मिथुन चक्रवर्ती के दूसरे बेटे नमाशी चक्रवर्ती अपना फिल्मी डेब्यू 'बैड बॉय' से कर रहे हैं. नमाशी इस मुलाकात में हमसे अपने पापा संग इक्वेशन शेयर करते हैं.
पापा के स्टारडम का क्यों नहीं किया इस्तेमाल?
नमाशी कहते हैं, " ऐसा हो सकता था लेकिन हम कभी ऐसा करते नहीं. क्योंकि हम उस फैमिली से नहीं हैं, जहां लगता है कि शोर मचाने से बातचीत होती है. आज ही मैं पापा से फोन पर बात कर रहा था. उन्होंने समझाया कि कुछ ही दिन रिलीज को बचे हैं.अगर फिल्म नहीं चले, तो इसे इतना सीरियसली मत लेना. तुम एक्टर हो और एक्टर की जर्नी आसान नहीं होती है.उन्हें बहुत उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं. तुम्हें शोर मचाने की जरूरत नहीं है, अगर अच्छे हो, तो शोर मचेगा ही मचेगा. इसलिए हम किसी बबल में नहीं रह रहे हैं. हम न्यूकमर हैं और अपना काम बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं. बाकी जो होना है, किस्मत डिसाइड करेगी."
अरे मिथुन गोरा कैसे हो गया
पापा की लिगेसी को आगे बढ़ाने का प्रेशर नहीं होता है. नमाशी कहते हैं, "मैं सच कहूं, पापा संग तुलना करने वाले भी न मिथुन के फैंस ही हैं. वो मेरी पहली फिल्म में ही दूसरे मिथुन की उम्मीद कर रहे हैं. पापा ने 400 से भी ज्यादा फिल्में की हैं और उनके साथ मेरी तुलना कहां से जायज है. मुझे लगता है कि 'बैड बॉय' में पापा की झलक भी दिख जाए, तो फैंस खुश हो जाएंगे. मुझे तो रिएक्शन मिले हैं कि अरे मिथुन तो फिर से जवान हो गया, मिथुन तो गोरा हो गया. गोरा मिथुन चक्रवर्ती आ गया है. प्रेशर से ज्यादा यही लगता है कि अगर मैं अच्छा एक्टर हूं, तो उनके फैंस मुझे एक्सेप्ट करेंगे. इसलिए मुझे अपने क्राफ्ट पर लगातार काम करते रहना होगा. प्रेशर तो आता जाता रहेगा."
कितनी बार रिजेक्ट और रिप्लेस हुआ
अपने ऑडिशन का एक्स्पीरियंस शेयर करते हुए नमाशी बताते हैं, "मुंबई बहुत ही रुथलेस शहर है. यहां सपने देखने वालों का शहर है. मैं चालीस पचास लड़कों के साथ ऑडिशन दिया करता था. दो घंटे के लंबे इंतजार बाद जब ऑडिशन देता, तो सामने से जवाब आता कि मैं मिस फिट हूं. मुझे कितने कास्टिंग डायरेक्टर्स ने रिजेक्ट किया है. मैंने दोनों ही तरह के इमोशन सहे हैं. मुझे एक्सेप्ट कर शॉर्टलिस्ट भी किया गया है. हालांकि मैंने कभी इन्हें पर्सनली नहीं लिया है. मुझे रिप्लेस भी किया गया है. मेरे भाई (मिमोह चक्रवर्ती) के साथ कितनी बार हुआ है. उनको फिल्मों में साइन कर बाहर किया है. कई बार बीच फिल्म से निकाला गया है. स्टारकिड्स के भी चीजें बहुत आसान नहीं होती हैं. आखिरकार बिजनेस का ही खेल होता है."
पापा नहीं, मेरा भाई है मेरी इंस्पीरेशन
नमाशी कहते हैं, "मसला यह है कि घर जाकर कभी इन स्ट्रगल को लेकर रोया नहीं. मैं अपने पापा को इंस्पीरेशन तो मानता ही नहीं हूं, मैं मिमोह चक्रवर्ती को अपनी प्रेरणा मानता हूं. जब आप सक्सेसफुल हैं और मिथुन चक्रवर्ती हैं, तो भले ही आपका स्ट्रगल फुटपाथ पर ही सोकर गुजरा हो, लेकिन आपके पास लिजेंड बनने के कारण अब भी हैं. वहीं मेरे भाई के पास सबकुछ है, पैसा, प्रीविलेज्ड, कनेक्शन लेकिन अब भी वो स्ट्रगल कर रहा है. उसने हार नहीं मानी है और आज भी लड़ रहा है. मुझे मेरे भाई से रोजाना हिम्मत मिलती है. वो हर रोज लड़ता है, वो हर रोज खड़ा होता है. वो जो इंस्पीरेशन मुझे भाई से मिली है, वो मेरे लिए मील का पत्थर साबित होगी."
शूटिंग के दौरान पापा संग अपनी यादों को शेयर करते हुए नमाशी बताते हैं, "एक वक्त आया था, जब हमारी फैमिली 1994 में मोनार्क, ऊटी में शिफ्ट हो गई थी. पैदाईश मुंबई में हुई, लेकिन जब दो साल का था, तो पापा हमें लेकर ऊटी शिफ्ट हो गए. पापा ने होटल खरीद लिया था. हमारा होटल फिल्मसिटी जैसा लगता था, एक बार अमिताभ बच्चन दिख रहे हैं, तो दूसरे दिन सलमान शाहरुख खान, गोविंदा, अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, शक्ति कपूर साहब नजर आते थे. आलम तो ऐसा हो गया था कि मैं जब मुंबई आता था, तो कंपलेन करता था कि यहां तो फिल्म स्टार नहीं दिख रहे हैं."
और पापा ने मुझे बैन कर दिया था
नमाशी आगे कहते हैं, "एक बात जो मुझे याद है,मैं विलेन को देखकर बहुत डरा करता था. वो जब होटल में आते थे, तो उन्हें देखते ही मैं यू-टर्न ले लेता था. कभी सामना हो गया, तो मैं चिल्लाने लगता था कि अब ये मुझे और मेरे पापा को मरेगा. मैं रो-रोकर हल्ला करने लगता था. विलेन मेरे पास ही नहीं आते थे, उन्हें लगता था कि ये डर जाएगा. अब जब उनसे मिलता हूं, तो वो ही कहते हैं कि बेटा अब तुम हमसे नहीं डरते हो न. पहले पापा को मार खाता देख, मैं ट्रायल छोड़ देता था. मुझे लगता था कि वो असल में मेरे पापा को मार रहे हैं. पापा ने मुझपर बैन लगा दिया था. कहते थे कि एक्शन फिल्मों में इसको लेकर मत आना. पापा मेरे बगल में बैठे होते थे और मुझे लगता था कि असल में उन्हें मार पड़ रही है."