बॉलीवुड के फेमस गीतकार और सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी ने अपनी मां को खो दिया है. प्रसून की मां सुषमा जोशी का निधन रविवार, 24 अप्रैल की सुबह हुआ. मां को खोने के बाद से प्रसून जोशी और उनका परिवार गम में डूबे हुए हैं. परिवार ने एक बयान जारी कर मां के जाने का ऐलान किया था. साथ ही बताया था कि सुषमा जोशी का अंतिम संस्कार गुरुग्राम के राम बाग श्मशान भूमि में किया गया था. प्रसून के इस दुख में कई सेलेब्स ने भी उन्हें दिलासा दिया है और उनके लिए प्रार्थना की है.
प्रसून जोशी जाने-माने गीतकार होने के साथ-साथ कवि भी हैं. उन्होंने देश और प्यार के बारे में तो कविताएं लिखी ही हैं. साथ ही मां के लिए भी कुछ बेहद इमोशनल करने वाली कविताओं को लिखा है. इतना ही नहीं बॉलीवुड की फिल्मों में इन कविताओं को गानों का रूप दिया गया, जिन्होंने लाखों-करोड़ों दर्शकों को रुलाया. ऐसे में हम आपके लिए लाये हैं प्रसून जोशी की मां पर लिखी कविताएं.
फिल्म - रंग दे बसंती (2006)
म्यूजिक - ए आर रहमान
लिरिक्स - प्रसून जोशी
सिंगर - लता मंगेशकर
लुका छुपी बहुत हुई
सामने आ जा ना
कहां-कहां ढूंढा तुझे
थक गई है अब तेरी मां
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नजर आ जा ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नजर आ जा ना
क्या बताऊं मां कहां हूं मैं
यहां उड़ने को मेरे खुला आसमां है
तेरे किस्सों जैसा भोला सलोना जहां है
यहां सपनों वाला
मेरी पतंग हो बेफिक्र उड़ रही है मां
डोर कोई लुटे नहीं बीच से काटे ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नजर आ जा ना
तेरी राह ताके अंखियां
जाने कैसा कैसा होए जिया
तेरी राह ताके अंखियां
जाने कैसा कैसा होए जिया
धीरे-धीरे आंगन उतरे अंधेरा
मेरा दीप कहां
ढलके सूरज करे इशारा चंदा तू है कहां
मेरे चंदा तू है कहां
कैसे तुझको दिखाऊं यहां है क्या
मैंने झरने से पानी मां तोड़ के पिया है
गुच्छा गुच्छा कई ख्वाबों का उछल के छुआ है
छाया लिया भली धूप यहां है
नया नया सा है रूप यहां
यहां सब कुछ है मां फिर भी
लगे बिन तेरे मुझको अकेला...
CBFC चेयरमैन Prasoon Joshi की मां सुषमा जोशी का निधन, बॉलीवुड में शोक की लहर
फिल्म - तारे जमीन पर (2007)
म्यूजिक - शंकर एहसान लॉय
लिरिक्स - प्रसून जोशी
सिंगर - शंकर महादेवन
मैं कभी बतलाता नहीं
पर अंधेरे से डरता हूं मैं मां
यूं तो मैं, दिखलाता नहीं
तेरी परवाह करता हूं मैं मां
तुझे सब है पता, है ना मां
तुझे सब है पता, मेरी मां
भीड़ में, यूं ना छोड़ो मुझे
घर लौट के भी आ ना पाऊं मां
भेज ना इतना दूर मुझको तू
याद भी तुझको आ ना पाऊं मां
क्या इतना बुरा हूं मैं मां
क्या इतना बुरा मेरी मां
जब भी कभी पापा मुझे
जो ज़ोर से झूला झुलाते हैं मां
मेरी नजर ढूंढे तुझे
सोचूं यही तू आ के थामेगी मां
उनसे मैं ये कहता नहीं
पर मैं सहम जाता हूं मां
चेहरे पे आने देता नहीं
दिल ही दिल में घबराता हूं मां
तुझे सब है पता है ना मां
तुझे सब है पता मेरी मां
मैं कभी बतलता नहीं...