एक्टर अविनाश तिवारी इन दिनों वेब सीरीज 'खाकी: द बिहार चैप्टर' (Khakee: The Bihar Chapter) में अपने किरदार चंदन महतो को लेकर चर्चा में हैं. अविनाश अपने फिल्मी करियर में पहली बार विलेन का किरदार निभाने जा रहे थे. ऑफर को लेकर वे थोड़े संकोच में भी थे, लेकिन डायरेक्टर नीरज पांडे के एक कॉल से उन्होंने अपना इरादा बदल दिया था.
किरदार को लेकर कंफ्यूजन में थे अविनाश
आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत में अविनाश बताते हैं- जब सीरीज का ऑफर आया, तो मैं अपने निगेटिव किरदार को लेकर थोड़ा असमंजस में था. मैं ये सोच रहा था कि क्या मैं वाकई में चंदन महतो जैसा किरदार निभाने के काबिल हूं. हालांकि इसके लिए मैं सबसे ज्यादा शुक्रगुजार हूं, नीरज पांडे सर का. उन्होंने और राइटर ने मुझपर इतना विश्वास दिखाया, जिससे मुझे कॉन्फिडेंस मिला है. अगर नीरज सर का कॉल नहीं आता, तो शायद मैं इस किरदार के बारे में थोड़ा और सोचता. रही बात ड्राइवर का पार्ट करने की, तो मैंने कोशिश की है कि मैं खुद को वर्सेटाइल एक्टर के रूप में स्टैबलिश करूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन लोग मेरी वैल्यू समझेंगे.
रोल के लिए खुद को कैसे किया तैयार?
अपने किरदार की तैयारी पर अविनाश कहते हैं- चूंकि मैं खुद बिहार से हूं, तो कई चीजें पहले ही आसान हो गई थी. वहीं जब बिहार जाकर शूट कर रहा था, तो वहां के लोग मुझे इंस्पायर कर रहे थे. मैं वहां के असल लोगों को देखकर भी काफी कुछ अडॉप्ट कर लेता था. शूटिंग शुरू होने के दस दिन पहले ही मैं अपने गांव डालटनगंज चला गया था. बिहार-झारखंड के बॉर्डर में ही है. मैं वहां रोजाना ढाबे पर जाकर बैठ जाता था. एक हफ्ता ट्रक डाइवर्स के साथ गुजारा है. मैंने ट्रक्स चलाई है. ये चीजें मेरे लिए जरूरी थी, ताकि मैं उनके साथ मिलकर उनकी तरह का लग सकूं.
उन्होंने आगे कहा- मैं कुछ वीडियोज शेयर करता हूं, जहां देखेंगे कि मैंने कैसे उन ट्रक ड्राइवर्स से अपने पैसे की बात भी की है. मैंने कहा कि दस दिन काम करूंगा, तो मुझे कितनी फीस मिलेगी. ये सब कर मैं आगे बढ़ा. मैंने देखा कि वो सब धूप में इतना ज्यादा रहते हैं कि उनकी बॉडी टैन हो जाती है. मैंने टैन होने की कोशिश भी की, लेकिन मैं शायद कुछ ज्यादा ही गोरा हूं, वो हुआ ही नहीं. मैंने देखा कि खैनी-गुटखा खाते थे, तो सोचा वो भी सीख लूं. वो भी सीख लिया था, जो मेरी एक्टिंग में काम आया. हालांकि आदत लगी नहीं (हंसते हुए).