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सिर्फ एक फिल्म में एक्टिंग करने आईं डायना कैसे बन गई नयनतारा... फिल्मी है 'लेडी सुपरस्टार' की कहानी

'जवान' में नयनतारा को दर्शकों ने इतना पसंद किया कि बहुतों को लगा कि उन्हें और स्क्रीन टाइम मिलना चाहिए था. लेकिन क्या आपको पता है कि आज की 'लेडी सुपरस्टार नयनतारा की एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वो केवल एक फिल्म में काम करने आई थीं? क्या आप जानते हैं कि ऋतिक और नयनतारा में क्या कॉमन है? आइए बताते हैं...

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'लेडी सुपरस्टार' नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)
'लेडी सुपरस्टार' नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

साल की सबसे बड़ी इंडियन ब्लॉकबस्टर 'जवान' में नयनतारा को स्क्रीन पर देखना हिंदी फिल्म दर्शकों के लिए एक कमाल का एक्सपीरियंस था. साउथ में अपने शानदार रिकॉर्ड से 'लेडी सुपरस्टार' का टाइटल पाने वाली नयनतारा की स्क्रीन प्रेजेंस इतनी सॉलिड थी कि लोग उन्हें स्क्रीन पर और भी ज्यादा देहना चाहते थे. 

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हिंदी फिल्म फैन्स के लिए 'जवान', नयनतारा को बड़े पर्दे पर देखने का पहला मौका बनकर आई. लेकिन साउथ की चार बड़ी इंडस्ट्रीज में अपने शानदार काम के दम पर नयनतारा का भौकाल पहले ही बहुत तगड़ा बन चुका था. ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि 20 साल लंबे करियर में तमिल, मलयालम, तेलुगू और कन्नड़ में हिट्स दे चुकीं नयनतारा को एक्टिंग में कोई दिलचस्पी ही नहीं थी.  

'लेडी सुपरस्टार' बनने में नयनतारा ने अपने क्राफ्ट पर जितना काम किया, उस मेहनत का क्रेडिट तो पूरी तरह उनका है. लेकिन उनका फिल्मों तक आना अपने आप में किस्मत का खेल ही कहा जा सकता है. 

उत्तर भारत से ऐसा कनेक्शन कि यहीं का खाना है फेवरेट 
18 नवंबर 1984 को बैंगलोर, कर्नाटक में पैदा हुईं डायना मरियम कुरियन ने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि वो बड़े पर्दे पर एक्टिंग करेंगी. भारतीय वायु सेना के ऑफिसर कुरियन कोडियट्टु की बेटी, डायना ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई, गुजरात और दिल्ली में की. पिता रिटायर हुए तो केरल में रहने लगे. वहीं पर मार्थोमा कॉलेज से, इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन और चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी कर रहीं डायना मॉडलिंग करने लगीं. 

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करियर के शुरूआती दौर में नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

मलयालम सिनेमा के बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक सत्यन अन्तिकड़ जब अपनी अगली फिल्म के लिए एक्ट्रेस तलाश रहे थे, तो उन्हें डायना याद आई. लेकिन डायना को एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने इतने बड़े डायरेक्टर को साफ मना कर दिया कि वो फिल्म नहीं कर सकतीं. लंबी कहानी को शॉर्ट में कहें तो सत्यन अड़ गए और उनकी जिद को देखते हुए डायना ने भी अनमने मन से हामी भर दी लेकिन सिर्फ 'इस एक फिल्म' के लिए! बाद के एक इंटरव्यू में इस एक्ट्रेस ने बताया कि उनका बचपन उत्तर भारत में ऐसा बीता कि आज भी नॉर्थ इंडियन खाना उनका फेवरेट है!  

नाम में सबकुछ रखा है! 
डायना ने अपनी पहली फिल्म  Manassinakkare के लिए शूट शुरू कर दिया. लेकिन सिनेमा में एक्टर्स को प्रेजेंट करने का एक अलग टशन भरा ट्रेंड रहा है. इसमें नाम का बड़ा खेल होता है. वरना तो मोहम्मद युसूफ खान वही रहते, दिलीप कुमार क्यों बनते! डायरेक्टर सत्यन को डायना का भविष्य बहुत प्रबल नजर आ रहा था, वो चाहते थे कि उनकी इस एक्ट्रेस को लोग जाने भी किसी ऐसे ही नाम से. 
Manassinakkare से एक्टिंग कमबैक करने जा रहीं नेशनल अवार्ड विनर एक्ट्रेस शांति ने सत्यन को नाम सुझाया- नयनतारा. यानी 'आसमान का सबसे चमकदार सितारा'.

