स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने संगीत जगत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था. उनके योगदान को हमेशा से शीर्ष पर रखा जाएगा. कई सिंगर्स के लिए लता प्रेरणा रहीं. वो लता के गाने सुनकर बड़े हुए, उनके गानों को सुन संगीत की परिभाषा को जाना. इन्हीं में से एक रहे पंकज उधास. जो लता मंगेशकर को अपना गुरु मानते थे.
पंकज को किस बात का दुख?
पंकज उधास ने लता मंगेशकर संग अपनी पहली मुलाकात, उनके साथ गाए गानों की यादें और पुराने किस्सों को शेयर किया. पंकज ने कहा- मैंने लता जी के साथ तीन गाने गाए थे. लेकिन मेरी बदकिस्मती रही जो तीनों गाने मैंने लता जी के साथ गाए. उनमें मैं उनसे नहीं मिल सका. जब भी मैं स्टूडियो पहुंचा तो पता चला वो अपना पार्ट डब करके चली गई हैं.
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जब पहली बार लता से मिले थे पंकज
''मैं कॉलेज में पहली बार लता जी को मिला था. कभी सपने में नहीं सोचा था उनसे मुलाकात होगी. मैंने उनकी लाइव परफॉर्मेंस देखी. वहां से सिलसिला शुरू हुआ. लता जी के घर हर साल गणपति आते थे. हर साल मैं उनके घर गणपति में जाता था. जरूरी नहीं होता था जो उनके घर गणपति पर जाए उनसे मिले. पर मैं कोशिश करता था उनसे मुलाकात हो जाए. ''
लता का ये गाना गाकर हुए स्कूल में फेमस
पंकज उधास ने बताया कि उन्होंने स्कूल के दिनों से लता जी के गाने गाए. लता जी का गाना ऐ मेरे वतन के लोगों.. उनके दिल के काफी करीब रहा. वे कहते हैं- तब रेडियो पर ये गाना सुबह से शाम तक 8-10 बार बजता था. ये पूरा गाना मैंने याद कर लिया था. मैं स्कूल में एसेंबली में इसे गाता था.
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''प्रिंसिपल कहते थे पंकज तुम हमको रुला देते हो. मैं एक शाम एक कार्यक्रम में अपने पेरेंट्स के साथ वहां गया हुआ था. वहां प्रिंसिपल ने ऑर्गेनाइजर को कहा ये बच्चा ऐ मेरे वतन... गाना अच्छा गाता है. मैंने फिर वहां ये गाना गाया.ऑडियंस में एक शख्स ने खुश होकर मुझे 52 रुपये दिए थे.''