बिहार के एक छोटे से गांव से मुंबई की मायानगरी का सफर पंकज त्रिपाठी के लिए आसान नहीं रहा है. हालांकि देर सवेर ही सही आज पंकज इंडस्ट्री के सशक्त अभिनेता में से एक माने जाते हैं. गैंग्स ऑफ वासेपुर की सक्सेस ने पंकज त्रिपाठी के करियर को एक नई दिशा दी है. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा है. आलम यह है कि पंकज जी का नाम बिजी एक्टर्स की फेरिहस्त में शुमार हो चुका है.
बता दें, पंकज त्रिपाठी इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे हैं. अप्रैल की पहले हफ्ते तक वहीं रहेंगे. आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत पर पंकज कहते हैं, दिल्ली में तो खैर बहुत बार फिल्मों की शूटिंग की है लेकिन इस बार जहां हूं, वो जगह मेरे लिए थोड़ी सी स्पेशल है. दरअसल इस जगह से मेरे स्ट्रगल की कई सारी प्यारी यादें जुड़ी हैं. मैं जब इस जगह पहुंचा, तो थोड़ा इमोशनल हो गया.
पंकज आगे बताते हैं, आज से लगभग 19 साल पहले अपने एनएसडी कॉलेज के दौरान मैं वकील लाइन के हॉस्टल में रहा करता था. यहां मैं एक साल रहा. मुझे याद है, हम रोजाना रात को खाने के बाद इस लाइन में टहला करते थे. तब सोचा करते थे कि अरे हम तो एक्टर बनेंगे, सिनेमा करने जाएंगे. हालांकि यह सब थर्ड ईयर में ही सोचना शुरू किया था. इससे पहले एक्टर बनने का तो कोई इरादा नहीं था. उस वक्त सोचता था कि पता नहीं कभी सपना पूरा होगा भी या नहीं, या कैसे एक्टिंग की करियर को दिशा दूंगा. आज देखो, मैं उसी लाइन में 19 साल बाद अपनी वैनिटी वैन के साथ खड़ा हूं और फिल्म की शूटिंग कर रहा हूं. सुबह जब आया, तो बहुत ही अजीब सा इमोशन था, लगा कि अरे ये तो वही गली है, जहां एक्टर बनने का सपना देखा करता था. आज किस्मत ने उसी गली में लाकर खड़ा किया है. मैंने ये बात अपने को-एक्टर्स से भी शेयर करते हुए कहा कि लोग तो कहते हैं कि मेमोरी लेन और आज सुबह तो मेरी जीवन का रियल में मेमोरी लेन हुआ है.
पंकज बताते हैं, अभी हम सब लंच की सोच ही रहे थे, तो मैंने उन्हें सजेस्ट किया है कि यहां रिफ्यूजी मार्केट में एक ढाबा है, जहां हमलोग 19 साल पहले खाने जाया करते थे. बहुत ही सस्ता होता था, लेकिन स्वाद बहुत आता था. मैंने टीम के साथ प्लान किया है कि वहीं जाकर लंच करूंगा. अपनी कुछ यादों को ताजा करूंगा.