एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने बेबाकीपन के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. जबसे उन्होंने सोशल मीडिया की दुनिया में कदम रखा है वे अपने विचार दर्शकों के समक्ष खुलकर जाहिर करती हैं. धर्म, जाती, राजनीति और मनोरंजन समेत वे विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं और समाज में चल रही कुरीतियों का भी आलोचना करती नजर आती हैं. हाल ही में एक्ट्रेस ने बताया कि किस तरह से सोशल मीडिया पर छूट मिलने के बावजूद कुछ ऐसे नियम होने चाहिए जिससे लोग मर्यादा ना लांघे और अपने धर्म, देवी-देवताओं का सम्मान करें.
कंगना रनौत ने ट्वीट करते हुए लिखा- कोई भी अगर रामकृष्ण परमहंस, मां दुर्गा या अल्लाह, क्राइस्ट का कार्टून बनाता है तो वो सजा का हकदार है. अगर वो वर्क प्लेस पर या सोशल मीडिया पर ऐसा करता है तो उसे तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए. अगर वो डिसरिस्पेक्ट करता है तो उसे 6 महीने के लिए जेल भेज दिया जाए.
I can choose not to believe in your God, that’s fine, it’s not a crime, I can express how I don’t agree with your religion, yes !! that’s freedom of expression, learn to live with my voice, you have learnt to slit my throat cause you have no answers to my questions, ask yourself.
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 31, 2020
लोगों को नास्तिक होने का हक है. अगर मैंने दूसरे धर्म के भगवान को ना स्वीकारने का विकल्प चुना है तो वो गुनाह नहीं. मुझे ये जाहिर करने की पूरी आजादी है कि मैं क्यों तुम्हारे धर्म से इत्तेफाक नहीं रखती. हां. ये अभिव्यक्ति की आजादी है. मेरी आवाज के साथ जीना सीख लो. तुमने हमेशा मेरा गला दबाने की कोशिश की क्योंकि तुम्हारे पास मेरे सवालों का कोई भी जवाब नहीं है. खुद से पूछ के देखो.
He sacrificed his most deserving and elected position as the First Prime Minister of India just to please Gandhi because he felt Nehru spoke better English, #SardarVallabhbhaiPatel did not suffer but Nation suffered for decades,we must shamelessly snatch what is rightfully ours. pic.twitter.com/TGxcOlDB3K
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 31, 2020
सरदार वल्लभभाई पटेल को किया याद
बता दें कि इससे पहले एक्ट्रेस ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया. कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा कि- देश के पहले प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े उम्मीदवार होने के बाद भी इस शख्स ने गांधी जी के कहने पर अपना पद ठुकरा दिया क्योंकि गांधी जी को ऐसा लगता था कि नेहरू ज्यादा अच्छी इंग्लिश बोलते हैं. नुकसान वल्लभभाई पटेल को नहीं हुआ पर देश को जरूर हुआ. हमें बिना किसी शर्म के वो सब छीन लेना चाहिए जो हमारा है.