नवाजुद्दीन सिद्दीकी इंडिया के उन एक्टर्स में से हैं, जिन्हें एक्टिंग का इंस्टिट्यूट कहा जाता है. 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' 'मंटो' और 'फोटोग्राफ' जैसी एक से एक जानदार फिल्में कर चुके नवाजुद्दीन, शनिवार को एजेंडा आजतक 2022 के मंच पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि भले अभी तक उन्हें गंभीर किरदारों के लिए जाना जाता हो, लेकिन उनकी आने वाली फिल्मों में से कई लव स्टोरीज हैं.
नवाजुद्दीन ने अपने करियर की शुरुआत में बहुत सारे छोटे-छोटे रोल निभाए. एक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर दिल्ली से मुंबई पहुंचे. लेकिन शुरुआत में उन्हें ऐसे किरदार नहीं मिले, जो उनके टैलेंट के स्थ न्याय कर सकें. तो ऐसे में उन्हें क्या गुस्सा नहीं आता था? एजेंडा आजतक में नवाजुद्दीन ने इस बात का जवाब दिया.
'एक्टर हूं, एक्टिंग की आदत है'
नवाजुद्दीन ने बताया कि करियर के शुरू में उन्हें बहुत छोटे छोटे रोल जरूर मिल रहे थे, लेकिन उन दिनों ये कोई अलग बात नहीं थी. उन्होंने कहा, 'उस समय ये आम बात हुआ करती थी. हीरो बनने के लिए एक खास तरह की बॉडी, खास तरह का लुक और रंग चाहिए होता था.' लेकिन एक्टिंग से प्यार करने वाले नवाजुद्दीन मुंबई आकर डटे रहे और जो काम मिलता गया करते गए. वो कहते हैं 'एक्टर हूं, एक्टिंग की आदत है, वो जाएगी कहां.'
नवाजुद्दीन ने कहा कि उनके लिए सिनेमा एक सेट फॉर्मूला पर बनने वाली फिल्म नहीं है, बल्कि उससे बहुत आगे की चीज है. उन्होंने कहा, 'जब तक हीरो-हिरोइन का कॉन्सेप्ट नहीं खत्म होगा, सिनेमा नहीं बनेगा.'
गांव में अभी भी असर नहीं करता स्टारडम
नवाजुद्दीन ने कहा कि उन्हें कभी ये परवाह नहीं रही कि अगर वो नाकाम होकर वापिस गांव लौटे तो लोग 'एक्टर बनने चला था' का ताना देंगे.बल्कि वो बताते हैं कि इतना नाम कमा लेने के बावजूद उनके गांव में तो अभी भी वही हाल है कि किसी को कुछ नहीं समझा जाता. उन्होंने कहा, 'वहां तो अभी भी वैसा ही है. मैं जाता हूं तो मेरा कॉलर पकड़ के 4-5 फोटो खींचा लेंगे, और फिर साइड कर देंगे कि चल हो गया हमारा.'