साल 2001 में आई आमिर खान की फिल्म 'लगान' आज भी दर्शकों की फेवरेट है. इस फिल्म में आमिर एक गांव के लड़के बने थे, जो अपने साथियों के साथ मिलकर ब्रिटिशर्स को उन्हीं के खेल में हराता है. इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी अनिल मेहता ने की थी, जो भारतीय फिल्म जगह के जाने-माने सिनेमैटोग्राफर हैं. अब उन्होंने 'लगान' के हिट क्लाइमैक्स सीन को शूट करने को लेकर बात की है.
मुश्किल से शूट हुआ था लगान का क्लाइमैक्स
अनिल मेहता का कहना है कि 'लगान' के क्लाइमैक्स में दिखाए गए क्रिकेट मैच को लेकर उनकी सोच क्लियर थी. इस सीन में गांव के लोग अंग्रेजों को क्रिकेट के मैच में हराते नजर आए थे. मॉडर्न इंडियन सिनेमा में ये सीन आइकॉनिक साबित हुआ. अब एक इंटरव्यू में अनिल मेहता ने बताया है कि उन्होंने क्लाइमैक्स सीन की शूटिंग पूरे 30 दिनों तक की थी. ये उनके लिए बेहद थका देने वाला एक्सपीरिएंस था.
फिल्म कम्पैनियन से बातचीत में अनिल ने कहा, 'हमने 30 दिनों तक इसकी शूटिंग की थी. एक ही सीन बार-बार करना थकाने वाला और बोरिंग हो जाता है.' अनिल मेहता ने ये भी बताया कि डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर और आमिर खान के साथ क्लाइमैक्स सीन को शूट करने को लेकर उनकी कई बार बहस भी हुई थी. वो बोले, 'मैं स्पोर्ट्स कवरेज नहीं कर रहा था बल्कि एक ड्रामा सीन को हाईलाइट कर रहा था. तो हर खिलाड़ी को इमोशन्स के साथ शूट किया जाना था.'
शूट से कुछ दिन पहले लिखा गया सीन
क्लाइमैक्स सीन की शूटिंग के दौरान आई मुश्किलों को याद करते हुए अनिल मेहता ने बताया कि सीन को डिटेल्स में लिखा ही नहीं गया था. क्लाइमैक्स सीन को जिस दिन शूट होना था उसके 2-3 दिन पहले ही इसे डीटेल में लिखा गया. अनिल ने कहा, 'क्रिकेट मैच की शूटिंग को लेकर काफी लंबे वक्त तक हमारे बीच बातचीत हुई थी. मेरे लगान की शूटिंग शुरू करने से पहले आशुतोष ने मुझसे वादा किया था कि वो पूरी किताब लिखेंगे, जिसमें वो बताएंगे कि क्रिकेट मैच वाले सीन को कैसे शूट करना है क्योंकि ये बहुत जरूरी सीक्वेन्स था. लेकिन वो किताब उन सीन्स को फिल्माने के एक-दो दिन पहले तक लिखी ही नहीं गई थी.'
'लगान' के फिल्ममेकर्स को फिल्म की शूटिंग को लेकर बातचीत और सीन्स को लिखने के लिए छुट्टी लेनी पड़ी थी. अनिल मेहता ने कहा, 'पूरा क्रू दो दिनों तक होटल में बैठ हुआ था. हमने दो दिन की छुट्टी ली थी सीन्स को लिखने और फिर हर पहलू पर बात करने के लिए कि सीन को कैसे फिल्माया जाएगा. आशु, आमिर और टीम के सपोर्टिंग डायरेक्टर और राइटर साथ बैठे थे, ये समझने की सीन को कैसे बनाया जाए. उस सीन को सेट पर लिखा गया था.'
अनिल मेहता ने ये भी कहा कि एक क्रिकेट मैच वाले सीन को डीटेल में प्लान किया जाना जरूरी है. वो बोले, 'आपको हर बॉल का हिसाब लिखना होगा वरना आप सही से इसे नहीं दिखा पाएंगे.' टीम ने सेट पर इस सीन की शूटिंग के लिए 8 कैमरा लगाने का आइडिया सोचा था लेकिन अनिल मेहता ने निर्णय ले लिया था कि वो एक कैमरा के साथ ही शूटिंग करेंगे. उन्होंने कहा, 'उस दिन हमारे पास बस एक कैमरा था और एक एक्स्ट्रा रखा था. इस सीन को कैसे फिल्माया जाना चाहिए इसे लेकर बहुत बड़ी बहस हुई थी. हम बार-बार इस बात को साफ कर रहे थे कि हम स्पोर्ट्स कवरेज नहीं कर रहे हैं बल्कि एक फिल्म में स्पोर्ट्स सीन दिखा रहे हैं. ये बात शूटिंग के दिन तक डिस्कस हो रही थी.'