वरुण धवन इन दिनों अपनी आगामी फिल्म जुग-जुग जियो को लेकर खासे चर्चा में हैं. स्टूडेंट ऑफ द ईयर से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत करने वाले वरुण को इंडस्ट्री में एक दशक हो गया है.
अपनी इस दस साल की जर्नी के बारे में बात करते हुए वरुण कहते हैं, 'करियर की शुरूआत मैंने आलिया, सिद्धार्थ, आयुष्मान और अर्जुन के साथ की थी. हम सभी लगभग दस साल पूरे कर चुके हैं. मैं इन सबसे छोटा लगता हूं और चाहता हूं कि जिंदगीभर इनसे छोटा ही दिखता रहूं. कुछ समय पहले जाह्नवी से ही कह रहा था कि मैं शेविंग करवाने के बाद तुमसे भी छोटा दिखने वाला हूं. मुझे लगता कि छोटा लगने में एक बड़प्पन है. मैं ऐसे ही अपना सफर तय करना चाहता हूं. वर्ना लोग आपको बड़ा समझ डांटते हैं या कह लें जज करते हैं. मैं तो सेफ खेल रहा हूं.'
वरुण आगे कहते हैं, 'हालांकि इन दस साल की जर्नी से मैं संतुष्ट तो बिलकुल भी नहीं हूं. मैं खुश हूं कि मुझे मौके बहुत मिले हैं. लेकिन पोस्ट कोरोना मैं चीजों को री-स्टार्ट करना चाहता हूं. मैं खुद को तो न्यूकमर की तरह महसूस करता हूं. हालांकि मैं वापस से दोबारा वही तरीके नहीं आजमाने वाला हूं. दरअसल मैं पिछले आठ सालों से बहुत ही स्ट्रेस में काम कर रहा था. फिलहाल तो मैं बिना किसी स्ट्रेस के काम करना चाहता हूं और अच्छे कॉन्टेंट पर फोकस करना है.'
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इन आठ सालों में लिए गए स्ट्रेस पर वरुण कहते हैं, 'मुझे सक्सेस का स्ट्रेस था. सोसायटी हम पर इतना कुछ थोप देती है. अगर आप सक्सेसफुल नहीं होते हैं, तो आप अच्छे इंसान नहीं हैं. आपको अपनी काबिलियत पर शक होने लगता है. इसी सक्सेस के पीछे भागते-भागते आप अपने रिलेशनशिप को कहीं पीछे छोड़ देते हैं. आप जिंदगी जीने का तरीका भूल जाते हैं. यह कहीं न कहीं आपके एक्टिंग पर भी असर डालती है. मैंने इस पैंडेमिक में ही महसूस किया है कि जिंदगी में सबसे ज्यादा जरूरी आपका खुश रहना है. आप अगर उदास या निराश रहते हैं, तो रोजमर्रा के काम भी ढंग से नहीं कर पाते हैं. आपको खुशी तब ही मिलती है, जब स्ट्रेस फ्री होते हैं. आप केवल पैसों, बड़ी फिल्मों के पीछे कब तक भागते रहोगे.'
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फिल्म जुग-जुग जियो पारिवारिक रिश्ते और उनकी जटिलताओं के बारे में बात करती है. ऐसे में फिल्म से अपने टेकअवे पर वरुण कहते हैं, 'मैं हमेशा से रिलेशनशिप के मामले में अच्छा रहा हूं. मैं तो इजी गोइंग कहा जाता हूं. हां, इस फिल्म से मुझे यह जरूर सीखाया है कि रिलेशनशिप में सामने वाले का नजरिया भी मायने रखता है. नीतू जी और अनिल जी के साथ मेरा बचपन का रिश्ता रहा है. सेट पर उनके साथ एक री-यूनियन की तरह ही हो गया था. मैं उन्हें कभी एक्टर की तरह नहीं मिला था. हम फैमिली दोस्त रहे हैं. सेट पर उनके साथ प्रोफेशनल रिलेशनशिप बनाना पड़ा. इस कोरोना के दौरान मैंने यही सीखा है कि मेरे लिए अब मेरा परिवार ज्यादा मायने रखता है.
पहले मैं सोचता था कि क्या पैरेंट्स के साथ बैठकर डिनर करें या क्या ही बात करें. लेकिन अब अहसास हुआ है कि यह पल कितने महत्वपूर्ण हैं. आपको पता ही नहीं कि कितने लोग रहेंगे. हमने इन दो सालों में डेथ को बहुत करीब से देखा है. हमारे परिवार के कई लोग इस कोरोना में नहीं रहे हैं. मैंने खुद एक करीबी की डेथ देखी है. ऐसे में फैमिली के महत्व को अब जान पाया हूं. अब मैं परिवार को फॉर ग्रांटेड नहीं लेता हूं. परिवार के असली मायने अब समझ आया है.'