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शांति ने भी अपने इंटरव्यू में बताया कि नयनतारा नाम रखते समय ही उन्हें पता था कि ये लड़की 'लेडी सुपरस्टार' बन सकती है. नयनतारा का काम बड़े पर्दे पर इस कदर शोर मचाने लगा कि जल्द ही उनका नाम भी लोगों को रट गया. ईसाई परिवार में जन्मी इस एक्ट्रेस ने जब 2011 में हिंदू धर्म अपनाया तो अपने स्टेज वाले नाम नयनतारा को ही अपना नया नाम बना लिया. 

नयनतारा और मोहनलाल (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

स्टारडम के संसार का सबसे चमकदार सितारा
सिर्फ एक फिल्म करने के लिए राजी हुईं नयनतारा की पहली फिल्म चल निकली. अब उन्हें दूसरा ऑफर मिला मलयालम सिनेमा के एक और शानदार डायरेक्टर फाजिल से. फिल्म के हीरो मोहनलाल थे. ज्यादातर हिंदी फिल्में देखकर बड़ी हुईं नयनतारा, साउथ के जिन बड़े एक्टर्स के नाम जानती थीं उनमें से एक मोहनलाल थे. 2005 के एक इंटरव्यू में नयनतारा ने बताया कि पहली फिल्म देखकर किसी ने उन्हें बुरी एक्ट्रेस तो नहीं कहा था. और दूसरा ऑफर इतना जानदार था कि उन्होंने सोचा चलो ये मौका भी ट्राई कर लेते हैं. 

फाजिल की साइकोलॉजिकल थ्रिलर Vismayathumbathu में नयनतारा ने आत्मा का किरदार ऐसा निभाया कि रिव्यूज बताते हैं, क्रिटिक्स उन्हें देखकर हैरान रह गए. मोहनलाल को 'कंप्लीट एक्टर' कहा जाता है और उनकी फिल्म में अपने काम के दम पर अलग से नोटिस हो जाना किसी भी एक्टर के लिए बहुत बड़ी बात है. वो लगातार दो फिल्मों में मोहनलाल के साथ नजर आईं. 

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'चंद्रमुखी' में नयनतारा और रजनीकांत (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

अपने काम से नयनतारा ने ऐसा असर छोड़ा कि उन्हें अब वो मौका मिला जिसके लिए साउथ ही नहीं इंडिया की कोई भी एक्ट्रेस तुरंत हां कर दे. तीन मलयालम फिल्में करने के बाद नयनतारा को तमिल सिनेमा में डेब्यू का मौका मिला और उन्होंने नई इंडस्ट्री में अपनी पहली फिल्म 'अय्या' के लिए शूट शुरू कर दिया था. इसी बीच उन्हें ऑफर हुई रजनीकांत की फिल्म 'चंद्रमुखी'. 800 दिन तक थिएटर्स में चलती रही इस फिल्म ने नयनतारा को ऐसा पॉपुलर बना दिया कि अब हर डायरेक्टर उन्हें ही फिल्म में लेना चाहता था. 

स्टारडम के बीच भी नहीं छोड़ा रिस्क लेना 
नयनतारा अपने डेब्यू के 3 साल के अंदर ही बड़ी स्टार बन चुकी थीं. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी सेफ खेलने पर ज्यादा जोर नहीं दिया, बल्कि हमेशा नए किरदार तलाशती रहीं. नयनतारा शुरू से ही अलग-अलग जॉनर की फिल्में खूब ट्राई कर रही थीं. फैमिली ड्रामा से डेब्यू, फिर साइकोलॉजिकल थ्रिलर और हॉरर, करियर के शुरू में ही नयनतारा ये ट्राई कर चुकी थीं. तमिल में बनी ऑरिजिनल 'गजनी' (2005) में नयनतारा को फिर से बड़ी कामयाबी दिलाई. 

