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'जितना मौत के करीब जा रहा हूं, काम के प्रति दिलचस्पी कम हो रही है' बोले पीयूष मिश्रा 

पीयूष मिश्रा ने हाल ही में अपनी ऑटोबायोग्राफी तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा रिलीज किया है. अपने बायोग्राफी लिखने की खास वजह पर पीयूष हमसे बातचीत करते हैं. इसके अलावा पीयूष ने अपने डायरेक्शन की ख्वाहिश पर भी बात की है.

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पीयूष मिश्रा
पीयूष मिश्रा

जाने-माने नाटककार, एक्टर, म्यूजिक कंपोजर पीयूष मिश्रा एक लंबे समय से अपने फैंस को एंटरटेन करते आए हैं. पीयूष मिश्रा अपनी कविताओं और गानों की वजह से यंग जनरेशन के बीच खास जगह बना चुके हैं. पीयूष का मानना है कि उनके कई फैंस ने उन्हें अपने प्यार से भगवान का दर्जा दे दिया था और यही खास वजह है कि उन्होंने अपनी जिंदगी की जर्नी को किताब का रूप दिया है. पीयूष ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा', उन यंगस्टर्स को डेडिकेट किया है, जो उन्हें भगवान मानते हैं. 

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आजतक डॉट इन से खास बातचीत के दौरान पीयूष बताते हैं, मैंने यह किताब उन लोगों को डेडिकेट की है, जिन्हें मैं सज्जन व्यक्ति लगता हूं और मुझे अपना आइडियल या कह लें भगवान मानने लगे थे. मैं चाहता था कि वे मेरी जिंदगी के उन काले सच से रूबरू हों और उन्हें यह बात समझ आए कि मैं भी एक निहायत ही ऑर्डनरी किस्म का इंसान हूं. मैंने अपनी किताब में उन सारी गलतियों, गंदी लतों का जिक्र किया है, जिससे उन्हें समझ आए कि मैं एक इंसान हूं और गलतियां करता रहता हूं. 

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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वैसे तो एक्टर, राइटर, म्यूजिक कंपोजर पीयूष मिश्रा ने एंटरटेनमेंट के ज्यादातर फील्ड में अपनी क्रिएटिविटी का लोहा मनवाया है. जब हमने उनसे जानना चाहा कि ऐसी कोई ख्वाहिश जिस पर काम करना चाहते हैं, तो इसके जवाब में पीयूष कहते हैं, ऐसी तो कोई ख्वाहिश बची नहीं है. अब पता नहीं कि क्या करना चाहता हूं, फिलहाल तो फोकस एक्टिंग पर ही है. हां, डायरेक्शन की इच्छा जरूर है लेकिन उसके लिए भी बहुत तैयारी करनी होगी. डायरेक्शन एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है, हालांकि उसके लिए उठने की इच्छा नहीं है. 

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पीयूष आगे कहते हैं, सच कहूं, तो अब धीरे-धीरे वैराग्य आते जा रहा है. अब तो कोई काम करने की इच्छा नहीं होती है. लगता है कि अब मृत्यु सता रही है. मैं जैसे-जैसे मृत्यु के नजदीक पहुंचता जा रहा हूं, काम करने की इच्छा छूटती जा रही है. देखो, काम करने की भी एक इंतेहा होती है, आप कबतक काम करते रहेंगे. कब तक इसी दौड़-भाग में लगे रहेंगे. आपको थककर बैठने की इच्छा भी होती है. तो मैं आजकल मैं वही कर रहा हूं, धीरे-धीरे मृत्यु की ओर अग्रसर की तैयारी कर रहा हूं. 

 

 

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