बीजेपी नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी का मुद्दा अब बढ़ता दिख रहा है. इस घटनाक्रम के बाद कुछ देशों ने तो भारतीय दूत को तलब कर लिया था. कई खाड़ी देशों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया. वहीं दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया गया है. विवाद बढ़ने के बाद अब नसीरुद्दीन शाह ने भी मुद्दे पर अपनी राय रखी है.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने इस विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वो इन लोगों को थोड़ी अच्छी समझ दें. ऋषिकेश में धर्म संसद में जो कहा गया. अगर वो उसमें भरोसा करते हैं तो उन्हें ऐसा कहना चाहिए. अगर वो इसमें भरोसा नहीं करते हैं तो भी उन्हें ये बात कहनी चाहिए.
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ट्विटर पर जिन नफरत फैलाने वालों को फॉलो करते हैं, उन्हें उनके लिये कुछ करना चाहिए. जहर को बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें कड़ा कदम उठाने की जरूरत है. नसीरुद्दीन शाह ने ये भी कहा कि मोदी सरकार ने जो कार्रवाई की, बहुत बहुत कम और बहुत देर से की. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि एक दिन लोगों में अच्छी समझ आएगी और मुसलमानों के खिलाफ नफरत खत्म होगी.
पार्टी से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा अपने बयान पर माफी मांग चुकी हैं, जिसे नसीरुद्दीन शाह ने पाखंड बताया है. एक्टर का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई भी किस्सा याद नहीं है जब किसी मुस्लिम ने हिंदू-देवताओं पर विवादित कमेंट किया हो. इसके अलावा उन्होंने नूपुर शर्मा को मिली धमकी की भी निंदा की है.
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि आज आलम यह है कि यदि कोई मुस्लिम अपने अधिकार की बात करता है, तो उस पर निशाना साधा जाता है. आखिर हम हर किसी को भारतीय की तरह क्यों नहीं देखते.
वो कहते हैं कि अगर आप शांति और एकता की बात करते हैं, तो आपको एक साल के लिये जेल में डाल दिया जाता है. वहीं अगर कोई नरसंहार की बात करे, तो मामूली सी सजा दी जाती है. ये दोहरे मापदंड की तरह है, जो जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास ‘1984’ में दिखाई गई दोहरी सोच को दर्शाता है.
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