
साउथ सुपरस्टार नागार्जुन फेमस परिवार से आते हैं. उनके पिता नागेश्वर राव अक्किनेनी भी साउथ के बड़े सितारे हुआ करते थे. गोवा में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2024 के दौरान उन्होंने पिता की जर्नी को याद किया. नागार्जुन ने बताया कि उनके पिता नागेश्वर राव एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे. वो किसान परिवार से आए थे और एक्टर बनने का उनका सफर औरों से काफी अलग रहा था.
पिता के बारे में नागार्जुन ने की बात
नागार्जुन ने बताया, 'वो बहुत हंबल परिवार से आए थे. वो किसान परिवार से थे. ऐसे गांव से जहां बिजली नहीं थी. मेरी दादी हमेशा चाहती थी कि उनके पास कोई बेटी हो, लेकिन वहां कोई लड़कियां नहीं थीं. तो वो मेरे पिता को लड़कियों के कपड़े पहनाती थीं. मुझे लगता है कि शायद यही चीजें थीं, जिनकी वजह से आगे जाकर वो एक्टर बने. वो उन्हें लड़कियों के कपड़े पहनाती थीं, उनकी चोटी बनाती थीं और वो बहुत प्यारे लगते थे. उन दिनों में महिलाओं को स्टेज पर एक्टिंग करने की इजाजत नहीं थी. तो उन्होंने महिलाओं के, लड़कियों के रोल करने शुरू किए. वो पहली बार स्टेज पर हीरोइन बने थे. तब वो बहुत यंग थे, शायद 15 साल के. मेरे पास आज भी उनकी लड़की के लुक में फोटो है. उसमें वो हूबहू मेरी बड़ी बहन सत्या जैसे दिख रहे हैं.'
नागेश्वर राव अक्किनेनी की किस्मत एक दिन यूं ही बदल गई थी. एक रेलवे स्टेशन पर उनकी मुलाकात फेमस प्रोड्यूसर से हुई थी. इस बारे में नागार्जुन ने बताया, 'किस्मत ने जैसे ही अपना पासा फेंका, वो एक रेलवे स्टेशन पर थे. एक फेमस प्रोड्यूसर ने उन्हें चलकर जाते देखा और कहा अरे इस लड़के की आंखें सुंदर हैं, नाक अच्छी है. उन्होंने लड़के को अपने पास बुलाया और पूछा कि क्या तुम एक्टिंग करना चाहते हो. उसके बाद जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो गया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'ये 1944 की बात है. वो अपने भाई के साथ चेन्नई शिफ्ट हो गए थे. मेरे दादा जी तब तक स्वर्ग सिधार चुके थे, तो उनका बड़ा भाई ही उनके लिए पिता समान था. मेरे पिता अपनी कमर मटकाकर चलते थे. ये उनके लिए एक्टिंग थी क्योंकि उन्होंने ड्रामा और स्टेज पर लड़कियों के रोल किए थे. लोगों ने इसके लिए उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें बहुत दुख पहुंचा था.'

आत्महत्या करना चाहते थे नागेश्वर राव
नागार्जुन ने बताया कि नागेश्वर खुद को खत्म कर देना चाहते थे लेकिन ऐसा हो न सका. एक्टर ने बताया, 'वो चेन्नई के मरीना बीच गए थे और उन्होंने कहा था कि वो आत्माहत्या करना चाहते थे, क्योंकि उनका बहुत मजाक बढ़ गया था. उन्होंने मुझे बताया था कि वो पानी में कमर तक उतर भी गए थे. लेकिन लहरों को देखकर उनका मन बदल गया और उन्होंने फैसला किया कि वो सभी को गलत साबित करके दिखाएंगे और वापस आ गए. उन्होंने खुद को ठीक किया और फिर उन्होंने श्रीराम का किरदार उस फिल्म में निभाया.'
नागेश्वर ने अपनी चाल के साथ-साथ अपनी आवाज को भी बदला था. नागार्जुन ने इस बारे में बताया, 'ये भी कहा जाता था कि उनकी आवाज बहुत कमजोर है. तो वो सुबह उठकर बीच जाते थे और किसी ने उन्हें कहा था कि अगर आप सिगार स्मोक करेंगे तो आपकी आवाज और रफ होगी. तो वो सिगार स्मोक करते थे और फिर समंदर पर 10 से 20 मिनट तक चिल्लाया करते थे ताकि उनकी आवाज भारी हो जाए. उस वक्त कोई डबिंग नहीं होती थी, तो जो था आपकी अपनी आवाज ही थी.'