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पतली आवाज की वजह से हुईं रिजेक्ट, 8 से ज्यादा फिल्मों में की एक्टिंग, फिर कैसे सुरों की मल्लिका बनीं Lata Mangeshkar?

कहा जाता है कि जिस समय लता मंगेशकर ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में प्ले बैक सिंगर के तौर पर एंट्री की थी तो उन्हें उस वक्त रिजेक्ट कर दिया गया था, क्योंकि उस दौर में नूर जहां और शमशाद बैगम जैसी भारी आवाज वाली सिंगर्स का दबदबा था. उस समय के लिए लता की आवाज को काफी पतला माना जाता था.

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 लता मंगेशकर
लता मंगेशकर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 8 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग कर चुकी हैं लता मंगेशकर
  • बचपन से गायकी की शौकीन रही हैं लता मंगेशकर

फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज गायिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है. पूरा देश गम में डूबा है. लता के गाने उन्हें हमेशा के लिए अमर कर गए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर कई फिल्मों में एक्टिंग भी कर चुकी हैं. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी अहम बातें.

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पतली आवाज की वजह से मिला था रिजेक्शन
लता मंगेशकर सालों से लोगों के दिलों पर अपनी सुरीली आवाज और गायकी की वजह से राज कर रही हैं. देश में ही नहीं विदेशों में भी लता की गायकी के लोग कायल हो चुके हैं. गाने का शौक लता में बचपन से ही था. उन्होंने 5 साल की छोटी सी उम्र में ही सिंगिंग शुरू कर दी थी. 

कहा जाता है कि जिस समय लता मंगेशकर ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में प्ले बैक सिंगर के तौर पर एंट्री की थी तो उन्हें उस वक्त रिजेक्ट कर दिया गया था, क्योंकि उस दौर में नूर जहां और शमशाद बैगम जैसी भारी आवाज वाली सिंगर्स का दबदबा था. उस समय के लिए लता की आवाज को काफी पतला माना जाता था.

8 से ज्यादा फिल्मों में लता ने की एक्टिंग
कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जाता है कि प्ले बैक सिंगर बनने से पहले लता मंगेशकर कई फिल्मों में एक्टिंग कर चुकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1942 में जब लता मंगेशकर के पिता का निधन हुआ, तो परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनपर आ गई थी. परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए लता मंगेशकर ने फिल्मों में एक्टिंग की. रिपोर्ट्स की मानें तो लता ने साल 1942  से 1948 तक करीब 8 से अधिक फिल्मों में एक्टिंग की. लेकिन उनकी किसी भी फिल्म से उन्हें कामयाबी नहीं मिली.

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कैसे सुरों की मल्लिका बनीं लता मंगेशकर?
लता मंगेशकर को जब फिल्मों में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने मराठी फिल्म से प्ले बैक सिंगर के तौर पर डेब्यू किया, लेकिन उनके डेब्यू गाने को ही फिल्म से निकाल दिया गया था. इस गाने का नाम था Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari. गाने को सदाशिवराव नेवरेकर ने मराठी फिल्म किट्टी हसल के लिए 1942 में कम्पोज किया था. 

लता की जिंदगी का यह पहला गाना भले ही कभी रिलीज नहीं हो सका, लेकिन यहां से एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर उनकी जर्नी शुरू हो गई और फिर वो एक के बाद गाना गाकर लोगों के दिलों पर अपनी खूबसूरत आवाज और गायकी की छाप छोड़ती गईं.

लता हजारों गानों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं. लता मंगेशकर ने लग जा गले..., भीगी-भीगी रातों में..., तेरा बिना जिंदगी से..., अजीब दास्तां है ये..., तुम आ गए हो नूर आ गया है..., एक प्यार का नगमा है..., तुझसे नाराज नहीं जिंदगी समेत हजारों गानों में अपनी खूबसूरत आवाज का ऐसा जादू बिखेरा है कि आज भी हर पीढ़ी के लोग लता के गानों को गुनगुनाते हुए नजर आते हैं और इस तरह हम सब की फेवरेट लगा मंगेशकर सुरों की मल्लिका बन गईं. 
 
म्यूजिक डायरेक्टर गुलाम हैदर ने भी लता मंगेशकर को फिल्म 'मजबूर' में 'दिल मेरा तोड़ा, कहीं का ना छोड़ा' गीत गाने का मौका दिया था, जिन्हें काफी सराहा गया. लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में गुलाम हैदर को अपना 'गॉडफादर' भी कहा था.

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