लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. सारी दुनिया सिंगर के चले जाने से दुखी है और उन्हें याद कर रही है. अपने 7 दशक के करियर में लता मंगेशकर ने शानदार नगमे गाए और संगीत जगत में एक अलग मुकाम बनाया. उनकी आवाज वाकई में देश की पहचान है और संगीत की दुनिया के लिए एक वरदान की तरह है. लता मंगेशकर की याद में आज तक ने उन्हें 'श्रद्धांजलि: तुम मुझे भुला ना पाओगे' के नाम से एक कार्यक्रम के जरिए याद किया जहां कई सारे दिग्गजों ने लता जी से जुड़ी यादें साझा कीं.
लता जी को क्रिकेट से काफी जुड़ाव था. सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर उनके पसंदीदा खिलाड़ी थे. सुनील गावस्कर ने राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में बताया कि किस तरह से एक बार नूर जहां से जब उनकी मुलाकात हुई और उसमें लता जी का जिक्र आया. ये बात कई साल पुरानी है और सुनील गावस्कर का ये किस्सा काफी प्रचलित भी है.
सुनील ने कहा कि- ये बहुत सालों पहले की बात है. 82-83 में भारतीय टीम पाकिस्तान टूर पर गई थी. एक डिनर पार्टी में मैं स्वागत के लिए खड़ा था. टीम के मैनेजर भी मेरे साथ थे. जब नूरजहां आईं तो मैंने उन्हें पहचाना नहीं. टीम मैनेजर ने मेरा इंट्रोडक्शन कराते हुए कहा कि कहा कि ये गावस्कर हैं, तो नूरजहां ने कहा कि नहीं मैं सिर्फ इमरान और जहीर अब्बास को जानती हूं. दरअसल उस समय हम लोग लगातार हार रहे थे. नूरजहां ने ये बात चुटकी लेते हुए कही. मगर मैंने भी उन्हें देखा नहीं था कभी तो पहचान नहीं पाया. जब मैनेजर ने मुझसे कहा कि आप इन्हें (नूरजहां) को तो जानते ही होंगे. ऐसे में मैंने कहा कि- नहीं मैं सिर्फ लता मंहेशकर को जानता हूं.'
जब लता मंगेशकर का गाना सुनकर सुनील गावस्कर ने आर्मी में जाने का फैसला किया...
बातजीत के दौरान हरीश भिमानी ने भी लता और नूर जहां की दोस्ती के काफी सारे किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया कि लता को नूर जहां प्यार से लत्तो कह कर बुलाती थीं. दोनों ने साथ में वाघा बॉर्डर पर एक नो मैन्स एरिया में दोनों देशों की सेना की रजामंदी के बाद साथ में बिरयानी खाई थी. उस दौरान पाकिस्तान और भारत का बॉर्डर खुला था और दोनों महान गायिकाओं ने साथ में वक्त बिताया था. ये किस्सा अपने आप में इस बात को पुख्ता करता है कि संगीत और प्रेम सरहदों से परे होता है.