जब वी मेट फिल्म में अपने अंशुमान किरदार से लोगों के बीच पॉप्युलर होने वाले तरुण अरोड़ा भले ही आज भी लोगों को याद हों, लेकिन तरुण का मानना है कि इस फिल्म से उनके करियर को कोई खास फायदा नहीं मिल पाया है. जिस तरह से फिल्म ने लोगों का दिल जीता था, ऐसी उम्मीद थी कि तरुण को अपने करियर में एक नई दिशा मिलेगी.
आजतक डॉट इन से बातचीत पर तरुण कहते हैं, मैं इस फिल्म को अपनी लाइफ का टर्निंग पॉइंट मानता हूं. इस फिल्म ने मुझे निजी जिंदगी में कॉन्फिडेंस दिया है, लेकिन प्रोफेशनल लेवल पर मुझे इसका फायदा कभी नहीं मिला था. मैं सोचता था कि इस फिल्म के बाद बेहतरीन ऑफर्स मिलेंगे, लेकिन जो भी किरदार ऑफर होता, वो इसी के इर्द-गिर्द रहता. मैं किरदार को रिपीट कर अंशुमान की वैल्यू कम नहीं करना चाहता था. इसलिए मैंने उन फिल्मों को रिजेक्ट कर दिया था.
काम नहीं मिलने पर मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया था
पर्सनल लेवल पर मिले फायदे की बात करते हुए तरुण बताते हैं, 'जब मुझे यह फिल्म ऑफर हुई थी, तो उस वक्त मैं मुंबई छोड़ चुका था. मैं बैंगलोर में जाकर रेस्त्रां बिजनेस करने लगा था. दरअसल मैं जितने सालों से यहां करियर बना रहा था, तो मुझे एहसास हो चुका था कि अब मुझे यहां टिकने के लिए फाइनैंसियल स्टेबल होना जरूरी है. देखो, मैंने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी. मॉडलिंग के टॉप तक करियर पहुंचने के बाद हमारा अगला कदम एक्टिंग का होता है. तो उस वक्त फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने लगा था. इस बीच यह नहीं पता था कि फिल्म इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए आपको न बोलना भी आना चाहिए. मुझे जो ऑफर आता, मैं उन प्रोजेक्ट्स को हां कह देता. मैंने इस बीच बहुत सारी फिल्में कर दी थी, जिसने मेरे करियर को डुबो दिया. मुझे अपनी चॉइसेस का मलाल है.
साउथ इंडस्ट्री में किया फोकस
तरुण आगे कहते हैं, वैसे एक दिलचस्प बात यह है कि मैंने जितनी भी गंदी फिल्में की थीं, उसकी वजह से साउथ फिल्मों में खुद को जमाने में मदद मिली थी. जब वी मेट के बाद मेरे साथ बुरा यह हुआ कि मैं टाइपकास्ट सा हो गया था. हर दूसरा मेरे पास अंशुमान जैसा किरदार ही लेकर आ जाता था. मैं यह भली-भांती जानता था कि जब वी मेट से अच्छी फिल्म तो बनेगी नहीं, अगर मैंने ऐसी फिल्म कर दी, तो कहीं अंशुमान का किरदार पर सवाल न उठ जाए. वहीं साउथ की फिल्मों में मुझे वो मौके मिल रहे थे, जो यहां रहकर मिसिंग थे. इसलिए मैंने अपना फोकस ही उस इंडस्ट्री में कर लिया था.'
ऐसे मिला था जब वी मेट का किरदार
तरुण आगे कहते हैं, मैं पिछले 18 साल से मुंबई में अपनी एक्टिंग की किस्मत आजमा रहा था. एक वक्त आया, जब लगा कि नहीं शायद मैं इसके लिए बना ही नहीं हूं, तो मैंने इंडस्ट्री छोड़ दी और बैंगलोर जाकर अपने एक रेस्त्रां के बिजनेस की शुरुआत की थी. मैं ग्लैमर की दुनिया को भूलकर वहां मग्न हो गया था. तीन साल के करीब हुए होंगे, इसी बीच मुझे जब वी मेट का ऑफर आया था. मैं जब इम्तियाज से मिला भी था, तो उसी जोन में था. मैंने इम्तियाज से कहा भी था कि मेरे पास टाइम नहीं है आपको जो सही लगे, वो मुझे बता दें.
बस यही बात शायद उन्हें क्लिक कर गई और उन्होंने मुझे उसी वक्त सिलेक्ट कर लिया था. कैरेक्टर का सार भी यही था कि उसके पास ज्यादा वक्त नहीं था. इम्तियाज जिस तरह के किरदार की तलाश में होगा, लगता है उसमें मेरा रिएक्शन सबसे क्लोजेस्ट आ गया होगा. आधे घंटे में ही मैं फिल्म के लिए साइन हो गया था. मैं बैंगलोर में था, मुझे इम्तियाज के ऑफिस अगली सुबह 10 बजे पहुंचना था. मैं रात की फ्लाइट लेकर वहां पहुंचा था.