयाम दिया है. वे इंटरनैशनल एक्शन हीरो के रूप में उभरे हैं, इसके बावजूद विद्युत ने बॉलीवुड में एक आउटसाइडर होने का खामियाजा भुगता है.

Advertisement
X
विद्युत जामवाल
विद्युत जामवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खुदा हाफिज के सेट पर हो गए थे बेहोश
  • इंटरनैशनल लेवल पर एक्शन हीरो की पहचान बना चुके हैं विद्युत

खुदा हाफिज की ओटीटी सक्सेस के बाद विद्युत जामवाल इसका पार्ट टू लेकर आए हैं. यह फिल्म थिएटर पर रिलीज को तैयार है. फिल्म के प्रमोशन में इन दिनों व्यस्त विद्युत मानते हैं कि बॉलीवुड अब भी उनके टैलेंट का इस्तेमाल नहीं कर पाया है. इंटरनेशनल पहचान मिलने के बावजूद यहां उनकी हालत घर की मुर्गी दाल बराबर जैसी ही है.

Advertisement

इस फिल्म के पहले पार्ट को ओटीटी पर रिलीज कर दूसरे को थिएटर पर लाया जा रहा है. क्यों?
-उस समय कोरोना सब पर हावी हो चुका था. लोग थिएटर नहीं जा पा रहे थे. मेरा पूरा मन था कि फिल्म थिएटर पर आए लेकिन मुझे एहसास हुआ कि अगर हम इंतजार करते हैं, तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान प्रोड्यूसर को होगा. फिर हमने ओटीटी पर ही रिलीज करवा दी और शुक्र है, ऐसा हुआ क्योंकि ओटीटी पर इस फिल्म ने तो मैजिक क्रिएट कर दिया. चूंकि अब चीजें नॉर्मल हो गई हैं, तो फिर इसे थिएटर पर रिलीज कर रहे हैं. 

सुना है आप सेट पर रोते-रोते बेहोश हो गए थे. क्या हुआ था? 
- मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं रोया. इतना गम ही नहीं रहा है. लेकिन इस फिल्म के दौरान मैं पिता के एक इमोशन को वाकई में समझ पाया हूं. मुझे आज ये बात समझ आई है कि आखिर मां-बाप क्यों कहते हैं कि वे बच्चों के लिए जान दें देंगे. इस सीन को शूट करते वक्त बहुत ज्यादा ही इमोशनल हो गया. इतना रोया कि रोते-रोते बेहोश तक हो गया. मेरा बीपी लो हो गया था. हैरानी की बात यह है कि एक्शन के वक्त कभी बेहोश होने की नौबत नहीं आई लेकिन इमोशन ने मुझसे वो भी करवा दिया. उफ्फ... 

Advertisement

Sherdil The Pilibhit Saga Review: अच्छी नीयत से बनी है पंकज त्रिपाठी की शेरदिल लेकिन...

बॉक्स ऑफिस का कोई प्रेशर भी महसूस करते हैं ? 
- मैं जहां से आता हूं, वहां लोगों के बीच इतनी आशंकाएं थीं कि लोग कहते थे कि तुम मुंबई के बाहर के हो, कभी एक्टर बन ही नहीं पाओगे...तुम किसी को जानते नहीं हो, तो कुछ हो ही नहीं सकता....जब वहां खुद को साबित कर दिया है, तो यहां डर कर या प्रेशर लेकर क्या कर लूंगा. 

एक्शन हीरो के रूप में आपकी पहचान इंटरनेशनल हो गई है. क्या बॉलीवुड में इसी टाइपकास्टिंग का खामियाजा भुगत रहे हैं? 
-इंटरनेशनल में लोग जानते हैं कि इंडिया में एक विद्युत जामवाल नाम का लड़का है, जो एक्शन में उम्दा काम करता है, लेकिन यहां तो घर की मुर्गी दाल बराबर वाली हालत है. आज नहीं तो कल, पूरी दुनिया मुझे वो देगी, जो मैं डिजर्व करता हूं. घर वाले (बॉलीवुड) थोड़ा टाइम लेंगे. 

सड़क पर मेकअप, पब्लिक टॉयलेट और पंखा...नीतू ने बताया कितनी बदल गई है शूटिंग

आउटसाइडर विद्युत क्या बॉलीवुड में अपनी जमीन तलाश पाए हैं ? 
जमीन तलाशने की बात तो नहीं पता, लेकिन इतना पता लग गया है कि जमीन हो या नहीं हो आसमान बुलंद कर लिया है. आसमान में इतनी अनंतता है कि आपको कुछ तलाशने की जरूरत ही नहीं है. पहले इस कोशिश में लगा रहता था कि साबित करना है, कुछ ढूंढना है लेकिन अब समझ गया हूं कि हाथ पैर मारने से कुछ नहीं होता है, आपकी चीजें आप तक पहुंच ही जाएंगी. मेरे प्रोडक्शन हाउस का केवल यही मोटिव है कि टैलेंट जहां से भी हो, मैं उसे ढूंढकर ले आऊंगा. मैं बचपन में जिन्हें काम करते देखा करता था और उनका फैन रहा, उन्हें कॉल कर मैंने अपने यहां काम दिया है. जितने थिएटर एक्टर्स हैं, उन्हें आसमान देने की कोशिश कर रहा हूं. मैं उन्हें इसलिए फील करता हूं क्योंकि मैं उन्हीं को रिप्रेजेंट करता हूं. मैं हिंदुस्तान के उन लोगों में से आता हूं, जिनकी सक्सेस के चांसेस बहुत कम होते हैं. मैं कोशिश में लगा हूं कि उनकी मदद कर सकूं. करियर की इस जर्नी में जहां मुझे नौ लोगों ने रिजेक्ट किया है, तो किसी एक ने मौका भी दिया है. मैं आगे चलकर वो एक इंसान बनना चाहता हूं.

Advertisement

बॉलीवुड में घर की मुर्गी हैं तो अपने घर में क्या हैं? 
-मेरे घर वाले तो मुझे हीरो मानते ही नहीं हैं. मैं आज भी घर जाऊं, तो बहन चिल्लाती है कि कपड़े क्यों यहां रख दिए. मां वहां से गुस्से में बोलती है खाना क्यों नहीं खाया. ये मुझे कभी स्पेशल फील ही नहीं करवाते. रही बात फैंस की, तो उन्होंने जितना प्यार दिया है, उसे देखकर मेरे दुख खत्म हो जाते हैं. दरअसल मैं उन्हें फैंस तो मानता ही नहीं, मैं उन्हें दोस्त समझता हूं. जब कोई मिलता है, जरूर कहता हूं कि मेरे दोस्त बनोगे.

 

Advertisement
Advertisement