लता मंगेशकर के निधन के बाद से सबकुछ सूना-सूना लग रहा. बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए ये एक बहुत बड़ा लॉस है. हर कोई लता को याद कर रहा है और उनके द्वारा गाए नगमों को याद कर रहा है. आजतक ने लता जी की याद में 'श्रद्धांजलि: तुम मुझे भुला ना पाओगे' नाम से एक कार्यक्रम रखा है जिसमें कई सारे कलाकारों ने लता जी के साथ जुड़ी अपने हिस्से की यादें साझा कीं. इसमें लता जी के काफी करीबी रहे हरीश भिमानी ने एक किस्सा साझा किया.
लता को लत्तो कहती थीं नूर जहां
हरीश भिमानी से मॉडरेटर राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि लता और नूरजहां के बीच का रिश्ता कैसा था. इस बारे में बात करते हुए हरीश ने कहा कि- 'दोनों का रिश्ता बहुत प्यारा था. दोनों एक-दूसरे को मोटिवेट करती रहती थीं. लता जरा सा छोटी थीं नूरजहां से. नूर हमेशा प्यार से उन्हें लत्तो कह कर बुलाती थीं. दोनों ने एक-दूसरे के प्रति स्पर्धा कभी नहीं रखी. नूर जहां हमेशा लत्तो से कहती थीं कि तू बस गाती रह, सबको पीछे छोड़ देगी.'
हरीश ने कहा कि- दोनों एक-दूसरे के साथ लजीज खाने का सेवन करना पसंद करती थीं. एक बार तो दोनों ने वाघा बॉर्डर पर एक नो मैन्स लैंड है वहां पर साथ में खाना खाया था. नूर जहां ने बिरयानी बनाई हुई थी और लता जी वो बिरयानी खाना चाहती थीं. मगर बॉर्डर से कोई भी सामान का आदान-प्रदान मुमकिन नहीं था. पर लता जी और नूर जहां की गुजारिश पर वाघा बॉर्डर पर स्थित उस नो मैन्स लैंड में दोनों पहुंचीं और दोनों ने बिरयानी खाई. दोनों के लिए भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर को खोला गया.'
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दोनों का नाम है अमर
ऐसी जगह पर दोनों ने साथ में खाना शेयर किया जिसके बारे में सोचकर किसी के भी चेहरे पर मुस्कान आ जाए और शायद ही ऐसा इतिहास में कभी और हुआ हो. मगर दोनों ही संगीत जगत का बड़ा नाम रही हैं. नूर जहां का निधन साल 2000 में हो गया था और साल 2022 में लता मंगेशकर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया.