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जावेद अख्तर से जोया ने ल‍िखवाए कुत्ते के डायलॉग, राइटर बोले- जायदाद से बेदखल कर सकता हूं फिर भी...

अपने बच्चों के साथ कोलेबोरेट करने को लेकर जावेद ने कहा, 'उनकी पहली भाषा तो इंग्लिश है, वो सपने भी इंग्लिश में देखते हैं. लेकिन मेरी पहली भाषा उर्दू या हिन्दुस्तानी, जो भी आप कहते हैं, वो है. जिस भाषा में वो फिल्म बना रहे हैं, उस भाषा के बारे में मैं उनसे ज्यादा जानता हूं.'

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जावेद अख्तर, जोया अख्तर
जावेद अख्तर, जोया अख्तर

जावेद अख्तर बॉलीवुड के सबसे आइकॉनिक राइटर्स में से एक हैं. 'शोले', 'दीवार' और 'जंजीर' जैसी यादगार हिंदी फिल्में और ढेर सारे पॉपुलर हिंदी गाने लिख चुके जावेद अख्तर ने अब बताया है कि उनके बच्चे अपनी फिल्मों के लिए उनसे किस तरह काम लेते हैं. 

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जावेद के बेटे फरहान अख्तर ने 'दिल चाहता है' और 'लक्ष्य' जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. जबकि जावेद की बेटी जोया अख्तर भी अपनी तरह की एक अलग डायरेक्टर हैं जिन्होंने 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' और 'गली बॉय' जैसी फिल्में बनाई हैं. जब जावेद साहब से पूछा गया कि उनसे काम करवाते वक्त उनके बच्चे उनके सामने बॉस की तरह बिहेव करते हैं? तो उन्होंने तुरंत ही 'हां' कह दिया. अपने बच्चों के साथ काम करने पर जावेद अख्तर ने एक मजेदार किस्सा भी सुनाया. 

बाहर वाले करते हैं लिहाज, घर पर बेटी से होती है लड़ाई
कॉमेडियन सपन वर्मा के यूट्यूब चैनल पर एक कन्वर्सेशन का हिस्सा बने जावेद अख्तर ने अपने बच्चों जोया और फरहान के साथ काम करने को लेकर बहुत मजेदार बातें कीं. उन्होंने बताया कि फरहान और जोया के लिए उनका बॉस बनना बहुत आसान है. दूसरे लोगों को ये लिहाज करना पड़ता है कि 'अरे वो सीनियर हैं, वेटरन हैं, इतने साल काम कर चुके हैं... उनके सामने क्या बोलें क्या नहीं.'

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लेकिन उनके बच्चों को इस तरह का कुछ भी नहीं सोचना होता. जावेद अख्तर ने बताया, 'खासकर जोया. फरहान लड़ते नहीं हैं, वो सीधा मेरी लाइनें रिजेक्ट कर देते हैं. लेकिन जोया तो लड़ती है मुझसे. उन्हें पता है कि मैं उन्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर सकता हूं फिर भी ऐसा करते हैं बताइए! खैर, किसी दिन तो उन्हें एहसास होगा.' 

अपने बच्चों के साथ कोलेबोरेट करने को लेकर जावेद ने कहा, 'उनकी पहली भाषा तो इंग्लिश है, वो सपने भी इंग्लिश में देखते हैं. लेकिन मेरी पहली भाषा उर्दू या हिन्दुस्तानी, जो भी आप कहते हैं, वो है. जिस भाषा में वो फिल्म बना रहे हैं, उस भाषा के बारे में मैं उनसे ज्यादा जानता हूं.' 

जोया ने पूरी फिल्म में जावेद से लिखवाए सिर्फ कुत्ते के डायलॉग 
जावेद अख्तर ने कहा कि पिछले 20-25 साल में उन्होंने बस एक एक स्क्रिप्ट लिखी है 'लक्ष्य', जिसे फरहान अख्तर ने डायरेक्ट किया है. हालांकि, फरहान के लिए उन्होंने डायलॉग जरूर लिखे हैं. जावेद ने कहा कि जोया ने उनसे बस अपनी पहली फिल्म 'लक बाय चांस' लिखने के लिए कहा था, ये कहते हुए कि 'आप इन लोगों को, इन किरदारों को हमसे ज्यादा बेहतर समझते हैं.'

जावेद साहब ने जोया के साथ काम करने को लेकर एक मजेदार किस्सा भी सुनाया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जोया की फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' पूरी नहीं लिखी, बल्कि उसमें बस कुत्ते के डायलॉग लिखे हैं. उन्होंने बताया, 'फिर आई 'दिल धड़कने दो'. तो उसमें एक डॉग था जो सोचता था. तो उस वो कुत्ते के डायलॉग उसने मुझसे लिखवाए, बाकी मैंने नहीं लिखे हैं! सिर्फ कुत्ते के डायलॉग! तो उसने कहा कि ये तो मेरे पापा लिखेंगे, जिस तरह कुत्ता सोचता है, उस तरह मेरे डैड से ज्यादा अच्छा कोई सोच ही नहीं सकता.'

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