scorecardresearch
 

कबीर बेदी को आज भी सताता है बेटे की मौत का गम, बोले- कभी भुला नहीं सकता

एक्टर कबीर बेदी को आज भी बेटे को आत्महत्या करने से न रोक पाने का दुख है. उन्होंने कहा 'मैंने कोशिश की पर मैं ये रोक नहीं सका, इसके लिए मैं खुद को दोषी मानता हूं. यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ट्रेजडी है.

Advertisement
X
कबीर बेदी
कबीर बेदी

बॉलीवुड एक्टर कबीर बेदी अपनी दमदार आवाज और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उनके जिंदगी में कुछ ऐसे गम हैं, जिसे वो चाहकर भी नहीं भुला सकते. उन्हें आज भी वो काला दिन याद है, जिस दिन उनके बेटे सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी. उन्हें आज भी बेटे के जाने का गम सताता है.

Advertisement

जब बेटा बीमार था तब फाइनेंशियल क्राइसिस भी था

आज तक के एक इवेंट में एक्टर ने कहा, मेरे जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, मैं दिवालिया हो गया, कई गलतियां की. उन सभी के बारे में मैंने अपनी किताब 'स्टोरीज आई मस्ट टेल' में लिखा है. कई गलत इन्वेस्टमेंट के कारण मुझे लॉस उठाना पड़ा था. जब मेरा बेटा सिजोफ्रेनिया (schizophrenia) से गुजर रहा था. उस वक्त मैं फाइनेंशियल क्राइसिस से भी गुजर रहा था. मैं ऑडिशन के लिए तो जाता था लेकिन मुझे समझ नहीं आता था कि क्या करना है. जिसके कारण मुझे काम मिलना भी बंद हो गया. इन सब के बाद मैंने फिर से कैसे खुद को संभाला ये सभी मेरे लाइफ की जर्नी है.

मेरे जिंदगी का सबसे बड़ा ट्रेजडी है

एक्टर कबीर बेदी कहते हैं मैंने अपने बेटे के अंतिम दिनों के बार में अपनी किताब में लिखा है. किताब में एक चैप्टर है कि कैसे एक बाप अपने बेटे को आत्महत्या करने से रोक रहा है. अब आप सोच सकते हैं कि क्या बीती होगी मुझ पर. उन्होंने आगे कहा , 'मैंने कोशिश की पर मैं ये रोक नहीं सका, इसके लिए मैं खुद को दोषी मानता हूं. यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ट्रेजडी है.

Advertisement

एक्टर कबीर बेदी ने 1971 में फिल्म 'हलचल' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उसके बाद उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर भी कई फिल्मों में काम किया. इसके साथ ही वो एक वॉइस आर्टिस्ट भी हैं. एक्टर अपनी भारी-भरकम आवाज के लिए जाने जाते हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement