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एक्टर बनने से पहले पंकज त्रिपाठी ने की थी पहलवानों के लिए पंडिताई, बदले में मिली ये दक्षिणा

इस सेशन में पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदारों के बारे में बात की और बताया कि वह कैसे इन किरदारों में ढलते हैं. साथ ही उन्होंने खुद को मिली अभिनय की दुनिया में डटे रहने की सलाह के बारे में भी बताया. पंकज त्रिपाठी ने यह भी कहा कि देशभर में उन्हें ओटीटी ने फेमस किया है. 

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पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंकज त्रिपाठी ने की थी पंडिताई
  • बदले में मिली अनोखी दक्षिणा

इंडिया टुडे ई-माइंड रॉक्स 2021 के दूसरे दिन बॉलीवुड के टैलेंटेड और फेमस एक्टर पंकज त्रिपाठी ने शिरकत की. पंकज ने लल्लनटॉप के एडिटर सौरभ द्विवेदी संग The new age hero: What it takes to succeed in both films and OTT सेशन के दौरान बातचीत की.

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पंकज त्रिपाठी ने की थी पंडिताई

इस बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने बताया कि फिल्मी दुनिया में आने पहले उनके एक प्रोफेशन ने उन्हें एक्टिंग करने के लिए प्रेरित किया था. सौरभ द्विवेदी ने पंकज त्रिपाठी से पूछा कि वह सालों पहले अपने गांव में पहलवानों के यहां पंडिताई करने गए थे, यही उनका पहला प्रोफेशन था और इससे मिली दक्षिणा से ही उनका फिल्मों की तरफ रुख होने में योगदान रहा, आप इस बारे में हमें बताएं.

पंकज त्रिपाठी ने इसके जवाब में बताया, 'वो बड़ा दिलचस्प किस्सा है. मैं कर्मकांड की कुछ ही गतिविधि में गया हूं. एक बुजुर्ग महिला थीं, उनके दामाद थे पांच-छह और वो दामाद सारे सिनेमा हॉल में काम करते थे. तो मैंने पूजा पाठ सारा करवा दिया था और जब मैं निकलने को हुआ तो मैंने कहा कि दक्षिणा दीजिए, पंडित जी जा रहे हैं. उस दिन मेरे गांव में पंडित कोई था नहीं. तो जब वो लोग आए थे तो उन्हें बताया गया था कि पंडित जी नहीं है. फिर किसी ने मुझे बोला था तुम ही जाओ और तुम ही करवा देना.'

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पूजा-पाठ के बदले मिली ये दक्षिणा

उन्होंने आगे बताया, 'मुझे पूछा गया मंत्र तुम्हें याद है ना? मैंने कहा मंत्र तो मुझे याद हैं. तो बोला गया कि कोई बात नहीं है वो इतने समझदार नहीं हैं, भोजन मंत्र से भी चल जाएगा. तो मैं गया. फिर पूजा करवाने के बाद मैंने कहा दक्षिणा दीजिए. मैं उस समय 10वीं क्लास में था तो 14-15 साल का रहा होऊंगा. तो पूजा करवाने वाले थे वो लंबे-चौड़े पहलवान थे. उन्होंने बोला आपको दक्षिणा में क्या दें, आप तो नौजवान हैं. हम लोग गोपालगंज के तीनों सिनेमाहॉल के दरबान हैं अलग-अलग, जनता टॉकीज, कृष्णा टॉकीज और श्याम चित्र मंदिर, तो आप कभी भी फिल्म देखने आइए आपके लिए टिकट और एंट्री फ्री. हम भूल भी जाएं तो आप याद दिला देना कि आप पंडित जी हैं.'

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इसी के चलते पंकज का रुझान फिल्मों की तरफ हुआ था. इस सेशन में पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदारों के बारे में बात की और बताया कि वह कैसे इन किरदारों में ढलते हैं. साथ ही उन्होंने खुद को मिली अभिनय की दुनिया में डटे रहने की सलाह के बारे में भी बताया. पंकज त्रिपाठी ने यह भी कहा कि देशभर में उन्हें ओटीटी ने फेमस किया है. 

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