90s की बड़ी एक्ट्रेसेज में से एक रहीं मनीषा कोइराला जल्द ही हिंदी में कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाली हैं. 2012 में मनीषा को कैंसर होने का पता चला, जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग से 5 साल का लंबा ब्रेक लिया था. 2017 में उन्होंने 'डियर माया' से वापसी की और उसके बाद 'लस्ट स्टोरीज' 'संजू' और 'प्रस्थानम' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं.
अब मनीषा संजय लीला भंसाली के पैशन प्रोजेक्ट 'हीरामंडी' का हिस्सा हैं, जो एक वेब सीरीज है. इसके साथ ही वो कार्तिक आर्यन की बड़ी फिल्म 'शहजादा' में भी एक महत्वपूर्ण किरदार निभा रही हैं. हाल ही में एक नए इंटरव्यू में मनीषा ने अपने यंग को स्टार कार्तिक की दिल खोलकर तारीफ की. भंसाली के साथ 'खामोशी' जैसी यादगार फिल्म कर चुकीं मनीषा ने ये भी बताया कि फिल्ममेकर में और बॉलीवुड में क्या बड़ा बदलाव आया है.
'कार्तिक का फ्यूचर बहुत ब्राइट है'
मनीषा ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक नए इंटरव्यू में बताया कि उनका 'शहजादा' पर काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा. उन्होंने कहा, 'मैं अलग-अलग जॉनर की फिल्में करने में यकीन करती हूं और हीरामंडी, शहजादा से बिल्कुल अलग है. असल में, मैंने शहजादा पहले साइन की थी और ये बिग कमर्शियल सेटअप वाली फिल्म है जो फरवरी में रिलीज हो रही है. ये बहुत अच्छी बनी है. तो मैं रिलीज के लिए एक्साइटेड हूं.'
कार्तिक के बारे में बात करते हुए मनीषा ने कहा, 'मुझे लगता है कि कार्तिक बहुत टैलेंटेड, हार्ड-वर्किंग और विनम्र व्यक्ति हैं. वो किरदार को समझते हैं और कुछ नया लेकर आते हैं. उन्होंने जिस तरह की फिल्में चुनी हैं वो भी मुझे बहुत अच्छा लगता है. इंडस्ट्री में उनका फ्यूचर बहुत ब्राइट है.'
'किसी भी एक्ट्रेस के रिकॉर्ड के लिए बहुत अच्छे हैं भंसाली'
मनीषा ने बताया कि 'हीरामंडी' बना रहे संजय लीला भंसाली से वो जब पहली बार मिली थीं, तो विधु विनोद चोपड़ा के असिस्टेंट डायरेक्टर थे. मनीषा ने कहा, 'वो तब भी एक स्वीट, विनम्र और शांत क्यक्ति थे. आज वो बड़े डायरेक्टर हैं, लेकिन उनकी बनाई हर फिल्म यूनीक और बहुत खूबसूरत है. जिस तरह का काम उन्होंने किया है, उसपर मुझे बहुत गर्व है. जितना हार्ड वर्क वो करते हैं, जितनी डिटेलिंग और मेहनत वो डालते हैं- वो अपनी पूरी यूनिट को बेस्ट करने के लिए इंस्पायर करते हैं. खामोशी से अब तक वो काफी बेहतर हो चुके हैं. वो किसी भी एक्ट्रेस के रिकॉर्ड के लिए बहुत अच्छे हैं.'
मनीषा ने ये भी कहा कि अलग-अलग उम्र की महिलों के लिए जिस तरह के किरदार अब लिखे जा रहे हैं वो बहुत अच्छा है. बहुत सारी कहानियों के नैरेटिव फीमेल-सेंट्रिक हैं क्योंकि राइटर-डायरेक्टर अब महिलाएं हैं. लेकिन अब बहुत सारे मेल राइटर भी अच्छे फीमेल-सेंट्रिक सब्जेक्ट पर फिल्म बना रहे हैं. जनता इन फिल्मों को देख भी रही है और इनकी कमिया भी अच्छी हो रही है.
यंग एक्ट्रेसेज को मैसेज देते हुए मनीषा ने कहा कि उन्हें अपने स्किल को पूरा इस्तेमाल करना चाहिए और बेहतर से बेहतर होते जाना चाहिए.