सूरज बड़जात्या बॉलीवुड इंडस्ट्री के अहम निर्देशकों में से एक रहे हैं. जहां कई निर्देशन वेस्टर्न स्टाइल के सिनेमा को बॉलीवुड में बनाने में विश्वास रखते आए हैं वहीं सूरज बड़जात्या ने हमेशा से संस्कारी परिवारों और प्रेम कहानियों को दर्शकों के सामने रखा है. 90s का समय वो था जब सूरज के बनाए फैमिली ड्रामा को बेहद पसंद किया जाता था. हम साथ-साथ हैं, हम आपके हैं कौन, विवाह जैसी बढ़िया फिल्में उन्होंने हमें दी हैं.
सूरज बड़जात्या ने 1989 में अपनी पहली फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था मैंने प्यार किया. इस फिल्म में भाग्यश्री और सलमान खान की जोड़ी नजर आई, जिन्हें दर्शकों का खूब प्यार मिला था. फिल्म सुपरहिट रही और आज भी सिनेमा के दीवाने इसे याद करते हैं. लेकिन सूरज बड़जात्या ने खुद एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि यह फिल्म ढेरों गलतियों से भरी हुई थी.
यंग लोगों की यंग फिल्म ने किया कमाल
ट्रेड एनालिस्ट और क्रिक्ट कोमल नहाटा संग बातचीत में सूरज बड़जात्या ने कहा था कि उनके पिता राजकुमार बड़जात्या और दादा तारा चंद बड़जात्या ने उन्हें इस फिल्म को बनाने में पूरा सपोर्ट किया था. सूरज ने कहा, ''उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया था. उन्होंने मुझे कहा था कि अपनी उम्र के हिसाब से बनाओ. किस्मत से कहानी यंग लोगों की थी. मैं यंग, भाग्यश्री यंग, सलमान यंग. उन्होंने कहा कि यंग के हिसाब से बनाते रहो. किसी को कॉपी करने की कोशिश मत करना. उन्होंने कहा कि खेलते रहो, गलतियां करते रहो और वो गलतियां भी फिर हिट ही साबित हुईं पिक्चर में. क्योंकि वो उम्र और वो फिल्म मैच हो गयी.''
मैंने प्यार किया में थीं गलतियां
गलतियों के बारे में सूरज ने कहा, ''बहुत गलतियां की हैं. अगर आप अंताक्षरी देखें तो आपको पता चलेगा कि भाग्यश्री के एक हाथ में मेहंदी है और एक में नहीं है. वो कुछ ऐसा हुआ था कि मैं बहुत नाराज हो गया था किसी कॉस्ट्यूम पर और मैंने कहा था कि हीरोइन को ऐसे ही ले आओ. बिना मेहंदी, एक हाथ में मेहंदी एक में नहीं और वो भी किसी ने नोटिस नहीं किया. ट्रम्पेट गलत बजाए थे सलमान ने और वो भी किसी ने नोटिस नहीं किया. सब ऐसे ही चल गया.''
सूरज ने आगे कहा, ''उस जमाने में ये गलतियां ठीक हो ही नहीं सकती थीं. उस ज़माने में ना VFX था और ना और कुछ था. री-शूट का कोई टाइम नहीं था, पहले ही इतना कुछ शूट हो चुका था. हमने वो किया जो अच्छा लगा. मुझे लगता है कि उस फिल्म के सफल होने का कारण था कि जो उम्र थी उस उम्र के हिसाब से हमने बनाई. तारा चंद जी ने मुझे कहा था कि अपने मन से बनाओ.''
पिता ने चुनी थीं सूरज की सभी फिल्में
सूरज बड़जात्या ये बताते हैं कि उनके पिता ने ही उनकी फिल्मों के चुनाव किए थे. सूरज ने बताया कि उन्होंने अपने अभी तक एक करियर में अभी तक 6 फिल्में बनाई हैं, जिसमें से 5 उनके पिता ने राज कुमार बड़जात्या ने ही चुनी थी. सूरज ने खुद सिर्फ फिल्म मैं प्रेम की दीवानी हूं को चुना था जो फ्लॉप रही थीं. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कैसे महेश भट्ट से उन्होंने फिल्मों का निर्देशन करना और सीन को सेट करना सीखा था.