विजय सेतुपति के साथ फिल्म में नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

'वल्लवन' (2006) में उन्होंने एक लेक्चरर का किरदार निभाया जिसे अपनी उम्र से काफी छोटे स्टूडेंट से प्यार हो जाता है. 'ई' (2006) में नयनतारा ने बार डांसर के एक पेंचीदा रोल में क्रिटिक्स का दिल जीता और तेलुगू डेब्यू में 'बिल्ला' (2007) में अजित कुमार के साथ ऐसे ग्लैमरस अंदाज में दिखीं कि लोगों के मुंह खुले रह गए. उनके किरदारों की वैरायटी ने उन्हें हमेशा फ्रेश बनाए रखा और 2010 वो साल बना जब नयनतारा का जादू साउथ की हर इंडस्ट्री पर नजर आया. इस साल तेलुगू में उनकी 'सिम्हा' और 'अधुर्स' सुपरहिट रहीं. तमिल में Boss Engira Bhaskaran, मलयालम में 'बॉडीगार्ड' और कन्नड़ में 'सुपर' अपनी-अपनी इंडस्ट्री की बड़ी हिट साबित हुईं. 

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सीता के रोल में नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

एक तरफ नयनतारा 'श्री राम राज्यम' (2011) में सीता का माइथोलॉजिकल किरदार निभाती दिखीं, तो दूसरी तरफ 'राजा रानी' (2013) में रोमांटिक रोल में नजर आईं. साथ ही 'अनामिका' (2014) और 'माया' (2015) जैसी फीमेल लीड वाली फिल्मों में भी क्रिटिक्स उनकी परफॉरमेंस से इम्प्रेस होते रहे. डार्क कॉमेडी Naanum Rowdy Dhaan (2015) में वो बदला लेने को तैयार एक बहरी लड़की के रोल में नजर आईं और Puthiya Niyamam (2016) में रेप सर्वाइवर के किरदार में दिखीं, जिसे उनके करियर का बेस्ट किरदार भी कहा गया. 

फैंटेसी पर बेस्ड 'काश्मोरा' (2016) हो, या हॉरर फिल्म 'डोरा' (2017) नयनतारा के खाते में एक से बढ़कर एक शानदार परफॉरमेंस दर्ज हैं. 2018 में आई उनकी फिल्मों Kolamaavu Kokila और थ्रिलर Imaikkaa Nodigal, पूरे देश में सबसे बड़ी ओपनिंग वाली फीमेल लीड वाली फिल्में बनीं.

'बिल्ला' में नयनतारा और अजित कुमार (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

एक से बढ़कर एक जानदार किरदार और इसके साथ ही बॉक्स ऑफिस पर मिली कामयाबी ने उन्हें 'लेडी सुपरस्टार' बना दिया. जिस बॉलीवुड में काम करने के लिए देशभर के कलाकार हमेशा तैयर नजर आते हैं, वहां भी नयनतारा ने जब 'जवान' से डेब्यू करना चुना तो वजह यही थी कि किरदार मजबूत था. और ये फिल्म भी उनके बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड में बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर बनकर आई.  

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ऋतिक और नयनतारा में क्या है कॉमन?
नयनतारा के तगड़े फैन्स को भी उनके बारे में एक बात अक्सर नहीं पता होती. बॉलीवुड सुपरस्टार ऋतिक और लेडी सुपरस्टार नयनतारा दोनों के हाथों में एक एक्स्ट्रा उंगली है. जहां ऋतिक के दाएं हाथ में एक एक्स्ट्रा अंगूठा है, वहीं नयनतारा के बाएं हाथ में एक एक्स्ट्रा छोटी उंगली है.

'काश्मोरा' में नयनतारा (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

हालांकि, ऋतिक के मुकाबले नयनतारा की एक्स्ट्रा उंगली बहुत छोटी है और बहुत ध्यान से नोटिस करने पर नजर आती है. सिर्फ एक फिल्म में एक्टिंग करने के लिए राजी हुईं नयनतारा एक दिन 'लेडी सुपरस्टार' कही जाएंगी ये सायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा. लेकिन उनकी कहानी में जितना बड़ा रोल किस्मत का है, उतना ही उनकी अपनी मेहनत का भी. और इसी वजह से वो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखने वाली लड़कियों के लिए एक बड़ी रोल मॉडल भी हैं.

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