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...तो आमिर खान नहीं बल्कि बेटे जुनैद होते लाल सिंह चड्ढा...लेकिन

लाल सिंह चड्ढा के बारे में बात करते हुए आमिर कहते हैं- कहानी और किरदार पूरी तरह से अतुल कुलकर्णी ने रचा है. उन्हीं का सजेशन था कि इसे सरदार का लुक दिया जाए. मैं एक बार जिम में किसी सरदार से मिला, मुझे उनकी पर्सनैलिटी बहुत पसंद आई. मैंने उनको जाकर कहा कि क्या मैं आपकी तस्वीर ले सकता हूं. साथ ही उन्हें एक्सप्लेन किया कि मैं आगामी फिल्म में सरदार के किरदार में हूं और आपका लुक फॉलो करना चाहता हूं. उन्होंने मेरी काफी मदद भी की. वहां से मैंने अपनी दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी थी.

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आमिर खान
आमिर खान

सुपरस्टार आमिर खान अपनी अपकमिंग फिल्म लाल सिंह चड्ढा को दिल के बहुत करीब मानते हैं. एक लंबे समय बाद आमिर सिल्वर स्क्रीन पर वापसी करने जा रहे हैं. फिल्म में आमिर एक सरदार के लुक में नजर आने वाले हैं. अपने लुक के पीछे की स्टोरी बताते हुए आमिर इस बात का भी खुलासा करते हैं कि फिल्म एक समय पर उनके हाथ से निकल गई थी और 90 प्रतिशत लोग चाहते थे कि उनकी फिल्म बेटे जुनैद करें.

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फिल्म के लिए कैसे सरदार बने आमिर?

आमिर कहते हैं- कहानी और किरदार पूरी तरह से अतुल कुलकर्णी ने रचा है. उन्हीं का सजेशन था कि इसे सरदार का लुक दिया जाए. मैं एक बार जिम में किसी सरदार से मिला, मुझे उनकी पर्सनैलिटी बहुत पसंद आई. मैंने उनको जाकर कहा कि क्या मैं आपकी तस्वीर ले सकता हूं. साथ ही उन्हें एक्सप्लेन किया कि मैं आगामी फिल्म में सरदार के किरदार में हूं और आपका लुक फॉलो करना चाहता हूं. उन्होंने मेरी काफी मदद भी की. वहां से मैंने अपनी दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी थी.

जब जुनैद बने लाल सिंह चड्ढा...

आमिर आगे कहते हैं- मुझे दाढ़ी बढ़ाने में काफी समय लग गया था. हालांकि बीच में कुछ ऐसा हो गया था, जहां मुझे दाढ़ी काटनी पड़ी थी. दरअसल फिल्म के राइट्स मिलने में काफी वक्त लग गया था. हमें प्रेप वर्क करने में डेढ़ साल लग गए थे, उस दौरान मेरी दाढ़ी भी अच्छी खासी बढ़ गई थी. इस बीच मेरे बेटे जुनैद बाहर से थिएटर का कोर्स करके इंडिया लौटे थे. इत्तेफाक से वो हमारे प्रेप वर्क के बीच ही लौटे थे. मैंने डायरेक्टर अद्वैत को कहा कि यह बहुत मुश्किल फिल्म है, इसके कम से कम 6 से 7 सीन्स के टेस्ट मुझे चाहिए होंगे आप किसी से शूट करवाओ. मुझे शूट कर दिखाओ ताकि मैं समझ पाऊं कि आप यह इंटेंस सब्जेक्ट हैंडल कर सकते हो या नहीं. मैंने उन्हें जुनैद का सजेशन देते हुए कहा कि इसे ही लाल बनाकर देख लो. मुझे लगा इससे दोनों चीजें हो जाएंगी. बेटा क्या सीख कर आया वो भी पता चल जाएगा और डायरेक्टर का भी टेस्ट हो जाएगा.

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आमिर कहते हैं- दो हफ्ते के बाद हमने जुनैद का स्क्रीन टेस्ट देखा. मैं और किरण हैरान हो गए थे. हम अद्वैत का काम देख रहे थे लेकिन मुझे जुनैद का काम बहुत ज्यादा अच्छा लगा. मैंने बेटे को परदे पर फर्स्ट टाइम परफॉर्म करता देखा था और सच कहूं मुझे जुनैद नहीं लाल नजर आ रहा था. मेरे अंदर क्रिएटिवली वही फीलिंग आई कि पता नहीं मैं अब कर पाऊंगा या नहीं. किरण भी कंफ्यूज्ड थी, कह रही थी कि आपका तो ड्रीम प्रोजेक्ट है लेकिन जुनैद ने वाकई बेहतरीन तरीके से लाल के सुर को पकड़ा है. मैंने सोच लिया था कि अब मुझसे लाल का किरदार होगा नहीं.

आमिर ने कहा- मैंने अपने कई क्रिटिक दोस्तों को दिखाया. 50 से 60 लोगों को जुनैद का स्क्रीन प्रेजेंस दिखाया था. यकीन मानिए 98 प्रतिशत लोगों का कहना था कि यह किरदार जुनैद को करना चाहिए. दो लोगों ने कहा नहीं, एक आदित्य चोपड़ा और दूसरा था राइटर अतुल कुलकर्णी, ये दोनों शुरू से अड़े हुए थे. उनका तर्क था कि किसी भी न्यूकमर को यह किरदार नहीं करना चाहिए. इस फिल्म को कैरी करने के लिए किसी स्टार की जरूरत होगी. मैंने तो इस चक्कर में अपनी दाढ़ी कटवा दी थी कि अब किरदार तो जुनैद करने वाला है. लेकिन राइटर के कन्विक्शन को मैं नकार नहीं सकता था. मैंने उन दो प्रतिशत लोगों की बात पर फिल्म की.

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वहीं जुनैद का भी कहना था वो इतनी बड़ी फिल्म का भार अपने कंधे पर नहीं ले सकता था. आपको किसी न्यूकमर पर इतनी महंगी फिल्म का रिस्क नहीं लेना चाहिए. आप इस किरदार को करो. हालांकि इसका एक फायदा मुझे हुआ कि मैंने अपने बेटे के कई फ्रेम को हुबहु अपने किरदार में कॉपी किया है.
 

 

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